चरखी दादरी: बाढड़ा को नगरपालिका बनाए जाने को लेकर बीते कुछ दिनों से लगातार विरोध प्रदर्शन हो (people protest in charkhi dadri) रहा है. नगरपालिका को रद्द कर बाढड़ा और हंसावास खुर्द में दोबारा ग्राम पंचायत की बहाली की मांग कर रहे दोनों गांवों के ग्रामीणों में समय बीतने के साथ रोष बढ़ता जा रहा है. बीते 8 सितंबर से धरना दे रहे ग्रामीणों ने धरनास्थल से लेकर बाढड़ा के मुख्य क्रांतिकारी चौक तक रोष (Badhra municipality in charkhi dadri) मार्च निकाला था.
विरोध कर रहे ग्रामीणों ने चौक पर प्रदेश के सीएम और बाढड़ा विधायक नैना चौटाला के पुतले फूंके. ग्रामीणों के समर्थन में राजनीतिक पार्टियां भी पहुंच गई. बता दें कि बाढड़ा को नगरपालिका का दर्जा (Municipality place as Badhra) देने के साथ ही विरोध शुरू हो गया था. ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए भाजपा और जजपा के अलावा अन्य राजनीतिक पार्टियों ने भी इसे मुद्दा बनाया है. एक पक्ष जहां नगर पालिका के हक में है तो दूसरा पक्ष ग्राम पंचायतें बहाल करने के पक्ष में है. इसी कड़ी में गांव हंसावास खुर्द में चल रहे धरने पर सामाजिक संगठनों के साथ-साथ राजनीतिक लोगों ने नगर पालिका को भंग कर ग्राम पंचायतें बहाल के लिए रोष जताया.
ग्रामीणों ने कहा कि उन्होंने बाढड़ा विधायक से लेकर सांसद, मंत्री और मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी मांग रखी थी. जहां उन्हें नगर पालिका रद्द करवाने का आश्वासन दिया गया था. लेकिन अब उनकी मांग की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. धरने पर पहुंचे पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रणसिंह मान और विद्यानंद ने दोनों ही संयुक्त रूप से ग्राम पंचायतें बहाल करने के पक्ष में हैं. उन्होंने कहा कि सरकार उनकी मांग पूरी क्यों नहीं कर रही है. अगर ऐसा ही रहा तो धरने पर डटे रहेंगे और आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे.
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