चरखी दादरी: सेवानिवृति के बाद भी दादरी के गांव कमोद निवासी धावक रामफल फौगाट खेल जगत से जुड़े रहे और अनेकों राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में अपना उत्कृष्ट प्रदर्शन कर पदकों का ढेर लगा लिया है. रामफल ने सेवानिवृत होने के बाद से अब तक 36 मेडल जीते हैं, जिनमें 25 गोल्ड मेडल शामिल हैं. रामफल 71 की उम्र पार करने के बाद भी ऐसे दौड़ते हैं कि जवान भी उनको देखकर हैरान रह जाते हैं. हर रोज घर के कार्य करके खेतों के कच्चे रास्तों में सुबह-शाम 8 किलोमीटर की दौड़ लगाते हैं.
राज्य स्तर पर जीते 36 मेडल
पिछले दिनों मुंबई में हुई हाफ मैराथन दौड़ में रामफल ने रिकॉर्ड बनाकर स्वर्ण पदक पर कब्जा किया है. इसके अलावा छोटी दौड़ प्रतियोगिता में भी रामफल ने कई पुरस्कार हासिल किए. ओल्ड ब्वाय के नाम से प्रसिद्ध रामफल अब तक राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर 36 मेडल जीत चुके हैं.
रामफल सुबह-शाम लगाते हैं 10 किलोमीटर की दौड़
जिस उम्र में लोग अपने पैरों पर सही से खड़े भी नहीं हो पाते हैं, उस उम्र में इस बुजुर्ग ने दौड़ में गोल्ड मेडल जीतकर प्रदेश का नाम रौशन किया है. जहां लोग छोटी सी उम्र से ही एथलीट बनने की तैयारी करते हैं, लेकिन रामफल ने नौकरी से सेवानिवृति लेने के बाद 65 वर्ष की उम्र से इसकी शुरुआत की. रामफल बताते हैं कि वो सुबह 4 बजे उठकर अपने दिन की शुरुआत करते हैं, जिसमें वो लगातार दौड़ और पैदल चलने का अभ्यास भी करते हैं. इसके अलावा वो इस उम्र में भी 10 किलोमीटर तक दौड़ लगाते हैं.
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