चरखी दादरी: भारतीय संस्कृति में गुरु पूर्णिमा पर्व का अलग ही महत्व है. आज का दिन गुरुओं के प्रति श्रद्धा और सम्मान का प्रतीक है. जिनका स्थान हमारे जीवन में गुरु के रुप में होता है और जिनके मार्गदर्शन से पूरा जीवन ही बदल जाता है. ऐसे ही गुरु द्रोणाचार्य अवॉर्डी महाबीर पहलवान हैं, जिनके मार्गदर्शन से बेटियों का जीवन बदला. बेटियों के लिए गुरु महाबीर पहलवान ने खुद संघर्ष किया और इनकी जिंदगी बदल दी.
गुरु पूर्णिमा के अवसर पर महाबीर पहलवान की अकेडमी में सम्मान कार्यक्रम किया गया. इस दौरान कुश्ती के गुर सिख रहे बच्चों ने अपने गुरु को मिठाइयां खिलाकर आशीर्वाद लिया. कुश्ती के गुर सिख रहे बच्चों ने कहा कि, 'गुरु के बिना हम आगे नहीं बढ़ सकते. जिस तरह गीता, बबीता, विनेश और अन्य बेटियों ने गुरु महाबीर जी की मेहनत से आज विश्व स्तर पर अपनी पहचान कायम की है. ऐसे में वे प्रेरणा लेकर अपने गुरु के सहयोग से आगे बढ़ते हुए देश का नाम रोशन करना चाहते हैं'.
वहीं पहलवान महाबीर फोगाट ने गुरु पूर्णिमा का शुभकामनाएं देते हुए कहा कि, 'मैंने कभी भी अपनी बेटियों को बाप बनकर शिक्षा नहीं दी, बल्कि हमेशा गुरु बनकर उनको पहलवानी के गुर सिखाए हैं. उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए आज उनकी बेटियां देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में नाम रोशन कर रही हैं'.
महाबीर ने कहा कि गुरु को लेकर उनके और बेटियों के नाम पर दंगल फिल्म बनी है. जिसमें गुरु के महत्व के बारे में बताया गया है कि कैसे एक पिता ने गुरु बनकर बेटियों को कुश्ती के गुर सिखाकर ऊंचाइयों पर पहुंचाया. जो आज उन बच्चों के लिए प्रेरणा है कि वे अपने गुरु के बताए मार्ग पर चलते हुए देश-विदेश में नाम रोशन करें.