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गुरु पुर्णिमा स्पेशल: महाबीर फोगाट ने अपनी शिष्यों के साथ मनाया गुरु पुर्णिमा का त्योहार

गुरु पूर्णिमा के अवसर पर महाबीर पहलवान की अकेडमी में सम्मान कार्यक्रम किया गया. इस दौरान कुश्ती के गुर सिख रहे बच्चों ने अपने गुरु को मिठाइयां खिलाकर आशीर्वाद लिया.

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Published : Jul 16, 2019, 10:29 PM IST

Updated : Jul 17, 2019, 8:30 AM IST

गुरु पुर्णिमा स्पेशल: जानिए महाबीर फोगाट की शिष्यों ने क्या कहा

चरखी दादरी: भारतीय संस्कृति में गुरु पूर्णिमा पर्व का अलग ही महत्व है. आज का दिन गुरुओं के प्रति श्रद्धा और सम्मान का प्रतीक है. जिनका स्थान हमारे जीवन में गुरु के रुप में होता है और जिनके मार्गदर्शन से पूरा जीवन ही बदल जाता है. ऐसे ही गुरु द्रोणाचार्य अवॉर्डी महाबीर पहलवान हैं, जिनके मार्गदर्शन से बेटियों का जीवन बदला. बेटियों के लिए गुरु महाबीर पहलवान ने खुद संघर्ष किया और इनकी जिंदगी बदल दी.

देखिए रिपोर्ट

गुरु पूर्णिमा के अवसर पर महाबीर पहलवान की अकेडमी में सम्मान कार्यक्रम किया गया. इस दौरान कुश्ती के गुर सिख रहे बच्चों ने अपने गुरु को मिठाइयां खिलाकर आशीर्वाद लिया. कुश्ती के गुर सिख रहे बच्चों ने कहा कि, 'गुरु के बिना हम आगे नहीं बढ़ सकते. जिस तरह गीता, बबीता, विनेश और अन्य बेटियों ने गुरु महाबीर जी की मेहनत से आज विश्व स्तर पर अपनी पहचान कायम की है. ऐसे में वे प्रेरणा लेकर अपने गुरु के सहयोग से आगे बढ़ते हुए देश का नाम रोशन करना चाहते हैं'.

वहीं पहलवान महाबीर फोगाट ने गुरु पूर्णिमा का शुभकामनाएं देते हुए कहा कि, 'मैंने कभी भी अपनी बेटियों को बाप बनकर शिक्षा नहीं दी, बल्कि हमेशा गुरु बनकर उनको पहलवानी के गुर सिखाए हैं. उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए आज उनकी बेटियां देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में नाम रोशन कर रही हैं'.

महाबीर ने कहा कि गुरु को लेकर उनके और बेटियों के नाम पर दंगल फिल्म बनी है. जिसमें गुरु के महत्व के बारे में बताया गया है कि कैसे एक पिता ने गुरु बनकर बेटियों को कुश्ती के गुर सिखाकर ऊंचाइयों पर पहुंचाया. जो आज उन बच्चों के लिए प्रेरणा है कि वे अपने गुरु के बताए मार्ग पर चलते हुए देश-विदेश में नाम रोशन करें.

चरखी दादरी: भारतीय संस्कृति में गुरु पूर्णिमा पर्व का अलग ही महत्व है. आज का दिन गुरुओं के प्रति श्रद्धा और सम्मान का प्रतीक है. जिनका स्थान हमारे जीवन में गुरु के रुप में होता है और जिनके मार्गदर्शन से पूरा जीवन ही बदल जाता है. ऐसे ही गुरु द्रोणाचार्य अवॉर्डी महाबीर पहलवान हैं, जिनके मार्गदर्शन से बेटियों का जीवन बदला. बेटियों के लिए गुरु महाबीर पहलवान ने खुद संघर्ष किया और इनकी जिंदगी बदल दी.

देखिए रिपोर्ट

गुरु पूर्णिमा के अवसर पर महाबीर पहलवान की अकेडमी में सम्मान कार्यक्रम किया गया. इस दौरान कुश्ती के गुर सिख रहे बच्चों ने अपने गुरु को मिठाइयां खिलाकर आशीर्वाद लिया. कुश्ती के गुर सिख रहे बच्चों ने कहा कि, 'गुरु के बिना हम आगे नहीं बढ़ सकते. जिस तरह गीता, बबीता, विनेश और अन्य बेटियों ने गुरु महाबीर जी की मेहनत से आज विश्व स्तर पर अपनी पहचान कायम की है. ऐसे में वे प्रेरणा लेकर अपने गुरु के सहयोग से आगे बढ़ते हुए देश का नाम रोशन करना चाहते हैं'.

वहीं पहलवान महाबीर फोगाट ने गुरु पूर्णिमा का शुभकामनाएं देते हुए कहा कि, 'मैंने कभी भी अपनी बेटियों को बाप बनकर शिक्षा नहीं दी, बल्कि हमेशा गुरु बनकर उनको पहलवानी के गुर सिखाए हैं. उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए आज उनकी बेटियां देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में नाम रोशन कर रही हैं'.

महाबीर ने कहा कि गुरु को लेकर उनके और बेटियों के नाम पर दंगल फिल्म बनी है. जिसमें गुरु के महत्व के बारे में बताया गया है कि कैसे एक पिता ने गुरु बनकर बेटियों को कुश्ती के गुर सिखाकर ऊंचाइयों पर पहुंचाया. जो आज उन बच्चों के लिए प्रेरणा है कि वे अपने गुरु के बताए मार्ग पर चलते हुए देश-विदेश में नाम रोशन करें.

Intro:गुरु पूर्णिमा पर विशेष:-
गुरु जिन्होंने बेटियों का जीवन बदल दिया
द्रोणाचार्य अवार्डी महाबीर पहलवान ने बेटियों को कुश्ती के गुर सिखाकर बनाई मिसल
चरखी दादरी। भारतीय संस्कृति में गुरु पूर्णिमा पर्व का अलग ही महत्व है। यह दिन उन व्यक्तियों के प्रति श्रद्धा और सम्मान का प्रतीक है। जिनका स्थान हमारे जीवन में गुरु के रुप में होता है और जिनके मार्गदर्शन से पूरा जीवन ही बदल जाता है। ऐसे ही गुरु द्रोणाचार्य अवार्डी महाबीर पहलवान हैं जिनके मार्गदर्शन से बेटियों का जीवन बदला। बेटियों के लिए गुरु महाबीर पहलवान ने खुद संघर्ष किया और इनकी जिंदगी बदल दी। Body:अपने गुरु महाबीर पहलवान से प्रेरणा लेकर चरखी दादरी के कस्बा झोझू कलां में कुश्ती अकादमी में बच्चों को कुश्ती के गुर सिखा रहे हैं। बेटियां गीता, बबीता, विनेश व रीतू के कुश्ती में विश्व स्तर पर परचम लहराने पर क्षेत्र ही नहीं बल्कि देेशभर की बेटियों ने दंगल में उतरते हुए अपनी विशेष पहचान बनाई है। गुरु महाबीर पहलवान अब छोटे बच्चों को अपनी अकेडमी में कुश्ती के गुर सिखा रहे हैं और भविष्य में देश के लिए पहलवान तैयार कर रहे हैं। Conclusion:गुरु पूर्णिमा के अवसर पर महाबीर पहलवान की अकेडमी में सम्मान कार्यक्रम किया गया। इस दौरान कुश्ती के गुर सिख रहे बच्चों ने अपने गुरु को मिठाइंया खिलाकर आशीर्वाद लिया। कुश्ती के गुर सिख रहे बच्चों ने कहा कि गुरु के बिना हम आगे नहीं बढ़ सकते। जिस तरह गीता, बबीता, विनेश व अन्य बेटियों ने गुरु महाबीर जी की मेहनत से आज विश्व स्तर पर अपनी पहचान कायम की है। ऐसे में वे प्रेरणा लेकर गुरु के सहयोग से आगे बढ़ते हुए देश का नाम रोशन करना चाहते हैं। वहीं पहलवान महाबीर फौगाट ने गुरू पूर्णिमा का शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मैंने कभी भी अपनी बेटियों को बाप बनकर शिक्षा नही दी बल्कि हमेशा गुरु बनकर उनको पहलवानी में गुर सिखाए हैं। उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए आज बेटियां देश ही नहीं बल्कि विदेशों में नाम रोशन कर रही हैं। महाबीर ने कहा कि गुरु को लेकर उनके व बेटियों के नाम पर दंगल फिल्म बनी है। जिसमें गुरु के महत्व के बारे में बताया गया है कि कैसे एक पिता ने गुरु बनकर बेटियों को कुश्ती के गुर सिखाकर उंचाइयों पर पहुंचाया। आज उन बच्चों को प्रेरणा है कि वे अपने गुरु के बताए मार्ग पर चलते हुए देश-विदेश में नाम रोशन करें।
विजवल:- 1
कुश्ती अकेडमी पर लगे गीता-बबीता-विनेश के होर्डिंग्स, गुरु पूर्णिमा पर द्रोणाचार्य अवार्डी गुरु महाबीर पहलवान को मिठाइयां खिलाते बच्चे, कुश्ती के गुर सिखाते महाबीर के कट शाटस
बाईट:- 2
सुमित, बाल पहलवान
बाईट:- 3
महाबीर फौगाट, द्रोणाचार्य अवार्डी
Last Updated : Jul 17, 2019, 8:30 AM IST
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