चंडीगढ़: सामाजिक कार्यकर्ता ओमप्रकाश गांधी (Yamunanagar Social Activist Omprakash Gandhi) को गणतंत्र दिवस के मौके पर पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. उन्हें ये पुरस्कार नारी शिक्षा में बेहतर योगदान के लिए दिया गया है. पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित होने वाले गांधी को सीएम मनोहर लाल खट्टर ने शुभकामनाएं दी है.
ओमप्रकाश गांधी ने साल 1984 में यमुनानगर के खदरी गांव में महिलाओं के बीच प्रशिक्षण के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए एक कन्या विद्या प्रचार सभा (Kanya Vidya Prachar Sabha) का गठन किया. इसके बाद साल 1985 में उन्होंने देवधर गांव में 12 एकड़ भूमि पर लोगों से चंदा इकट्ठा करके कन्या गुरुकुल (गुर्जर कन्या विद्या मंदिर स्कूल) की स्थापना की.
अपनी विनम्रता, शालीनता, व्यवहार कुशलता और लोगों को संगठित करने की क्षमता के कारण अपने संकल्प को मूर्तरूप देकर 7 अप्रैल 1987 को गुर्जर कन्या विद्या मन्दिर का शुभारम्भ किया. अपनी स्थापना से लेकर आज तक विद्यालय उन्हीं के प्रबंधन और मार्गदर्शन में प्रगति के पथ पर अग्रसर है.
ओम प्रकाश गांधी हरियाणा के यमुनानगर जिले के रहने वाले हैं. उनका जन्म यमुनानगर के माधोबास (Madhobas Village of Yamunanagar) गांव में एक फरवरी 1942 को हुआ था. इनके पिता का नाम रंजीत सिंह और मां का नाम कमला देवी है. ओमप्रकाश गांधी के पिता किसान थे. बहुत कम ही लोग जानते हैं कि ओम प्रकाश पोसवाल ( जिन्हें अब ओप्रकाश गांधी के नाम से जाना जाता है) ने रादौर के मुकंद लाल सीनियर सेकेंडरी स्कूल से अपनी दसवीं की पढ़ाई पूरी की है. इसके बाद मेरठ विश्वविद्यालय (उत्तर प्रदेश) से भौतिकी में एमएससी पास की.
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विद्यार्थी काल में महर्षि दयानंद सरस्वती के व्यक्तित्व व कृतित्व का ऐसा गहरा प्रभाव हुआ कि एक साधारण युवक ने असाधारण संकल्प लेकर समाज को दिशा देने का प्रयास शुरू किया. MSC. भौतिकी करने के बाद ये सहारनपुर उत्तर प्रदेश के एक महाविद्यालय में प्रवक्ता पद पर प्रतिष्ठित हुए. कृषि महाविद्यालय में 20 साल तक सेवा देने के बाद उन्होंने अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया था.
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