चरखी दादरी: नेशनल हाईवे ग्रीन कॉरिडोर 152 डी की अधिग्रहित जमीन के मुआवजे में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. आरोप है कि 6 किसानों ने फर्जी तरीके से दूसरे किसानों का मुआवजा हड़प लिया है. अब राजस्व विभाग ने मामले में संज्ञान लेते हुए आरोपी किसानों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है.
क्या है मामला?
दरअसल राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण(एनएचआई) ने नेशनल हाईवे ग्रीन कॉरिडोर के लिए दादरी शहर सहित 18 गावों की जमीन का अधिग्रहण किया था. लेकिन सरकार द्वारा दी जा रही मुआवजा राशि से किसान संतुष्ट नहीं थे. जिसके लिए किसानों ने लगातार 14 महीने तक आंदोलन चलाया. हालांकि कोरोना को लेकर किसानों ने अपना आंदोलन वापस ले लिया. जिसके बाद सरकार ने किसानों को मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू की. इसी दौरान दादरी शहर के आधा दर्जन किसानों ने फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत करते हुए कुल 60 लाख 43 हजार 534 रुपये की मुआवजा राशि ले ली. राजस्व विभाग के मुताबिक सभी किसान एक ही परिवार के सदस्य हैं.
कब खुली पोल?
मामला उस समय राजस्व विभाग के संज्ञान में आया जब दूसरे किसान मुआवजा लेने पहुंचे. किसानों के दस्तावेज को चेक करते हुए राजस्व विभाग ने अपना रिकार्ड खंगाला तो पूरा मामला खुल गया. जिसके बाद राजस्व अधिकारियों ने मुआवजा ले चुके किसानों से संपर्क कर मुआवजा राशि जमा करने का आदेश दिया. इसके बाद भी आरोपी किसानों ने मुआवजे की 60 लाख 43 हजार 534 रुपये की राशि वापस विभाग में जमा नहीं की. इसके बाद जिला राजस्व अधिकारी सुखबीर बूरा ने पुलिस अधीक्षक को आधा दर्जन किसानों पर एफआईआर दर्ज करने के लिए शिकायत पत्र सौंपा.
इन किसानों पर दर्ज हुआ मुकदमा:
जिला राजस्व अधिकारी सुखबीर बूरा ने दादरी शहर के वार्ड नंबर 17 निवासी किसान भूप सिंह, रविंद्र, भरत सिंह, सुरज कुमार, सुमित और दीपक के खिलाफ 60 लाख 43 हजार 534 रुपए की मुआवजा राशि फर्जी तरीके से लेने की शिकायत दर्ज कराई है. जिसके आधार पर पुलिस ने सभी किसानों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है.
क्या कहना है राजस्व अधिकारी का?
मामले के बारे में बताते हुए जिला राजस्व अधिकारी सुखबीर बूरा ने कहा कि एक पार्टी ने दस्तावेज जमा करते हुए मुआवजा राशि निकाल लिया है. जिसके संबंध में उन्होंने एक एफिडेविड भी दिया. जिसमें उन्होंने यह बताया कि अगर वो गलत तरीके से मुआवजा लिया होगा तो राजस्व विभाग उसपर कार्रवाई कर सकता है.
तभी कुछ दिन बाद दूसरी पार्टी आती है और कोर्ट के फैसले की कॉपी दिखाते हुए उन्होंने मुआवजा राशि पर अपना दावा ठोक दिया. जिसके बाद राजस्व विभाग ने रिकॉर्ड निकाल के चेक किया तो पता चला कि संबंधित जमीन का मुआवजा तो पहले ही जारी हो चुका है. जिसके बाद उन्होंने 6 किसानों के खिलाफ फर्जी तरीके से 60 लाख 43 हजार 534 रुपये की मुआवजा राशी लेने की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई है.
वहीं डीएसपी जोगेंद्र सिंह ने बताया कि राजस्व अधिकारी की शिकायत मिली थी. जिसमें बताया गया था कि 6 किसानों ने फर्जी तरीके से करीब 60 लाख की राशी का मुआवजा ले लिया है. जिसके बाद सिटी पुलिस थाने में सभी आरोपी किसानों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है.
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