चरखी दादरी: पेट्रोल, डीजल की बढ़ती कीमतों और बढ़ रही महंगाई के विरोध में भाकियू ने सड़कों पर उतर कर रोष प्रदर्शन किया. किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ रोष जताते हुए लघुसचिवालय पहुंचकर प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. साथ ही अल्टीमेटम दिया कि अगर सरकार ने बढ़ी कीमतों को वापस नहीं लिया, तो बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा.
दरअसल भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष जगबीर घसोला की अगुवाई में संगठन सदस्य व किसान शहर के तिकोना पार्क में एकजुट हुए और सरकार के खिलाफ रोष जताया. जिसके बाद किसानों ने सड़कों पर उतरते हुए रोष प्रदर्शन किया और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. जिसके बाद किसानों ने लघु सचिवालय पहुंचकर सीटीएम अमित मान को पीएम के नाम ज्ञापन सौंपा.
केंद्र सरकार आंदोलन को खत्म करने के लिए रच रही साजिश- किसान नेता
इस दौरान किसान नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ाकर लोगों की जेबों पर बोझ डाल रही है. किसान आंदोलन के चलते पूरे देश के किसान एकजुट होकर कृषि कानूनों के खिलाफ लड़ रहे हैं, लेकिन केंद्र सरकार आंदोलन खत्म करने के लिए नई-नई साजिशें रच रही है.
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तेल की बढ़ती कीमतों के खिलाफ सड़क पर उतरे हैं लोग
किसान नेताओं ने कहा कि पेट्रो पदार्थों की कीमतें बढ़ने से आमजन को काफी परेशानियां हो रही हैं. सरकार द्वारा कीमतें बढ़ाने के विरोध में अब आमजन भी सड़कों पर उतरने को मजबूर हैं. प्रदर्शन में किसान संगठनों के अलावा सामाजिक संगठनों के सदस्य भी शामिल रहे.
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सरकार कॉरपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए बढ़ा रही तेल की कीमत
वहीं भाकियू प्रदेशाध्यक्ष जगबीर घसोला ने कहा कि कोरोनाकाल में लॉकडाउन के दौरान कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट की भरपाई करने और कॉरपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए तेल की कीमतें लगातार बढ़ाई जा रही हैं. इसका भार आम जनता पर पड़ रहा है. अगर सरकार ने कीमतों को बढ़ाना बंद नहीं किया, तो पूरे देश में बड़े स्तर पर संघर्ष किए जाएंगे.
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