चंडीगढ़ः दूसरे विकसित देशों की तरह अब भारत में भी ग्रीन एनर्जी पर पूरा जोर दिया जा रहा है. देश में अब आधुनिक तरह के सोलर पैनल विकसित कर लिए गए हैं जो सौर ऊर्जा के मामले में दूसरे देशों को टक्कर दे सकते हैं. इससे पहले ये तकनीक सिर्फ अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और चीन जैसे देशों में इस्तेमाल हो रही थी, लेकिन अब भारत में भी इसका इस्तेमाल शुरू हो चुका है. देश में पहली बार इस तकनीक को चंडीगढ़ में पेश किया गया है.
अब तक देश में सौर उर्जा को नहीं मिला बढ़ावा
इस समय पूरी दुनिया में बिजली के नए स्रोतों के बारे में कई तरह की खोजें की जा रही है दुनिया का हर देश ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने में लगा हुआ है. भारत में भी सरकार लोगों को ज्यादा से ज्यादा सोलर एनर्जी का इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित कर रही है लेकिन देश में इस समय सोलर एनर्जी के लिए जो तकनीक इस्तेमाल की जा रही है उतनी बेहतर नहीं है. जितनी बेहतर तकनीक दूसरे देशों के पास है. इस वजह से भारत में सौर ऊर्जा ज्यादा कारगर नहीं हो पाई है. ऐसे में फरीदाबाद के रहने वाले अमूल आनंद युवा उद्यमी ने देश में पहली बार इन सोलर पैनल को चंडीगढ़ में पेश किया है.
'आम पैनल के मुकाबले ज्यादा कारगर'
उनका कहना है कि ये नए पैनल सुबह के वक्त सूरज की हल्की से रोशनी आते ही काम करना शुरू कर देते हैं और सूरज के पूरा ढलने तक काम करते रहते हैं. वहीं बात करें आम सोलर पैनल की तो वो सिर्फ साफ धूप में ही बिजली बना सकते हैं और वो सुबह और शाम के वक्त बिजली बनाना बंद कर देते हैं. ऐसे में ये नए सौर पैनल आम सोलर पैनल्स तुलना में ज्यादा बिजली बनाते हैं.
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2022 तक भारत का लक्ष्य
बता दें भारत इस समय 32.5 गीगा वाट सोलर एनर्जी का उत्पादन कर रहा है और साल 2022 तक इसे बढ़ाकर 100 गीगा वाट तक करने का लक्ष्य रखा गया है. इस समय देश में 17 गीगा वाट के सोलर प्लांट बनाए जा रहे हैं, जबकि 35 गीगा वॉट के सोलर प्लांट का निर्माण जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा. ताकि सरकार 2022 तक तय किए गए 100 गीगा वॉट सोलर एनर्जी का उत्पादन करने के लक्ष्य को प्राप्त कर सके.
विकसित देशों के साथ खड़ा होगा भारत!
वहीं अगर अमेरिका की बात की जाए तो अमेरिका इस समय करीब 71.3 गीगावॉट सोलर एनर्जी का उत्पादन कर रहा है जो भारत के लगभग दुगनी के बराबर है. ऐसे में अब ये सोलर पैनल भारत में विकसित कर लिए गए हैं और इन्हें जल्दी ही भारत के कोने कोने तक पहुंचा दिया जाएगा. माना जा रहा है कि ये सोलर पैनल ज्यादा बिजली का उत्पादन करते हैं. इसलिए आम लोगों का रुझान भी इसकी तरफ जल्दी ही बढ़ेगा. ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि भारत सौर ऊर्जा का उत्पादन करने में अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के साथ खड़ा होगा.