चरखी दादरी: इस कोरोना युग में काफी कुछ बदल गया है. लोगों की आदतों में बदलाव आया है. अब लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर सचेत हो गए हैं. अब लोग इस गर्मी के मौसम में अपनी प्यास बुझाने के लिए फ्रिज के पानी से परहेज करने लगे हैं, जिससे इसका सकारात्मक प्रभाव कुम्हारों पर पड़ा है.
कोरोना के भयानक दौर में सर्दी, खांसी, गले की खराश जैसी बिमारियों से बचने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को फ्रिज का ठंडा पानी पीने से परहेज करने के लिए अपील की है. स्वास्थ्य विभाग की इस अपील के बाद अब लोग पुरानी परंपराओं की तरफ लौटने लगे हैं. इस तपती गर्मी में लोग अपनी प्यास बुझाने के लिए मटकों और सुराहियों की खरीददारी करने लगे हैं.
अब लोग फ्रिज छोड़ मटके ले रहे हैं- कुम्हार
मिटटी के बर्तन बनाने वाले कारीगर कृष्ण ने बताया कि लॉकडाउन के शुरुआती दौर में काम बिलकुल ठप हो गया था. स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों के बाद लोग फिर से अपनी पुरानी परंपरा की तरफ लौट रहे हैं. उनके बनाए गए बर्तनों की डिमांड बढ़ी है. भारी संख्या में मिटटी के मटके, कैंपर, सुराही और बोतल बनाने का आर्डर आ रहे हैं.
'बॉर्डर सील होने से नुकसान भी हुआ'
बर्तन बनाने वाली कुम्हार सुनहेरी का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग के निर्देश के बाद डिमांड तो बढ़ी है, लेकिन पिछले साल की तरह इस बार उनका माल दूसरे राज्यों में नहीं जा पाया है. पहले वो पंजाब, राजस्थान, दिल्ली में भी माल सप्लाई करते थे, लेकिन बॉर्डर सील के कारण उन्हें नुकसान भी हुआ है.
मटके का पानी सेहत के लिए फायदेमंद- डॉ. संजय
डॉ. संजय गुप्ता ने बताया कि मिट्टी के मटका या सुराही का पानी बहुत फायदेमंद होता है. जब फ्रिज का पानी पीते हैं तो गले में तापमान तेजी से बदलने से जकडन होती है. मिटटी के बर्तनों में पानी समान्य तापमान में होता है. मिटटी के मटके और सुराही का पानी गुणकारी भी होता है इसलिए इस समय मिटटी के बर्तनों में ही पानी पीना चाहिए.
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