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कोरोना: जानिए कौन सा सैनिटाइजर है सबसे बेहतर और कैसे होगी नकली की पहचान ?

सैनिटाइजर किन मापदंड पर आधारित होना चाहिए? कौन सा सैनिटाजर इस्तेमाल में लाना चाहिए? किस तरह से और कब सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना चाहिए, जानिए इस रिपोर्ट में...

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जानिए कौन सा सैनिटाइजर है सबसे बेहतर, कैसे होगी नकली की पहचान
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Published : Apr 10, 2020, 5:05 PM IST

चंडीगढ़: कोरोना महामारी फैलने के बाद एक दम से अल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर का इस्तेमाल बढ़ गया है. जैसे ही सैनिटाइजर की मांग बढ़ी, बाजारों में नकली सैनिटाइजर आने भी शुरू हो गए. सैनिटाइजर किन मापदंड पर आधारित होना चाहिए? कौन सा सैनिटाजर इस्तेमाल में लाना चाहिए? किस तरह से और कब सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना चाहिए, ये ईटीवी भारत की टीम ने सेक्टर 32 सरकारी अस्पताल के डॉक्टर्स से जाना.

सबसे पहले ईटीवी भारत की टीम कैमिस्ट शॉप पर गई, ये जानने के लिए की आखिर इस वक्त बाजार में कौन-कौन से सैनिटाइजर बेचे जा रहे हैं. कैमिस्ट विनीत पूरी ने बताया कि वो अपनी दवाइयां और सैनिटाइजर पक्के बिलों पर खरीदते हैं, ताकि नकली माल मिलने की कोई गुंजाइश ही न बचे. उन्होंने बताया कि कुछ दिनों पहले तक बाजार में ज्यादा एमआरपी वाले सैनिटाइजर आ रहे थे, जो की ग्रहकों को महंगे पढ़ रहे थे, लेकिन अब बाजार में पूरे माप दंड वाले सस्ते सैनिटाइजर आ गए हैं.

वहीं जब इस बारे में डॉक्टर आरुष सिंगला और डॉक्टर वंशी से बात की गई तो उन्होंने कई तरह की जानकारियां दी.

क्लिक कर देखें रिपोर्ट

कौन सा सैनिटाइजर सबसे बेस्ट है?

डॉ. आरुष सिंगला ने बताया कि आइसो प्रोपाइल अल्कोहल वाला सैनिटाइजर ही इस्तेमाल में लाना चाहिए. आइसो प्रोपाइल अल्कोहल वाले सैनिटाइजर ही सबसे बेस्ट होते हैं.

नकली सैनिटाइजर का पता कैसे चलेगा?

डॉ. आरुष सिंगला ने बताया कि जो सैनिटाइजर जैल बेस्ड होते हैं,वो ज्यादा प्रभावशाली नहीं होते हैं. ऐसे सैनिटाइजर से स्किन पर असर पड़ सकता है और ये ज्यादातर नकली होते हैं. इसके अलावा जिन सैनिटाइजर को लगाने के बाद हाथ चिपचिपे हो जाते हैं वो भी नकली होते हैं. ऐसे सैनिटाइजर्स को इस्तेमाल में लाने से बचना चाहिए.

कैसे और कब करना चाहिए सैनिटाइजर का इस्तेमाल?

जो लोग घरों से बाहर रहते हैं, उन्हें ही सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना चाहिए. जो घर पर हैं, वो साबुन से हाथ धो सकते हैं. डॉ. वंशी ने बताया कि जो लोग बाहर हैं, उन्हें हर 20 मिनट में अपने हाथ सैनिटाइज करने चाहिए. सैनिटाइजर की 2 से 3 ड्रॉप एक बार में इस्तेमाल में लानी चाहिए. उन्होंने बताया कि WHO की गाइड लाइन के मुताबिक भी हमें अपने हाथ 6 से 20 सैकेंड तक ही सैनिटाइज करने चाहिए.

ये भी पढ़िए: जब होनी थी सबसे ज्यादा कमाई तभी हो गया लॉकडाउन, टैक्सी ड्राइवर कैसे भरेंगे किश्त?

जब सैनिटाइजर के बारे में चंडीगढ़ के लोगों से बात की गई तो ज्यादातर लोग जागरुक नजर आए. ज्यादातर लोगों को पता खा कि 70 से 75 % अल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर को ही इस्तेमाल में लाना चाहिए. इसके साथ ही उन्हें पता था कि कब और कैसे सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना चाहिए.

चंडीगढ़: कोरोना महामारी फैलने के बाद एक दम से अल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर का इस्तेमाल बढ़ गया है. जैसे ही सैनिटाइजर की मांग बढ़ी, बाजारों में नकली सैनिटाइजर आने भी शुरू हो गए. सैनिटाइजर किन मापदंड पर आधारित होना चाहिए? कौन सा सैनिटाजर इस्तेमाल में लाना चाहिए? किस तरह से और कब सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना चाहिए, ये ईटीवी भारत की टीम ने सेक्टर 32 सरकारी अस्पताल के डॉक्टर्स से जाना.

सबसे पहले ईटीवी भारत की टीम कैमिस्ट शॉप पर गई, ये जानने के लिए की आखिर इस वक्त बाजार में कौन-कौन से सैनिटाइजर बेचे जा रहे हैं. कैमिस्ट विनीत पूरी ने बताया कि वो अपनी दवाइयां और सैनिटाइजर पक्के बिलों पर खरीदते हैं, ताकि नकली माल मिलने की कोई गुंजाइश ही न बचे. उन्होंने बताया कि कुछ दिनों पहले तक बाजार में ज्यादा एमआरपी वाले सैनिटाइजर आ रहे थे, जो की ग्रहकों को महंगे पढ़ रहे थे, लेकिन अब बाजार में पूरे माप दंड वाले सस्ते सैनिटाइजर आ गए हैं.

वहीं जब इस बारे में डॉक्टर आरुष सिंगला और डॉक्टर वंशी से बात की गई तो उन्होंने कई तरह की जानकारियां दी.

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कौन सा सैनिटाइजर सबसे बेस्ट है?

डॉ. आरुष सिंगला ने बताया कि आइसो प्रोपाइल अल्कोहल वाला सैनिटाइजर ही इस्तेमाल में लाना चाहिए. आइसो प्रोपाइल अल्कोहल वाले सैनिटाइजर ही सबसे बेस्ट होते हैं.

नकली सैनिटाइजर का पता कैसे चलेगा?

डॉ. आरुष सिंगला ने बताया कि जो सैनिटाइजर जैल बेस्ड होते हैं,वो ज्यादा प्रभावशाली नहीं होते हैं. ऐसे सैनिटाइजर से स्किन पर असर पड़ सकता है और ये ज्यादातर नकली होते हैं. इसके अलावा जिन सैनिटाइजर को लगाने के बाद हाथ चिपचिपे हो जाते हैं वो भी नकली होते हैं. ऐसे सैनिटाइजर्स को इस्तेमाल में लाने से बचना चाहिए.

कैसे और कब करना चाहिए सैनिटाइजर का इस्तेमाल?

जो लोग घरों से बाहर रहते हैं, उन्हें ही सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना चाहिए. जो घर पर हैं, वो साबुन से हाथ धो सकते हैं. डॉ. वंशी ने बताया कि जो लोग बाहर हैं, उन्हें हर 20 मिनट में अपने हाथ सैनिटाइज करने चाहिए. सैनिटाइजर की 2 से 3 ड्रॉप एक बार में इस्तेमाल में लानी चाहिए. उन्होंने बताया कि WHO की गाइड लाइन के मुताबिक भी हमें अपने हाथ 6 से 20 सैकेंड तक ही सैनिटाइज करने चाहिए.

ये भी पढ़िए: जब होनी थी सबसे ज्यादा कमाई तभी हो गया लॉकडाउन, टैक्सी ड्राइवर कैसे भरेंगे किश्त?

जब सैनिटाइजर के बारे में चंडीगढ़ के लोगों से बात की गई तो ज्यादातर लोग जागरुक नजर आए. ज्यादातर लोगों को पता खा कि 70 से 75 % अल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर को ही इस्तेमाल में लाना चाहिए. इसके साथ ही उन्हें पता था कि कब और कैसे सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना चाहिए.

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