चंडीगढ़: गेंहू खरीद के इस मौसम में नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा अनाज मंडियों का दौरा कर रहे हैं. हुड्डा सरकार पर किसानों की अनदेखी के आरोप लगा रहे हैं. गोहाना, हिसार, झज्जर और रोहतक समेत कई जिलों में उन्होंने मंडियों का दौरा किया. हुड्डा कहा रहे हैं कि मंडियों में फैली दुर्व्यवस्था की वजह से किसान और उसके अनाज दोनों की बेकद्री हो रही है. कई दिनों से प्रदेश की मंडियां गेहूं से अटी पड़ी हैं. सरकार अनाज के उठान को लेकर गंभीर नहीं है.
हुड्डा कहते हैं कि मंडियों में गेहूं का उठान और भुगतान नहीं होने के चलते किसान, मजदूर और आढ़ती बुरी तरह परेशान हैं. हुड्डा का आरोप है कि सरकार ने उठान के लिए वक्त रहते ट्रांसपोर्टर्स को टेंडर ही नहीं दिया. बाद में ऐसे लोगों को टेंडर दे दिया गया, जिनके पास पर्याप्त गाड़ियां भी नहीं हैं. हुड्डा बेमौसम बारिश से हुए नुकसान के लिए मुआवजे की मांग भी उठा रहे हैं. उनकी मांग है कि किसानों के नुकसान की भरपाई के लिए उन्हें 25000 से लेकर 50000 रुपये तक प्रति एकड़ मुआवजा और प्रति क्विंटल 500 रुपये बोनस देना चाहिए.
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इधर गेंहू खरीद को लेकर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दुष्यन्त चौटाला ने बताया कि अब तक 54 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हो चुकी है. आने वाले दिनों में बीस लाख मीट्रिक टन खरीद होने की संभावना है. वे कहते हैं कि 5 हजार 800 करोड़ रुपये किसानों को सीधी पेमेंट की गई है. आगामी दो दिनों में किसानों के खाते में खरीद के 9 हजार करोड़ रुपये डाल दिये जाएंगे.
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि मंडियों से उठान में तेजी लाई गई है. 52 प्रतिशत से ज्यादा उठान किया जा चुका है. एक भी किसान को मंडी में फसल बेचने में कोई दिक्कत नहीं आयी है. मंडी में आते ही किसान की फसल खरीदी गई है. इतना ही नहीं वे कहते हैं कि रोहतक में एक श्मशान भूमि की दीवार के साथ गेहूं की ढेरी लगवाई गई थी, इसकी जांच वहां के उपायुक्त को दी गई है. मार्केट कमेटी की इजाजत के बिना अगर यह ढेरी लगवाई गई है तो संबंधित आढ़ती के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.
उधर हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल भी लगातार खुद इन दिनों मंडियों की व्यवस्था जाने के लिए मैदान में उतरे हुए हैं. जेपी दलाल कहते हैं कि प्रदेश की अनाज मंडियों में गेंहू खरीद में किसानों को किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं आने दी जाएगी. सरकार द्वारा किसानों की फसल का एक-एक दाना खरीदा जाएगा और फसलों की अदायगी 72 घंटे के अन्दर किसानों के खाते में की जा रही है. लिफ्टिंग में देरी पर उनका कहना है कि इसके लिए अधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं.
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