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शराबियों का अड्डा बना सुलभ शौचालय! कहीं लटके हैं ताले, तो कहीं पड़ी हैं बोतलें

सरकार कहती है कि खुले में सोच ना जाएं लेकिन जितने भी शौचालय महिलाओं के लिए बनाए गए हैं उन सभी के पर ताले लगे हुए हैं. इसके अलावा कुछ शौचालय तो दारू पीने के अड्डे बन चुके हैं.

negligence of public toilet in charkhi dadari
शराबियों का अड्डा बना सुलभ शौचालय
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Published : Nov 27, 2019, 5:38 PM IST

Updated : Nov 27, 2019, 5:56 PM IST

चरखी दादरी: सुलभ शौचालयों की देख-रेख के अभाव में बनी दुर्दशा सरकार और प्रशासन के दावों की पोल खोल रही है. स्थिति यहां तक पहुंच चुकी है कि व्यवस्था के अभाव में दादरी शहर के सभी सुलभ शौचालय दम तोड़ते हुए नजर आ रहे हैं.

सरकार और जिला प्रशासन द्वारा नगर परिषद के सहयोग से जगह-जगह जो सुलभ शौचालय बनवाए गए हैं उनमें ना तो पानी की कहीं कोई सुविधा है और ना ही उनकी कभी सफाई की जाती. अधिकांश सुलभ शौचालय तो साफ-सफाई के अभाव में खंडहर बन चुके हैं.

शराबियों का अड्डा बना सुलभ शौचालय! देखिए रिपोर्ट

लोगों को सुलभ शौचालय की बजाए खुले में शौच जाना पड़ रहा है, जबकि सरकार का दावा है कि कोई भी व्यक्ति खुले में शौच न जाए. शहर के मेन बाजारा, कोर्ट परिसर, वैश्य स्कूल, नगर परिषद, पार्क, अस्पताल व अन्य स्थानों पर बनाए गए सुलभ शौचालयों को बनाने के बाद कभी संभाला ही नहीं है. कुछ शौचालयों पर ताले लटके हुए हैं तो कुछ की हालत ऐसी बनी है कि वहां ना तो सफाई और ना ही पानी. इन शौचालयों में शराब की खाली बातलें जरूर मिल जाएंगी.

शौचालयों की साफ-सफाई और रखरखाव पूरी तरह न के बराबर है. इससे आसपास के लोगों व दुकानदारों को शौचालय से आने वाली बदबू के चलते जीना दुर्भर हो गया है. वैश्य स्कूल के पास स्थित सुलभ शौचालय के पास डंपिंग प्वॉइंट बना रखा है जिसकी ना तो शौचालय की साफ सफाई करते हैं.

प्रॉपर तरीके से और ना ही वह कूड़े का उठान ढंग से होता है. हालात ऐसे हैं कि यहां से स्कूल जाने वाले विद्यार्थियों को मुंह से कपड़ा ढककर निकलना पड़ रहा है. हालांकि नागरिक समय-समय पर प्रशासन को शिकायत कर चुके हैं बावजूद इसके कोई समाधान नहीं होता.

क्या कहते हैं नागरिक
स्थानीय नागरिक स्नेहलता व मीना देवी ने बताया कि क्या करें, शौचालयों से बदबू आती है फिर भी बच्चों को स्कूल जाने के लिए यहां से निकलना पड़ रहा है. सरकार कहती है कि खुले में सोच ना जाएं पर जितने भी शौचालय महिलाओं के लिए बनाए गए हैं, उन सभी पर ताले लगे हुए हैं.

इसके अलावा कुछ शौचालय तो दारू पीने के अड्डे बन चुके हैं. नगर पार्षद दिनेश जांगड़ा ने बताया कि शहर में जितने भी मोबाइल टॉयलेट हैं वह पिछले 6 महीने से खड़े हैं न तो उन में पानी की व्यवस्था है न उनमें टूटी है. सही तरीके से साफ सफाई नहीं होने के कारण खंडहर व जर्जर हो चुके हैं.

ये पढ़ें- थाली से गायब हुए प्याज और टमाटर, दुकानदार परेशान तो जनता का बिगड़ा बजट

हम करेंगे सफाई
नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी अभय सिंह यादव ने बताया कि शुलभ शौचालयों की साफ-सफाई और रखरखाव के लिए कर्मचारियों की ड्यूटियां लगाई गई हैं. कुछ असामाजिक तत्वों की तरफ से शौचालयों को खराब किया गया है.

इस बारे में शहर के शौचालयों का निरीक्षण करके सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी. अब उनके संज्ञान में पूरा मामला आया है तो कर्मचारियों की विशेष ड्यूटियां लगाकर साफ-सफाई करवाते हुए पानी की व्यवस्था करवा दी जाएगी.

चरखी दादरी: सुलभ शौचालयों की देख-रेख के अभाव में बनी दुर्दशा सरकार और प्रशासन के दावों की पोल खोल रही है. स्थिति यहां तक पहुंच चुकी है कि व्यवस्था के अभाव में दादरी शहर के सभी सुलभ शौचालय दम तोड़ते हुए नजर आ रहे हैं.

सरकार और जिला प्रशासन द्वारा नगर परिषद के सहयोग से जगह-जगह जो सुलभ शौचालय बनवाए गए हैं उनमें ना तो पानी की कहीं कोई सुविधा है और ना ही उनकी कभी सफाई की जाती. अधिकांश सुलभ शौचालय तो साफ-सफाई के अभाव में खंडहर बन चुके हैं.

शराबियों का अड्डा बना सुलभ शौचालय! देखिए रिपोर्ट

लोगों को सुलभ शौचालय की बजाए खुले में शौच जाना पड़ रहा है, जबकि सरकार का दावा है कि कोई भी व्यक्ति खुले में शौच न जाए. शहर के मेन बाजारा, कोर्ट परिसर, वैश्य स्कूल, नगर परिषद, पार्क, अस्पताल व अन्य स्थानों पर बनाए गए सुलभ शौचालयों को बनाने के बाद कभी संभाला ही नहीं है. कुछ शौचालयों पर ताले लटके हुए हैं तो कुछ की हालत ऐसी बनी है कि वहां ना तो सफाई और ना ही पानी. इन शौचालयों में शराब की खाली बातलें जरूर मिल जाएंगी.

शौचालयों की साफ-सफाई और रखरखाव पूरी तरह न के बराबर है. इससे आसपास के लोगों व दुकानदारों को शौचालय से आने वाली बदबू के चलते जीना दुर्भर हो गया है. वैश्य स्कूल के पास स्थित सुलभ शौचालय के पास डंपिंग प्वॉइंट बना रखा है जिसकी ना तो शौचालय की साफ सफाई करते हैं.

प्रॉपर तरीके से और ना ही वह कूड़े का उठान ढंग से होता है. हालात ऐसे हैं कि यहां से स्कूल जाने वाले विद्यार्थियों को मुंह से कपड़ा ढककर निकलना पड़ रहा है. हालांकि नागरिक समय-समय पर प्रशासन को शिकायत कर चुके हैं बावजूद इसके कोई समाधान नहीं होता.

क्या कहते हैं नागरिक
स्थानीय नागरिक स्नेहलता व मीना देवी ने बताया कि क्या करें, शौचालयों से बदबू आती है फिर भी बच्चों को स्कूल जाने के लिए यहां से निकलना पड़ रहा है. सरकार कहती है कि खुले में सोच ना जाएं पर जितने भी शौचालय महिलाओं के लिए बनाए गए हैं, उन सभी पर ताले लगे हुए हैं.

इसके अलावा कुछ शौचालय तो दारू पीने के अड्डे बन चुके हैं. नगर पार्षद दिनेश जांगड़ा ने बताया कि शहर में जितने भी मोबाइल टॉयलेट हैं वह पिछले 6 महीने से खड़े हैं न तो उन में पानी की व्यवस्था है न उनमें टूटी है. सही तरीके से साफ सफाई नहीं होने के कारण खंडहर व जर्जर हो चुके हैं.

ये पढ़ें- थाली से गायब हुए प्याज और टमाटर, दुकानदार परेशान तो जनता का बिगड़ा बजट

हम करेंगे सफाई
नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी अभय सिंह यादव ने बताया कि शुलभ शौचालयों की साफ-सफाई और रखरखाव के लिए कर्मचारियों की ड्यूटियां लगाई गई हैं. कुछ असामाजिक तत्वों की तरफ से शौचालयों को खराब किया गया है.

इस बारे में शहर के शौचालयों का निरीक्षण करके सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी. अब उनके संज्ञान में पूरा मामला आया है तो कर्मचारियों की विशेष ड्यूटियां लगाकर साफ-सफाई करवाते हुए पानी की व्यवस्था करवा दी जाएगी.

Intro:शराबियों के अड्डे में तब्दील हुए सुलभ शौचालय!
: कहीं लटके हैं ताले, तो कहीं पड़ी हैं बोतलें
: सरकार के दावों की पोल खुली, ना पानी ना सफाई
चरखी दादरी, 26 दिसम्बर : सुलभ शौचालयों की देख-रेख के अभाव में बनी दुर्दशा सरकार और प्रशासन के दावों की पोल खोल रही है। स्थिति यहां तक पहुंच चुकी है कि व्यवस्था के अभाव में दादरी शहर के सभी सुलभ शौचालय दम तोड़ते हुए नजर आ रहे हैं। सरकार और जिला प्रशासन द्वारा नगर परिषद के सहयोग से जगह-जगह जो सुलभ शौचालय बनवाए गए हैं उनमें ना तो पानी की कहीं कोई सुविधा है और ना ही उनकी कभी सफाई की जाती। अधिकांश सुलभ शौचालय तो साफ-सफाई के अभाव में खंडहर बन चुके हैं।Body:लोगों को सुलभ शौचालय की बजाए खुले में शौच जाना पड़ रहा है, जबकि सरकार का दावा है कि कोई भी व्यक्ति खुले में शौच न जाए। शहर के मेन बाजारा, कोर्ट परिसर, वैश्य स्कूल, नगर परिषद, पार्क, अस्पताल व अन्य स्थानों पर बनाए गए सुलभ शौचालयों को बनाने के बाद कभी संभाला ही नहीं है। कुछ शौचालयों पर ताले लटके हुए हैं तो कुछ की हालत ऐसी बनी है कि वहां ना तो सफाई और ना ही पानी। इन शौचालयों में शराब की खाली बातलें जरूर मिल जाएंगी। शौचालयों की साफ-सफाई व रखरखाव पूरी तरह न के बराबर है। इससे आसपास के लोगों व दुकानदारों को शौचालय से आने वाली बदबू के चलते जीना दुर्भर हो गया है। वैश्य स्कूल के पास स्थित सुलभ शौचालय के पास डंपिंग पॉइंट बना रखा है जिसकी न तो शौचालय की साफ सफाई करते हैं प्रॉपर तरीके से और ना ही वह कूड़े का उठान ढंग से होता है। हालात ऐसे हैं कि यहां से स्कूल जाने वाले विद्यार्थियों को मुंह से कपड़ा ढककर निकलना पड़ रहा है। हालांकि नागरिक समय-समय पर प्रशासन को शिकायत कर चुके हैं बावजूद इसके कोई समाधान नहीं होता।
बाक्स:-
क्या कहते हैं नागरिक
स्थानीय नागरिक स्नेहलता व मीना देवी ने बताया कि क्या करें, शौचालयों से बदबू आती है फिर भी बच्चों को स्कूल जाने के लिए यहां से निकलना पड़ रहा है। सरकार कहती है कि खुले में सोच ना जाएं पर जितने भी शौचालय महिलाओं के लिए बनाए गए हैं उन सभी के पर ताले लगे हुए हैं। इसके अलावा कुछ शौचालय तो दारू पीने के अड्डे बन चुके हैं। नगर पार्षद दिनेश जांगड़ा ने बताया कि शहर में जितने भी मोबाइल टॉयलेट हैं वह पिछले 6 महीने से खड़े हैं न तो उन में पानी की व्यवस्था है न उनमें टूटी है। सही तरीके से साफ सफाई नहीं होने के कारण खंडहर व जर्जर हो चुुके हैं।Conclusion:बाक्स:-
करते हैं सफाई, नहीं होगी समस्या
नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी अभय सिंह यादव ने बताया कि शुलभ शौचालयों की साफ सफाई व रखरखाव के लिए कर्मचारियों की ड्यूटियां लगाई गई हैं। कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा शौचालयों को खराब किया गया है। इस बारे में शहर के शौचालयों का निरीक्षण करके सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। अब उनके संज्ञान में पूरा मामला आया है तो कर्मचारियों की विशेष ड्यूटियां लगाकर साफ-सफाई करवाते हुए पानी की व्यवस्था करवा दी जाएगी।
विजवल:- 1
शौचालय बना डंपिंग प्वाइंट, बदबू के बीच से बच्चे को स्कूल छोडऩे जाती महिला, शौचालयों में पड़ी शराब की बोतलें व शुलभ शौचलयों की जर्जर हालत के कट शाटस
बाईट:- 2
मीना देवी, स्थानीय नागरिक
बाईट:- 3
अभय सिंह यादव, कार्यकारी अधिकारी नगर परिषद
Last Updated : Nov 27, 2019, 5:56 PM IST
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