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80 किसानों ने राष्ट्रपति से मांगी सामूहिक आत्मदाह की अनुमती, जानिए क्यों - चरखी दादरी

धरने पर बैठे किसानों ने सरकार और प्रशासन के खिलाफ रोष प्रदर्शन करते हुए वादाखिलाफी का आरोप लगाया. 80 किसानों ने राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखकर सामुहिक रूप से आत्मदाह की अनुमती मांगी है.

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Published : Jun 19, 2019, 5:39 PM IST

चरखी दादरी: ग्रीन कॉरिडोर 152-डी नेशनल हाईवे की अधिग्रहीत जमीन के मुआवजा वृद्धि की मांग को लेकर धरने पर बैठे किसानों ने आर-पार की लड़ाई का ऐलान किया है.

80 किसानों ने राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखकर सामूहिक आत्मदाह की अनुमती मांगी है. सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों पर धोखा करने का आरोप लगाते हुए किसानों ने कहा कि उनके पास अब आत्महत्या करने के अलावा कोई चारा नहीं है. सरकार की वादाखिलाफी से ही परेशान होकर किसानों को सामूहिक रूप से आत्मदाह करने पर विवश होना पड़ रहा है. इस दौरान किसानों ने अल्टीमेटम दिया कि दो दिन तक उनकी मांग पूरी नहीं की तो रणनीति बनाकर बड़ा फैसला लेंगे.

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ये भी पढ़ें- फतेहाबाद: समाज विशेष के खिलाफ अपशब्द कहने वाले युवक ने मांगी माफी, वीडियो वायरल

eighty farmers demand permission from the president for self-destruction
यहां देखें किसानों का राष्ट्रपति को लिखा पत्र

क्या है मामला ?
दादरी जिले के 17 गांवों के किसान गांव रामनगर में गत 26 फरवरी से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं. किसानों की मांग है कि ग्रीन कॉरिडोर नेशनल हाईवे की अधिग्रहीत जमीन का मुआवजा नये कलेक्टर रेट पर निर्धारित करके मार्केट वैल्यु अनुसार दिया जाए. अपनी मांगों को लेकर किसानों की सीएम और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से भी वार्ता हो चुकी है. जिसमें उनको आश्वासन मिला था कि जिला प्रशासन द्वारा किसानों से मिलकर कलेक्टर रेट तय कर लिया जाएगा. जिसके आधार पर उनको मुआवजा मिले.

चरखी दादरी: ग्रीन कॉरिडोर 152-डी नेशनल हाईवे की अधिग्रहीत जमीन के मुआवजा वृद्धि की मांग को लेकर धरने पर बैठे किसानों ने आर-पार की लड़ाई का ऐलान किया है.

80 किसानों ने राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखकर सामूहिक आत्मदाह की अनुमती मांगी है. सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों पर धोखा करने का आरोप लगाते हुए किसानों ने कहा कि उनके पास अब आत्महत्या करने के अलावा कोई चारा नहीं है. सरकार की वादाखिलाफी से ही परेशान होकर किसानों को सामूहिक रूप से आत्मदाह करने पर विवश होना पड़ रहा है. इस दौरान किसानों ने अल्टीमेटम दिया कि दो दिन तक उनकी मांग पूरी नहीं की तो रणनीति बनाकर बड़ा फैसला लेंगे.

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क्या है मामला ?
दादरी जिले के 17 गांवों के किसान गांव रामनगर में गत 26 फरवरी से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं. किसानों की मांग है कि ग्रीन कॉरिडोर नेशनल हाईवे की अधिग्रहीत जमीन का मुआवजा नये कलेक्टर रेट पर निर्धारित करके मार्केट वैल्यु अनुसार दिया जाए. अपनी मांगों को लेकर किसानों की सीएम और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से भी वार्ता हो चुकी है. जिसमें उनको आश्वासन मिला था कि जिला प्रशासन द्वारा किसानों से मिलकर कलेक्टर रेट तय कर लिया जाएगा. जिसके आधार पर उनको मुआवजा मिले.

Intro:ग्रीन कारिडोर की अधिग्रहीत जमीन का मुआवजा वृद्धि का मामला:-
राष्ट्रपति को चि_ी लिखकर 80 किसानों ने सामूहिक आत्मदाह की मांगी अनुमती
: धरनारत किसानों ने सरकार व प्रशासनिक अधिकारियों पर लगाए आरोप
: सिर्फ आश्वासन मिलता है, धरातल पर लागू नहीं होता
: केंद्रीय मंत्री व सीएम के आश्वासन पर भी किसानों की मांगे नहीं हुई पूरी
: दो दिन का अल्टीमेटम, आगामी रणनीति बनाकर लेंगे बड़ा फैसला
प्रदीप साहू
चरखी दादरी। ग्रीन कारिडोर 152डी नेशनल हाईवे की अधिग्रहीत जमीन का मुआवजा वृद्धि की मांग को लेकर धरनारत किसानों ने आर-पार लड़ाई का ऐलान किया है। 80 किसानों ने राष्ट्रपति को चि_ी लिखकर सामूहिक आत्मदाह की अनुमती मांगी है। सरकार व प्रशासनिक अधिकारियों पर धोख करने का आरोप लगाते हुए किसानों ने कहा कि उनके समक्ष अब आत्महत्या करने के अलावा कोई चारा नहीं है। सरकार की वायदाखिलाफी से ही परेशान होकर किसानों ने सामुहिक रूप से आत्मदाह करने पर विवश होना पड़ रहा है। इस दौरान किसानों ने अल्टीमेटम दिया कि दो दिन तक उनकी मांग पूरी नहीं की तो रणनीति बनाकर बड़ा फैसला लेंगे। Body:दादरी जिले के 17 गांवों के किसान गांव रामनगर में गत 26 फरवरी से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। किसानों की मांग है कि ग्रीन कारिडोर नेशनल हाईवे की अधिग्रहीत जमीन का मुआवजा नये कलेक्टर रेट निर्धारित करके मार्केट वल्यु अनुसार दिया जाए। अपनी मांगों को लेकर किसानों की सीएम व केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से भी वार्ता हो चुका है। जिसमें उनको आश्वासन मिला था कि जिला प्रशासन द्वारा किसानों से मिलकर कलेक्टर रेट तय कर लिया जाएगा। जिसके आधार पर उनको मुआवजा मिले। धरने पर किसानों ने सरकार व प्रशासन के खिलाफ रोष प्रदर्शन करते हुए वायदा खिलाफी का आरोप लगाया। 80 किसानों ने राष्ट्रपति को चि_ी लिखकर सामुहिक रूप से आत्मदाह की अनुमती मांगी है। किसानों ने राष्ट्रपति को भेजी चि_ी में कहा कि जमीन अधिग्रहण में प्रशासनिक अधिकारियों ने कानून का पालन नहीं किया। जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। लगातार धरने पर बैठे किसानों के सब्र का बांध टूटने लगा है। जिसके कारण एक किसान द्वारा पिछले माह मांग पूरी नहीं होने से क्षुब्ध होकर आत्महत्या करनी पड़ी। अब किसान सामूहिक रूप से आत्मदाह करने को तैयार हैं। Conclusion:धरने की अगुवाई कर रहे किसान नेता रमेश दलाल ने कहा कि किसानों ने सरकार व प्रशासन से प्रति एकड़ 1 करोड़ 93 लाख की मार्केट वैल्यु अनुसार मुआवजा देने की मांग की है। सरकार व प्रशासनिक अधिकारियों से लगातार वार्ता होती रही हैं और उन्हें हर बार सिर्फ आश्वासन ही मिलता रहा है। अब किसान परेशान होकर सामुहिक रूप से आत्मदाह करने पर मतबूर हो गए हैं। इसलिए 80 किसानों ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर सामूहिक रूप से आत्मदाह की अनुमती मांगी है। किसान नेता ने कहा कि सरकार व प्रशासन से वार्ता के दौरान सिर्फ आश्वासन ही मिले। अब हारकर किसान अपना जीवन समाप्त करने की मांग रहे हैं। क्योंकि राशि बढ़ाकर मुआवजा नहीं मिला तो किसानों के समक्ष सिर्फ सामूहिक रूप से आत्मदाह करना ही रास्ता है। किसान नेता ने कहा कि किसानों ने आत्महत्या की तो अधिकारियों पर हत्या का केस दर्ज करवाएंगे। फिलहाल किसान दो दिन इंतजार करेंगे और बाद में आगामी रणनीति बनाकर अपनी मांगों को लेकर बड़ा फैसला लेंगे। इस बार किसान आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे, चाहे इसके लिए उन्हें अपनी जान क्यों ना देनी पड़े।
विजवल:- 1
धरनारत किसान रणनीति बनाते, विचार-विमर्श करते, संबोधन व रोष प्रदर्शन करते व राष्ट्रपति को लिखे पत्र व किसानों के कट शाटस
बाईट:- 2
रमेश दलाल, किसान नेता
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