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17 गांवों की महापंचायत, बीजेपी नेताओं के प्रवेश पर लगी रोक - चरखी दादरी

किसानों की मांगे पूरी नहीं होने पर उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों के साथ मिलकर फैसला लिया है कि गांव में बीजेपी के किसी भी नेता को घुसने नहीं देंगे. साथ ही साथ किसानों ने सरकार को एक सप्ताह का अल्टीमेटम भी दिया है.

किसानों ने बीजेपी के विरोध का लिया फैसला
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Published : Apr 21, 2019, 5:44 PM IST

चरखी दादरी: प्रदेश में लोकसभा चुनाव को लेकर जहां बीजेपी जोरो-शोरो से जनता को लुभाने की कोशिश कर रही है. वहीं जिले के कई गांवों के किसानों ने सरकार का विरोध करने का फैसला लिया है.

क्लिक कर देखें किसानों ने क्यों बुलाई महापंचायत

सरकार के विरोध में उतरे 17 गांव के किसान
इस किसान महापंचायत में कई अहम फैसलें लिए गए हैं. पंचायत में निर्णय लिया कि जिले के 17 गांवों के किसानों की जमीन अधिग्रहण का प्रति एकड़ दो करोड़ मुआवजा नहीं मिलने पर सरकार का विरोध करेंगे और उनको गांवों में नहीं घुसने देंगे. इसके अलावा उनके क्षेत्र में बिजली-पानी की समुचित व्यवस्था नहीं होने से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि उनको मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाएं.

ये भी पढ़ें: फरीदाबाद से कटेगा कांग्रेस उम्मीदवार ललित नागर का टिकट, करण दलाल 23 को करेंगे नामांकन!

गांव स्तर पर कमेटी का गठन
मुआवजा वृद्धि सहित कई मांगों को लेकर किसान महापंचायत में निर्णय लिया कि लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी का विरोध किया जाएगा और उनके गांवों में घुसने पर रोक रहेगी. इसके लिए गांव स्तर पर कमेटी का भी गठन किया गया.

चरखी दादरी: प्रदेश में लोकसभा चुनाव को लेकर जहां बीजेपी जोरो-शोरो से जनता को लुभाने की कोशिश कर रही है. वहीं जिले के कई गांवों के किसानों ने सरकार का विरोध करने का फैसला लिया है.

क्लिक कर देखें किसानों ने क्यों बुलाई महापंचायत

सरकार के विरोध में उतरे 17 गांव के किसान
इस किसान महापंचायत में कई अहम फैसलें लिए गए हैं. पंचायत में निर्णय लिया कि जिले के 17 गांवों के किसानों की जमीन अधिग्रहण का प्रति एकड़ दो करोड़ मुआवजा नहीं मिलने पर सरकार का विरोध करेंगे और उनको गांवों में नहीं घुसने देंगे. इसके अलावा उनके क्षेत्र में बिजली-पानी की समुचित व्यवस्था नहीं होने से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि उनको मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाएं.

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गांव स्तर पर कमेटी का गठन
मुआवजा वृद्धि सहित कई मांगों को लेकर किसान महापंचायत में निर्णय लिया कि लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी का विरोध किया जाएगा और उनके गांवों में घुसने पर रोक रहेगी. इसके लिए गांव स्तर पर कमेटी का भी गठन किया गया.

Intro:किसान महापंचायत में बड़ा फैसला:-
सरकार का करेंगे विरोध, प्रतिनिधियों को गांवों में नहीं घुसने देंगे
: जिले के कई गांवों के ग्रामीण व किसान हुए एकजुट, एक सप्ताह का दिया अल्टीमेटम
चरखी दादरी। जिले के कई गांवों के किसानों व प्रचायत प्रतिनिधियों ने एकजुट होकर फैसला लिया है कि उनकी मांगे पूरी नहीं होने पर सरकार, सरकारी के प्रतिनिधियों व भाजपा नेताओं का विरोध किया जाएगा। साथ ही इनको गांवों में नहीं घुसने पर निर्णय लेते हुए सरकार को एक सप्ताह का अल्टीमेटम भी दिया। महापंचायत में जिले के 17 गांवों के किसानों को मुआवजा राशि बढौतरी सहित कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई। Body:गांव मकड़ाना में जिले के कई गांवों के किसान व ग्रामीणों की महापंचायत सरपंच प्रतिनिधि सुरेश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित की गई। मंदिर परिसर में आयोजित किसान महापंचायत में कई अहम फैसलें लिए गए। पंचायत में निर्णय लिया कि जिले के 17 गांवों के किसानों की जमीन अधिग्रहण का प्रति एकड़ दो करोड़ मुआवजा नहीं मिलने पर सरकार व सरकार के प्रतिनिधियों का विरोध करेंगे और उनको गांवों में नहीं घुसने देंगे। इसके अलावा उनके क्षेत्र में बिजली-पानी की समुचित व्यवस्था नहीं होने से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि उनको मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाएं। मुआवजा वृद्धि सहित कई मांगों को लेकर किसान महापंचायत में निर्णय लिया कि लोकसभा चुनाव के दौरान सरकार व भाजपा का विरोध किया जाएगा और उनके गांवों में घुसने पर रोक रहेगी। इसके लिए गांव स्तर पर कमेटियों का भी गठन किया गया। Conclusion:किसान पंचायत में पहुंचे पंचायत प्रतिनिधियों ने बताया कि क्षेत्र के किसान व ग्रामीण एकजुट हैं और अपनी मांगों को पूरा करवाने के लिए आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि लंबे समय से किसानों द्वारा धरना देने के बावजूद उनकी मांगे नहीं सुनी गई है। इसलिए जमीन अधिग्रहण से प्रभावित जिले के सभी 17 गांव सरकार का विरोध जारी रखेंगें। जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती है वे अपने स्तर पर सरकार का विरोध जारी रखेंगे। किसान पंचायत की अध्यक्षता कर रहे सरपंच प्रतिनिधि सुरेश कुमार ने बताया कि पंचायत में किसानों व ग्रामीणों ने एकजुट होकर फैसलें लिए हैं। सरकार या तो उनकी मांगें पूरी करें अन्यथा एक सप्ताह बाद सरकार, सरकार के प्रतिनिधियों व भाजपा नेताओं का गांवों में घुसने पर रोकते हुए विरोध करेंगे।
विजवल:- 1
किसान महापंचायत में उपस्थित किसान, महिलाएं व ग्रामीण, रणनीति बनाते हुए, फैसलें सुनाते व पंचायत के कट शाटस
बाईट:- 2
शगुन सिंह, भीम सिंह व राजकरण पंच
बाईट:- 3
सुरेश कुमार, सरपंच प्रतिनिधि व अध्यक्ष किसान महापंचायत
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