चरखी दादरी: हरियाणा सरकार ने सरकारी मेडिकल कॉलेजों में सालाना फीस 53 हजार से बढ़ाकर सीधे 10 लाख रुपये कर दिया है. इस फीस बढ़ोतरी के खिलाफ परिजनों का गुस्सा भी देखने को मिला. इस मामले में अभिभावकों ने बच्चों के साथ मिलकर रोष प्रकट किया. इस दौरान अभिभावकों ने विधायक सोमबीर सांगवान को ज्ञापन सौंपकर फीस बढ़ोतरी वापस लेने की मांग की.
इसके साथ ही अल्टीमेटम दिया कि अगर फीस बढ़ोतरी वापस नहीं लिया गया तो दूसरे प्रदेशों में बच्चों को दाखिला दिलाएंगे और सड़कों पर उतरकर विरोध करेंगे. मेडिकल की नीट परीक्षा पास करने वाले बच्चों और अभिभावकों ने रविवार को रोष जताते हुए विधायक सोमबीर सांगवान के निवास पर पहुंचे और सीएम के नाम ज्ञापन सौंपा.
अभिभावकों ने बताया कि जिस प्रदेश में छात्राओं की फीस माफी की बात की जाती है उसी प्रदेश के मेडिकल कक्षाओं के लिए 10 लाख रुपये सालाना फीस की बढोतरी की जाती है. ऐसे में अगर किसी विद्यार्थी के साथ कोई हादसा हो जाता है तो अभिभावकों की जीवनभर की कमाई खत्म हो जाएगी. ऐसे में सरकार को अपनी फीस बढोतरी का फैसला वापस लेना चाहिए.
अभिभावकों ने बताया कि मेडिकल की नीट परीक्षा पास करने वाले बच्चों के दाखिले के लिए उन्होंने किसी तरह 53 हजार रुपये का प्रबंध कर लिया था. लेकिन सरकार ने अचानक से फीस को बढ़ातक 10 लाख रुपये तक कर दिया. सरकार ने फीस बढ़ाकर उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है.
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ऐसे में उनके समक्ष बच्चों का भविष्य बनाने के लिए कोई चारा नहीं बचा. या तो वे अपने बच्चों को दूसरे प्रदेशों में दाखिला दिलवाएंगे या फिर बच्चों संग सडकों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेंगे. वहीं विधायक सोमबीर सांगवान ने कहा कि बढ़ाई गई फीस को लेकर मुख्यमंत्री से मिलकर बात करेंगे और फीस कम करवाने के लिए पूरी कोशिश की जाएगी.