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हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने विश्व पर्यावरण दिवस पर किया पौधारोपण - world environment

5 जून को विश्वभर में पर्यावरण दिवस मनाया गया. इस मौके पर हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने भी पौधारोपण कर पर्यावरण को स्वच्छ रखने का संदेश दिया.

विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर पौधारोपण करते राज्यपाल
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Published : Jun 6, 2019, 8:16 AM IST

चंडीगढ़: हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने प्रदेश के लोगों से अपील की है कि वे अपने आस-पास ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाए, ताकि पर्यावरण स्वच्छ रह सके. उन्होंने कहा कि हम सबका कर्तव्य बनता है कि हम पर्यावरण को स्वच्छ रखने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें.

राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने 5 जून यानि बुधवार को चंडीगढ़ में विश्व पर्यावरण दिवस पर राजभवन परिसर में पौधारोपण कर पर्यावरण स्वच्छता का संदेश दिया. इस अवसर पर उन्होंने मोलसरी का पौधा लगाया.

उनके साथ उनकी पत्नी सरस्वती देवी ने भी पौधारोपण किया. राज्यपाल ने कहा कि हम सबका कर्तव्य बनता है कि हम पर्यावरण को स्वच्छ रखने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें. यह तभी हो सकता है, जब प्रत्येक आदमी विभिन्न आयोजनों पर ज्यादा से ज्यादा पौधारोपण करें.

क्लिक कर देखें वीडियो.

राज्यपाल ने कहा कि पौधारोपण के साथ-साथ पौधों का संरक्षण भी जरूरी है. जिस प्रकार से हम अपने बेटा-बेटी का पालन-पोषण करते हैं, उसी प्रकार से पौधों का पोषण भी जरूरी है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने चालू वित्त वर्ष में 2 करोड़ से भी ज्यादा पौधे लगाने का लक्ष्य रखा है.

वर्तमान सरकार के कार्यकाल में अभी तक 15 करोड़ से भी अधिक पौधे लगाए जा चुके हैं. उन्होंने सरकारी अधिकारियों से भी कहा है कि वें स्वयंसेवी संस्थाओं, समाज सेवी संगठनों से सहयोग लेकर खाली पड़ी सरकारी भूमि में, सड़कों, नहरों आदि के किनारों पर ज्यादा से ज्यादा पौधा रोपण करें.

कब शुरू हुआ विश्व पर्यावरण दिवस?

पर्यावरण प्रदूषण की समस्या पर सन 1972 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने स्टॉकहोम (स्वीडन) में विश्व भर के देशों का पहला पर्यावरण सम्मेलन आयोजित किया. इसमें 119 देशों ने भाग लिया और पहली बार एक ही पृथ्वी का सिद्धांत मान्य किया.

इसी सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) का जन्म हुआ और प्रति वर्ष 5 जून को पर्यावरण दिवस आयोजित करके नागरिकों को प्रदूषण की समस्या से अवगत कराने का निश्चय किया गया. इसका मुख्य उद्देश्य पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाते हुए राजनीतिक चेतना जागृत करना और आम जनता को प्रेरित करना था.

तब तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने 'पर्यावरण की बिगड़ती स्थिति एवं उसका विश्व के भविष्य पर प्रभाव' विषय पर व्याख्यान दिया था. पर्यावरण-सुरक्षा की दिशा में यह भारत का प्रारंभिक कदम था. तभी से हम प्रति वर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाते आ रहे हैं.

पर्यावरण संरक्षण अधिनियम

19 नवंबर 1986 से पर्यावरण संरक्षण अधिनियम लागू हुआ. इसके तहत जल, वायु, भूमि इन तीनों से संबंधित कारक तथा मानव, पौधे, सूक्ष्म जीव, अन्य जीवित पदार्थ आदि पर्यावरण के अंतर्गत आते हैं.

चंडीगढ़: हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने प्रदेश के लोगों से अपील की है कि वे अपने आस-पास ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाए, ताकि पर्यावरण स्वच्छ रह सके. उन्होंने कहा कि हम सबका कर्तव्य बनता है कि हम पर्यावरण को स्वच्छ रखने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें.

राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने 5 जून यानि बुधवार को चंडीगढ़ में विश्व पर्यावरण दिवस पर राजभवन परिसर में पौधारोपण कर पर्यावरण स्वच्छता का संदेश दिया. इस अवसर पर उन्होंने मोलसरी का पौधा लगाया.

उनके साथ उनकी पत्नी सरस्वती देवी ने भी पौधारोपण किया. राज्यपाल ने कहा कि हम सबका कर्तव्य बनता है कि हम पर्यावरण को स्वच्छ रखने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें. यह तभी हो सकता है, जब प्रत्येक आदमी विभिन्न आयोजनों पर ज्यादा से ज्यादा पौधारोपण करें.

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राज्यपाल ने कहा कि पौधारोपण के साथ-साथ पौधों का संरक्षण भी जरूरी है. जिस प्रकार से हम अपने बेटा-बेटी का पालन-पोषण करते हैं, उसी प्रकार से पौधों का पोषण भी जरूरी है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने चालू वित्त वर्ष में 2 करोड़ से भी ज्यादा पौधे लगाने का लक्ष्य रखा है.

वर्तमान सरकार के कार्यकाल में अभी तक 15 करोड़ से भी अधिक पौधे लगाए जा चुके हैं. उन्होंने सरकारी अधिकारियों से भी कहा है कि वें स्वयंसेवी संस्थाओं, समाज सेवी संगठनों से सहयोग लेकर खाली पड़ी सरकारी भूमि में, सड़कों, नहरों आदि के किनारों पर ज्यादा से ज्यादा पौधा रोपण करें.

कब शुरू हुआ विश्व पर्यावरण दिवस?

पर्यावरण प्रदूषण की समस्या पर सन 1972 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने स्टॉकहोम (स्वीडन) में विश्व भर के देशों का पहला पर्यावरण सम्मेलन आयोजित किया. इसमें 119 देशों ने भाग लिया और पहली बार एक ही पृथ्वी का सिद्धांत मान्य किया.

इसी सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) का जन्म हुआ और प्रति वर्ष 5 जून को पर्यावरण दिवस आयोजित करके नागरिकों को प्रदूषण की समस्या से अवगत कराने का निश्चय किया गया. इसका मुख्य उद्देश्य पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाते हुए राजनीतिक चेतना जागृत करना और आम जनता को प्रेरित करना था.

तब तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने 'पर्यावरण की बिगड़ती स्थिति एवं उसका विश्व के भविष्य पर प्रभाव' विषय पर व्याख्यान दिया था. पर्यावरण-सुरक्षा की दिशा में यह भारत का प्रारंभिक कदम था. तभी से हम प्रति वर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाते आ रहे हैं.

पर्यावरण संरक्षण अधिनियम

19 नवंबर 1986 से पर्यावरण संरक्षण अधिनियम लागू हुआ. इसके तहत जल, वायु, भूमि इन तीनों से संबंधित कारक तथा मानव, पौधे, सूक्ष्म जीव, अन्य जीवित पदार्थ आदि पर्यावरण के अंतर्गत आते हैं.


 हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने  विश्व पर्यावरण दिवस पर किया  पौधारोपण।

चंडीगढ़,  हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने प्रदेश के लोगों से अपील की है कि वे अपने आस पास ज्यादा से ज्यादा पौधे लगायें ताकि पर्यावरण स्वच्छ रह सके। उन्होंने कहा कि हम सबका कर्तव्य बनता है कि हम पर्यावरण को स्वच्छ रखने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें ।

 हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने बुधवार को चंडीगढ़ में विश्व पर्यावरण दिवस पर राजभवन परिसर में पौधारोपण कर स्वच्छ पर्यावरण का संदेश दिया। उन्होंने मोलसरी का पौधा लगाया। उनके साथ लेडी गर्वनर सरस्वती देवी ने भी पौधारोपण किया। राज्यपाल ने कहा कि हम सबका कर्तव्य बनता है कि हम पर्यावरण को स्वच्छ रखने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें । यह तभी हो सकता है जब प्रत्येक आदमी विभिन्न आयोजनों पर ज्यादा से ज्यादा पौधारेपण करें। पौधारोपण के साथ-साथ पौधों का संरक्षण भी जरूरी है। जिस प्रकार से हम अपने बेटा-बेटी का पालन-पोषण करते है इसी प्रकार से पौधों का पोषण भी जरूरी है तभी पौधे आगे बढ़ पाएगें जो वायु प्रदूषण खत्म करने में सहायक सिद्ध होंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा चालू वित्त वर्ष में 2 करोड़ से भी अधिक पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में अभी तक 15 करोड़ से भी अधिक पौधे लगाए जा चुके है। उन्होंने सरकारी अधिकारियों से भी कहा है कि वें स्वयं सेवी संस्थाओं, समाज सेवी संगठनो से सहयोग लेकर खाली पड़ी सरकारी भूमि में, सड़कों, नहरों आदि के किनारों पर ज्यादा से ज्यादा पौधा रोपण करें।  

बाइट- सत्यदेव नारायण आर्य,राज्यपाल,हरियाणा

https://drive.google.com/file/d/1CgahuAI57keCPeln2XAWappaAxIYSnu9/view?usp=sharing
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