चरखी दादरी: करोड़ों रुपये की लागत से बने दादरी जिले के लघु सचिवालय में अगर ऐसी ही स्थिति बनी रही तो कभी भी कोई गम्भीर हादसा हो सकता है. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि लघु सचिवालय सभागार में लगाए गए आग बुझाने के यंत्र पूरी तरह नाकारा हालत में है. दुर्भाग्यवश यदि कोई आगजनी की घटना हो जाए तो उस पर ऐसी स्थिति में काबू पाना बेहद मुश्किल होगा. ये हालात पिछले लम्बे समय से लघु सचिवालय के मीटिंग हाल में बने हुए है.
यहां सभी प्रशासनिक अधिकारियों का प्रतिदिन आना जाना भी लगा रहता है. वहीं, इसी सभागार में जिले के तमाम अधिकारियों की मीटिंग भी होती है. इसके अलावा सरकार के मंत्री भी यहां आमजन की समस्याओं को सुनने के लिए पहुंचते हैं. लेकिन सभागार की बाहरी दीवारों पर लगाए आग बुझाने के सिलेंडर महज शो-पीस बने हुए है. जब तक आग बुझाने वाली फायर बिग्रेड की गाड़ी लघु सचिवालय पहुंचेगी तब तक वर्षों पुराना रिकॉर्ड जलकर खाक हो चुका होगा.
लघु सचिवालय में हैं दर्जनों ऑफिस
सभागार के तल पर अंत्योदय सरल केंद्र सहित विभिन्न विभागों के ऑफिस भी बने हुए हैं, जिनमें हर रोज सैकड़ों की संख्या आमजन अपने काम के लिए पहुंचते है. इसके साथ कर्मचारी और अधिकारियों की भी बड़ी तादाद है. ऐसे मेंं कुछ भी घटित हुआ तो जानमाल की भारी क्षति होगी.
धागे के सहारे बंधे हैं अग्निशमन उपकरण
लघु सचिवालय सभागार में आगजनी से बचाव के लिए लगाए सीओ 2 सिलेंडरों पर डिस्चार्ज हॉर्न पाइप नहीं लगी हुई है. फायर विभाग से मिली जानकारी के आधार पर इसके बिना अग्रिशमन यंत्र कामयाब नहीं हैं, क्योंकि आग लगने पर डिस्चार्ज हॉर्न के इस्तेमाल से ही सिलेंडर काम कर सकते हैं. वहीं, इन सिलेंडरों का वजन भी आग पर काबू पाने की क्षमता पर डिपेंड करता है.
क्या कहना है फायर ऑफिसर का
लघु सचिवालय सभागार में लगाए गए सिलेंडरों बारे फायर विभाग सब ऑफिसर बलवान सिंह ने बताया कि के सिलेंडरों पर डिस्चार्ज हॉर्न की पाइप होना बेहद जरूरी होती है. इस पाइप के बैगर ये सिलेंडर आग बुझाने में पूरी तरह से नाकाम होते हैं.
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