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चरखी दादरी: उठाव न होने से मंडियों में बर्बाद हो रहा अनाज

चरखी दादरी की अनाज मंडियों में उठान नहीं होने से कई टन गेहूं खराब हो गया है. गेहूं और सरसों की फसल लोथड़े बनकर सड़कों पर दिखाई दे रहे हैं. लेकिन मंडी के अधिकारियों की आंखों पर पट्टी बंधी हुई है.

grain waste in mandi due to rain in charkhi dadri
अनाज का उठाव न होने से मंडियों में हो रहा अनाज बर्बाद
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Published : May 30, 2020, 9:11 PM IST

चरखी दादरी: भले ही सरकार ने किसानों की फसल का दाना-दाना खरीदने का दावा किया हो. लेकिन गेहूं का सुरक्षित भंडारण तक सरकार नहीं कर सकी है. चरखी दादरी की अनाज मंडियों में चारों तरफ सरसों और गेहूं बिखरा पड़ा है. इस पर से दिन भर वाहन गुजर रहे हैं. पिछले दिनों हुई बारिश और उठान नहीं होने के चलते गेहूं की गुणवत्ता में खासी कमी आई है. हालात ऐसे बन गए हैं कि गेहूं और सरसों के लोथड़े सड़कों पर दिखाई देते हैं.

खुले में पड़ा है हजारों टन अनाज

सरकार चाहे कुछ भी दावे करे लेकिन हकीकत कुछ और ही है. खरीद एजेंसियों और अधिकारियों की लापरवाही की वजह से दादरी की मंडी में अन्न का अनादर किया जा रहा है. मंडियों में हजारों टन सरसों और गेहूं खुले में पड़ा है. लॉकडाउन के चलते श्रमिक नहीं मिलने से जहां उठान की समस्या आ रही है. वहीं अधिकारियों की लापरवाही भी साफ झलक रही है.

उठाव न होने से मंडियों में बर्बाद हो रहा अनाज

मंडी के आढ़तियों ने अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि अधिकारियों की लचर प्रणाली और उदासीन रवैये की वजह से उन्हें काफी नुकसान हो रहा है. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन की वजह से मजदूर नहीं मिल रहे हैं. जिसकी वजह से यहां पर उठान नहीं हो पा रहा है.

खरीद एजेंसियों से मीटिंग कर दिए निर्देश

मार्केट कमेटी सचिव सुरेश खोखर ने कहा कि लिफ्टिंग के कारण मंडी में अनाज खराब हो रहा है. ऐसे हालातों को देखते हुए खरीद एजेंसियों से मीटिंग की गई है. उन्होंने बताया कि अधिकारियों को उठाने के निर्देश दिए गए हैं.

इसे भी पढ़ें: रोहतक: कोविड-19 वार्ड में ड्यूटी कर रही स्टाफ नर्सों का परिवार को याद कर छलका दर्द

चरखी दादरी: भले ही सरकार ने किसानों की फसल का दाना-दाना खरीदने का दावा किया हो. लेकिन गेहूं का सुरक्षित भंडारण तक सरकार नहीं कर सकी है. चरखी दादरी की अनाज मंडियों में चारों तरफ सरसों और गेहूं बिखरा पड़ा है. इस पर से दिन भर वाहन गुजर रहे हैं. पिछले दिनों हुई बारिश और उठान नहीं होने के चलते गेहूं की गुणवत्ता में खासी कमी आई है. हालात ऐसे बन गए हैं कि गेहूं और सरसों के लोथड़े सड़कों पर दिखाई देते हैं.

खुले में पड़ा है हजारों टन अनाज

सरकार चाहे कुछ भी दावे करे लेकिन हकीकत कुछ और ही है. खरीद एजेंसियों और अधिकारियों की लापरवाही की वजह से दादरी की मंडी में अन्न का अनादर किया जा रहा है. मंडियों में हजारों टन सरसों और गेहूं खुले में पड़ा है. लॉकडाउन के चलते श्रमिक नहीं मिलने से जहां उठान की समस्या आ रही है. वहीं अधिकारियों की लापरवाही भी साफ झलक रही है.

उठाव न होने से मंडियों में बर्बाद हो रहा अनाज

मंडी के आढ़तियों ने अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि अधिकारियों की लचर प्रणाली और उदासीन रवैये की वजह से उन्हें काफी नुकसान हो रहा है. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन की वजह से मजदूर नहीं मिल रहे हैं. जिसकी वजह से यहां पर उठान नहीं हो पा रहा है.

खरीद एजेंसियों से मीटिंग कर दिए निर्देश

मार्केट कमेटी सचिव सुरेश खोखर ने कहा कि लिफ्टिंग के कारण मंडी में अनाज खराब हो रहा है. ऐसे हालातों को देखते हुए खरीद एजेंसियों से मीटिंग की गई है. उन्होंने बताया कि अधिकारियों को उठाने के निर्देश दिए गए हैं.

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