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World Brain Tumor Day 2023: डॉक्टर से जानें कितना घातक है ब्रेन ट्यूमर, ये हैं कारण और लक्षण

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Published : Jun 7, 2023, 1:09 PM IST

आजकल खानपान और लाइफस्टाइल में बदलाव के कारण शरीर में कई तरह की बीमारियां घर कर रही हैं. इन बीमारियों में से एक खतरनाक बीमारी ब्रेन ट्यूमर भी है. अगर समय रहते इसका पता न चले और इलाज न हो ब्रेन ट्यूमर के कारण जान भी जा सकती है. ब्रेन ट्यूमर के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 8 जून को विश्व ब्रेन ट्यूमर डे मनाया जाता है. (World Brain Tumor Day 2023)

symptoms of brain tumor
विश्व ब्रेन ट्यूमर डे
न्यूरो सर्जन से जानें ब्रेन ट्यूमर के कारण और लक्षण.

चंडीगढ़: हर साल 8 जून को गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों और अधिक शोध की तत्काल आवश्यकता पर अंतरराष्ट्रीय जनता का ध्यान आकर्षित करने के लिए मनाया जाता है. वहीं खास तौर पर ब्रेन ट्यूमर जिससे लेकर लोगों में जागरूकता की कमी देखी गई है. वहीं, इस दिन लोगों को शिक्षित करने के लिए दुनिया भर इस पीड़ित मरीजों के परिवारों प्रोत्साहित किया जाता है.

ब्रेन ट्यूमर क्या है?: ब्रेन ट्यूमर दिमाग यानी मस्तिष्क में मौजूद असामान्य कोशिकाओं का एक संग्रह होता है. ब्रेन ट्यूमर एक मस्तिष्क का एक कैंसर है. मस्तिष्क के अंदर यहीं असामान्य कोशिकाओं अन्य स्वास्थ्य हिस्से को प्रभावित करती हैं. जिसके चलते ब्रेन ट्यूमर जैसी बीमारी का सामना करना पड़ता है. इसकी पहचान आम तौर पर नहीं की जा सकती, मरीजों को इस अंदरूनी बीमारी का अचानक ही पता चलता है. ब्रेन ट्यूमर ज्यादातर वयस्कों में ही देखा गया है. वहीं, 200 में से 1 किसी बच्चे को इसकी शिकायत हो सकती है. ब्रेन ट्यूमर सिर के अंदर होने वाली एक सूजन है जिसके बढ़ने से समस्या अध‌ि क बढ़ सकती है.

ब्रेन ट्यूमर और पेट स्कैन: ब्रेन ट्यूमर को जांचने के लिए तो वैसे तो कई तरह के टेस्ट किया जाते हैं, लेकिन पेट स्कैन पुरे शरीर के लिए किया जाता है. वहीं, सीटी स्कैन, एम आर आई, और अन्य तरह के एक्स रे आदि टेस्ट मुख्य तौर भी किए जाते है. शरीर में फैल रहा ट्यूमर यानी कैंसर का पता लगाने में मदद करता है. जिससे ट्यूमर प्राइमरी है या सेकेंडरी स्टेज पर है कि नहीं. रेडियो थेरेपी भी सेशन में करनी पड़ती हैं. इसमें मरीज को एक सटीक मात्रा में रेडिएशन दिया जाता है. इसके अलावा कीमो थेरेपी भी इसके ही इलाज का एक हिस्सा है. लेकिन, इन सभी के अपने कुछ साइड इफेक्ट भी वहीं बायोप्सी टेस्ट से शरीर में फैल रहा ट्यूमर यानी कैंसर का पता लगाने में मदद करता है. जिससे ट्यूमर प्राइमरी है या सेकेंडरी स्टेज पर है कि नहीं.

symptoms of brain tumor
ब्रेन ट्यूमर के कारण.

ब्रेन ट्यूमर और इलाज: डॉक्टरों की मानें तो ब्रेन ट्यूमर को सही उपचार के साथ ठीक किया जा सकता है. वहींं, इसके इलाज के लिए पीजीआई चंडीगढ़ और दिल्ली जैसे एम्स ऐसे संस्थान हैं जहां कम खर्च में इस तरह की मरीज का इलाज किया जाता है. शुरुआती तौर पर मरीज के सिर में हल्का दर्द होता है. जिसके शुरुआती लक्षण पता करना मुश्किल होता है. मस्तिष्क संबंधी रोगों पता लगाने के लिए इस बीमारी के माहिर को समय रहते दिखाना जरूरी होता है.

पीजीआई के न्यूरोलॉजी डॉक्टर से जानिए ब्रेन ट्यूमर के लक्षण: पीजीआई के न्यूरोलॉजी डॉक्टर एस.एस. ढांडपानी जो कि पिछले 12 साल से ट्यूमर से संबंधित सर्जरी कर रहे हैं. उनके और उनकी टीम के द्वारा 1 दिन में चार से पांच सर्जरी की जाती हैं. डॉक्टर ढांडपानी कहते हैं कि ब्रेन ट्यूमर मस्तिष्क की एक बीमारी है. यह एक डॉट से शुरू होते हुए फोड़े की तरह मस्तिष्क में फैलती है. शुरुआती तौर पर ही अगर इसका पता चल जाए तो व्यक्ति को बचाया जा सकता है, लेकिन जैसे-जैसे इसका आकार बढ़ेगा मरीज को बचाना मुश्किल होगा.

ब्रेन ट्यूमर के लक्षण: ब्रेन ट्यूमर के लक्षणों की बात करें तो अगर किसी मरीज को उल्टी, सिरदर्द, व्यवहार, याददाश्त की कमी, सिर का दर्द अगर कम होने की जगह बढ़ता ही जा रहा है तो वह ब्रेन ट्यूमर से ग्रस्त है. वहीं, दूसरी ओर अग्रसर का दर्द लंबे समय से हो रहा है और वह सिर्फ उसी जगह पर है तो इसका मतलब यह नहीं है कि उस व्यक्ति को ब्रेन ट्यूमर है वह इस संबंध में प्राथमिक इलाज करवा सकता है.

symptoms of brain tumor
ब्रेन ट्यूमर के लक्षण.

अगर सिर दर्द बढ़ता ही जा रहा है तो सबसे पहले एमआरआई टेस्ट कराना जरूरी होगा. डॉक्टर एस.एस. ढांडपानी ने कहा कि पीजीआई में अलग-अलग राज्यों से आने वाले मरीजों की संख्या रहती है, लेकिन अब तक यह पता नहीं लग पाया है कि कौन सा ऐसा राज्य है जहां से ब्रेन ट्यूमर के मरीज अधिक पहुंच रहे हैं. डॉक्टर एस.एस. ढांडपानी कहते हैं कि यह कहा जा सकता है कि कुछ ऐसे शहर हैं जहां पर ब्रेन ट्यूमर से संबंधित निचले स्तर के ट्रीटमेंट उपलब्ध हैं. वहीं, जिस मरीज को ब्रेन ट्यूमर गंभीर तौर पर पाया जाता है वही व्यक्ति पीजीआई की तरफ रुख करता है.

पीजीआई में ब्रेन ट्यूमर से संबंधित हर तरह का इलाज: इसके अलावा कुछ ऐसे राज्य हुए हैं जहां पर ब्रेन ट्यूमर का इलाज ही उपलब्ध नहीं है, जिसके चलते उनमें जागरूकता की कमी रहती है. डॉक्टर एस.एस. ढांडपानी ने बताया कि पीजीआई में ब्रेन ट्यूमर से संबंधित हर तरह का इलाज उपलब्ध है. यहां दवा से लेकर सर्जरी तक की सुविधा मरीजों के लिए की गई है. जब भी किसी को ब्रेन ट्यूमर से संबंधित शिकायत हो तो वह सबसे पहले एमआरआई जरूर करवाएं.

symptoms of brain tumor
ब्रेन ट्यूमर होने पर ऐसे करें देखभाल

ब्रेन ट्यूमर को लेकर न्यूरो सर्जन डॉ. विनीत की राय: डॉक्टर विनीत कुमार सग्गर एमबीबीएस, एमएस, एमसीएच न्यूरो सर्जन के तौर पर चंडीगढ़ के निजी अस्पताल के साथ काम कर रहे हैं. वे पिछले 10 सालों से न्यूरो सर्जरी कर रहे हैं. मौजूदा समय में वे कंसलटेंट न्यूरोलॉजिकल एंड स्पाइनल सर्जरी इनट्यूबेशन न्यूरो सर्जन तौर पर अपनी सेवाएं निभा रहे हैं.

What is Brain Tumor
ब्रेन ट्यूमर के मामले.

इस उम्र के लोगों में ब्रेन ट्यूमर की समस्या अधिक: इस बारे में डॉ. विनीत कुमार बताते हैं ब्रेन ट्यूमर को लेकर लोगों भारी स्तर पर जानकारी की कमी है. जैसे ही लोग ब्रेन ट्यूमर का नाम सुनते हैं उनके मन में डर बैठ जाता है. ब्रेन ट्यूमर एक ऐसी बीमारी है जो कभी भी किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है, लेकिन ज्यादातर देखा गया है कि ब्रेन ट्यूमर 20 से अधिक उम्र के वयस्कों में देखी गई है. इस बीमारी से ग्रस्त होने के मुख्य कारण स्ट्रॉन्ग रेडिएशन पाया गया है इसके अलावा कुछ जेनेटिक सिंड्रोम भी इस बीमारी के होने की मुख्य वजह है. आधुनिक समय के साथ-साथ ब्रेन ट्यूमर का इलाज भी संभव किया गया है बहुत ही ऐसी मशीनें और रोबोटिक सर्जरी के जरिए दिमाग से ट्यून निकालने का काम किया जा चुका है. आज के समय में भी मरीज सामान्य जीवन जी रहे हैं.

What is Brain Tumor
ब्रेन ट्यूमर के प्रकार

ब्रेन ट्यूमर के प्रकार: उन्होंने कहा कि ब्रेन ट्यूमर दो तरह के होते हैं पहला ट्यूमर का रूप से पैदा होने वाली समस्या है. दूसरे तरह का ट्यूमर कहीं और से चलता हुआ मस्तिष्क तक पहुंचता है. और मस्तिष्क के कोशिकाओं के संग्रह में विकार पैदा करता है. ब्रेन ट्यूमर के इलाज में अलग-अलग तरीके आजमाए जाते हैं जिसमें रेडिएशन, ऑपरेशन और कीमोथेरेपी का अपना-अपना काम है. ब्रेन ट्यूमर को सबसे पहले आइडेंटिफाई करना जरूरी है कि वह किस स्तर तक फैला हुआ हैं. क्या वह एक छोटी सर्जरी या एक बड़ी सर्जरी के मदद से ठीक किया जा सकता है. वहीं, डॉ. विनीत कुमार का कहना है कि ब्रेन ट्यूमर जितना छोटा होगा वह इतनी जल्दी ही ठीक किया जा सकता है. क्योंकि मस्तिष्क एक नाजुक शरीर का हिस्सा है. जबकि शरीर के अन्य अंगों में पाए जाने वाला कैंसर कहीं ना कहीं सर्जरी और दवाओं के साथ ठीक किया जा सकता है. लेकिन, मस्तिष्क के ट्यूमर को निकालना और उसे ठीक करना काफी मुश्किल होता है.

ये भी पढ़ें: UK Space Agency: ब्रिटेन बच्चों के ब्रेन ट्यूमर, मांसपेशियों की उम्र बढ़ने संबंधी प्रयोगों को अंतरिक्ष में भेजेगा

न्यूरो सर्जन से जानें ब्रेन ट्यूमर के कारण और लक्षण.

चंडीगढ़: हर साल 8 जून को गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों और अधिक शोध की तत्काल आवश्यकता पर अंतरराष्ट्रीय जनता का ध्यान आकर्षित करने के लिए मनाया जाता है. वहीं खास तौर पर ब्रेन ट्यूमर जिससे लेकर लोगों में जागरूकता की कमी देखी गई है. वहीं, इस दिन लोगों को शिक्षित करने के लिए दुनिया भर इस पीड़ित मरीजों के परिवारों प्रोत्साहित किया जाता है.

ब्रेन ट्यूमर क्या है?: ब्रेन ट्यूमर दिमाग यानी मस्तिष्क में मौजूद असामान्य कोशिकाओं का एक संग्रह होता है. ब्रेन ट्यूमर एक मस्तिष्क का एक कैंसर है. मस्तिष्क के अंदर यहीं असामान्य कोशिकाओं अन्य स्वास्थ्य हिस्से को प्रभावित करती हैं. जिसके चलते ब्रेन ट्यूमर जैसी बीमारी का सामना करना पड़ता है. इसकी पहचान आम तौर पर नहीं की जा सकती, मरीजों को इस अंदरूनी बीमारी का अचानक ही पता चलता है. ब्रेन ट्यूमर ज्यादातर वयस्कों में ही देखा गया है. वहीं, 200 में से 1 किसी बच्चे को इसकी शिकायत हो सकती है. ब्रेन ट्यूमर सिर के अंदर होने वाली एक सूजन है जिसके बढ़ने से समस्या अध‌ि क बढ़ सकती है.

ब्रेन ट्यूमर और पेट स्कैन: ब्रेन ट्यूमर को जांचने के लिए तो वैसे तो कई तरह के टेस्ट किया जाते हैं, लेकिन पेट स्कैन पुरे शरीर के लिए किया जाता है. वहीं, सीटी स्कैन, एम आर आई, और अन्य तरह के एक्स रे आदि टेस्ट मुख्य तौर भी किए जाते है. शरीर में फैल रहा ट्यूमर यानी कैंसर का पता लगाने में मदद करता है. जिससे ट्यूमर प्राइमरी है या सेकेंडरी स्टेज पर है कि नहीं. रेडियो थेरेपी भी सेशन में करनी पड़ती हैं. इसमें मरीज को एक सटीक मात्रा में रेडिएशन दिया जाता है. इसके अलावा कीमो थेरेपी भी इसके ही इलाज का एक हिस्सा है. लेकिन, इन सभी के अपने कुछ साइड इफेक्ट भी वहीं बायोप्सी टेस्ट से शरीर में फैल रहा ट्यूमर यानी कैंसर का पता लगाने में मदद करता है. जिससे ट्यूमर प्राइमरी है या सेकेंडरी स्टेज पर है कि नहीं.

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ब्रेन ट्यूमर के कारण.

ब्रेन ट्यूमर और इलाज: डॉक्टरों की मानें तो ब्रेन ट्यूमर को सही उपचार के साथ ठीक किया जा सकता है. वहींं, इसके इलाज के लिए पीजीआई चंडीगढ़ और दिल्ली जैसे एम्स ऐसे संस्थान हैं जहां कम खर्च में इस तरह की मरीज का इलाज किया जाता है. शुरुआती तौर पर मरीज के सिर में हल्का दर्द होता है. जिसके शुरुआती लक्षण पता करना मुश्किल होता है. मस्तिष्क संबंधी रोगों पता लगाने के लिए इस बीमारी के माहिर को समय रहते दिखाना जरूरी होता है.

पीजीआई के न्यूरोलॉजी डॉक्टर से जानिए ब्रेन ट्यूमर के लक्षण: पीजीआई के न्यूरोलॉजी डॉक्टर एस.एस. ढांडपानी जो कि पिछले 12 साल से ट्यूमर से संबंधित सर्जरी कर रहे हैं. उनके और उनकी टीम के द्वारा 1 दिन में चार से पांच सर्जरी की जाती हैं. डॉक्टर ढांडपानी कहते हैं कि ब्रेन ट्यूमर मस्तिष्क की एक बीमारी है. यह एक डॉट से शुरू होते हुए फोड़े की तरह मस्तिष्क में फैलती है. शुरुआती तौर पर ही अगर इसका पता चल जाए तो व्यक्ति को बचाया जा सकता है, लेकिन जैसे-जैसे इसका आकार बढ़ेगा मरीज को बचाना मुश्किल होगा.

ब्रेन ट्यूमर के लक्षण: ब्रेन ट्यूमर के लक्षणों की बात करें तो अगर किसी मरीज को उल्टी, सिरदर्द, व्यवहार, याददाश्त की कमी, सिर का दर्द अगर कम होने की जगह बढ़ता ही जा रहा है तो वह ब्रेन ट्यूमर से ग्रस्त है. वहीं, दूसरी ओर अग्रसर का दर्द लंबे समय से हो रहा है और वह सिर्फ उसी जगह पर है तो इसका मतलब यह नहीं है कि उस व्यक्ति को ब्रेन ट्यूमर है वह इस संबंध में प्राथमिक इलाज करवा सकता है.

symptoms of brain tumor
ब्रेन ट्यूमर के लक्षण.

अगर सिर दर्द बढ़ता ही जा रहा है तो सबसे पहले एमआरआई टेस्ट कराना जरूरी होगा. डॉक्टर एस.एस. ढांडपानी ने कहा कि पीजीआई में अलग-अलग राज्यों से आने वाले मरीजों की संख्या रहती है, लेकिन अब तक यह पता नहीं लग पाया है कि कौन सा ऐसा राज्य है जहां से ब्रेन ट्यूमर के मरीज अधिक पहुंच रहे हैं. डॉक्टर एस.एस. ढांडपानी कहते हैं कि यह कहा जा सकता है कि कुछ ऐसे शहर हैं जहां पर ब्रेन ट्यूमर से संबंधित निचले स्तर के ट्रीटमेंट उपलब्ध हैं. वहीं, जिस मरीज को ब्रेन ट्यूमर गंभीर तौर पर पाया जाता है वही व्यक्ति पीजीआई की तरफ रुख करता है.

पीजीआई में ब्रेन ट्यूमर से संबंधित हर तरह का इलाज: इसके अलावा कुछ ऐसे राज्य हुए हैं जहां पर ब्रेन ट्यूमर का इलाज ही उपलब्ध नहीं है, जिसके चलते उनमें जागरूकता की कमी रहती है. डॉक्टर एस.एस. ढांडपानी ने बताया कि पीजीआई में ब्रेन ट्यूमर से संबंधित हर तरह का इलाज उपलब्ध है. यहां दवा से लेकर सर्जरी तक की सुविधा मरीजों के लिए की गई है. जब भी किसी को ब्रेन ट्यूमर से संबंधित शिकायत हो तो वह सबसे पहले एमआरआई जरूर करवाएं.

symptoms of brain tumor
ब्रेन ट्यूमर होने पर ऐसे करें देखभाल

ब्रेन ट्यूमर को लेकर न्यूरो सर्जन डॉ. विनीत की राय: डॉक्टर विनीत कुमार सग्गर एमबीबीएस, एमएस, एमसीएच न्यूरो सर्जन के तौर पर चंडीगढ़ के निजी अस्पताल के साथ काम कर रहे हैं. वे पिछले 10 सालों से न्यूरो सर्जरी कर रहे हैं. मौजूदा समय में वे कंसलटेंट न्यूरोलॉजिकल एंड स्पाइनल सर्जरी इनट्यूबेशन न्यूरो सर्जन तौर पर अपनी सेवाएं निभा रहे हैं.

What is Brain Tumor
ब्रेन ट्यूमर के मामले.

इस उम्र के लोगों में ब्रेन ट्यूमर की समस्या अधिक: इस बारे में डॉ. विनीत कुमार बताते हैं ब्रेन ट्यूमर को लेकर लोगों भारी स्तर पर जानकारी की कमी है. जैसे ही लोग ब्रेन ट्यूमर का नाम सुनते हैं उनके मन में डर बैठ जाता है. ब्रेन ट्यूमर एक ऐसी बीमारी है जो कभी भी किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है, लेकिन ज्यादातर देखा गया है कि ब्रेन ट्यूमर 20 से अधिक उम्र के वयस्कों में देखी गई है. इस बीमारी से ग्रस्त होने के मुख्य कारण स्ट्रॉन्ग रेडिएशन पाया गया है इसके अलावा कुछ जेनेटिक सिंड्रोम भी इस बीमारी के होने की मुख्य वजह है. आधुनिक समय के साथ-साथ ब्रेन ट्यूमर का इलाज भी संभव किया गया है बहुत ही ऐसी मशीनें और रोबोटिक सर्जरी के जरिए दिमाग से ट्यून निकालने का काम किया जा चुका है. आज के समय में भी मरीज सामान्य जीवन जी रहे हैं.

What is Brain Tumor
ब्रेन ट्यूमर के प्रकार

ब्रेन ट्यूमर के प्रकार: उन्होंने कहा कि ब्रेन ट्यूमर दो तरह के होते हैं पहला ट्यूमर का रूप से पैदा होने वाली समस्या है. दूसरे तरह का ट्यूमर कहीं और से चलता हुआ मस्तिष्क तक पहुंचता है. और मस्तिष्क के कोशिकाओं के संग्रह में विकार पैदा करता है. ब्रेन ट्यूमर के इलाज में अलग-अलग तरीके आजमाए जाते हैं जिसमें रेडिएशन, ऑपरेशन और कीमोथेरेपी का अपना-अपना काम है. ब्रेन ट्यूमर को सबसे पहले आइडेंटिफाई करना जरूरी है कि वह किस स्तर तक फैला हुआ हैं. क्या वह एक छोटी सर्जरी या एक बड़ी सर्जरी के मदद से ठीक किया जा सकता है. वहीं, डॉ. विनीत कुमार का कहना है कि ब्रेन ट्यूमर जितना छोटा होगा वह इतनी जल्दी ही ठीक किया जा सकता है. क्योंकि मस्तिष्क एक नाजुक शरीर का हिस्सा है. जबकि शरीर के अन्य अंगों में पाए जाने वाला कैंसर कहीं ना कहीं सर्जरी और दवाओं के साथ ठीक किया जा सकता है. लेकिन, मस्तिष्क के ट्यूमर को निकालना और उसे ठीक करना काफी मुश्किल होता है.

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