चरखी दादरी: चरखी दादरी के सिविल अस्पताल से हैरान कर देने वाला वीडियो सामने आया है. यहां बिजली नहीं होने की वजह से मोबाइल फोन की टॉर्च जलाकर महिला की डिलीवरी करवाई गई. इतना ही नहीं चिकित्सक, मोबाइल टॉर्च की रोशनी में मरीजों की जांच कर परामर्श पर्ची लिखते दिखे. वीडियो सामने आने के बाद अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया. इस मामले को लेकर जब सिविल अस्पताल के चिकित्सकों से बात की गई, तो उन्होंने कैमरे के सामने आने से मना कर दिया और जवाब देने से बचते नजर आए.
स्थानीय लोगों के मुताबिक अस्पताल में अकसर बिजली व्यवस्था चरमराई रहती है. इससे मरीजों को खासी परेशानी होती है. बिजली जाने के बाद अस्पताल में जनरेटर या अन्य कोई दूसरा विकल्प नहीं है. यही कारण है कि अस्पताल में बिजली जाने के बाद मोबाइल की टॉर्च से काम करने पड़ते हैं. मरीजों के मुताबिक अटेला गांव की महिला की डिलीवरी के लिए परिजन उसे चरखी दादरी के सिविल अस्पताल लेकर आए थे. महिला की डिलीवरी के दौरान अचानक बिजली चली गई.
इसके बाद चिकित्सकों और अस्पताल स्टाफ ने मोबाइल की टॉर्च से महिला की डिलीवरी करवाई. इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो भी सामने आया है. महिला के परिजन सुंदरपाल ने बताया कि वो महिला की डिलीवरी के लिए चरखी दादरी के सिविल अस्पताल में आए थे. देर रात को बिजली जाने के बाद चिकित्सकों ने परामर्श व डिलीवरी मोबाइल टॉर्च की रोशनी में की. अस्पताल में ना तो जनरेटर है और ना ही कोई विशेष सुविधाएं. उन्होंने कहा कि अगर उन्हें इस बात की जानकारी होती तो वो निजी अस्पताल में जाते.
इस मामले को लेकर सिविल सर्जन डॉक्टर गौरव भारद्वाज मीडिया के सवालों से बचते नजर आए. डिप्टी सीएमओ डॉक्टर नरेंद्र कुमार ने कैमरे के सामने आने से मना करते हुए बताया कि बिजली व्यवस्था उनकी जिम्मेदारी नहीं है. इस बारे में सीएमओ ही जवाब देंगे. उन्होंने कहा कि अस्पताल का मुख्य जरनेटर खराब है और ऑक्सीजन गैस प्लांट के जनरेटर से बिजली सप्लाई की परमिशन को लेकर उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा गया है.