चंडीगढ़: केंद्र और प्रदेश सरकार ने बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से खराब हुई फसलों से चिंतिंत हरियाणा के किसानों को बड़ी राहत दी है. सरकार अब लस्टर लॉस और सिकुड़े-टूटे गेहूं की भी खरीद करेगी. सरकारी खरीद के नियमों में दी गई शिथिलता के कारण किसानों को अब मंडियों से बैरंग नहीं लौटना पड़ेगा. सरकार ने 80 प्रतिशत तक लस्टर लॉस होने वाली गेहूं की फसल को खरीदने का फैसला किया है.
गौरतलब है कि डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने पत्र लिखकर केंद्र से इसकी मांग की थी, जिस पर केंद्र ने हरियाणा में गेहूं की खरीद की शर्ताें में ढील दी है. सरकार के इस बड़े फैसले से हरियाणा के किसानों को बड़ी राहत मिलेगी. क्योंकि हरियाणा में गेहूं खरीद के नए नियमों के अनुसार अब सरकार 80 प्रतिशत तक लस्टर लॉस वाली गेहूं की फसल की भी खरीद करेगी. वहीं 18 प्रतिशत तक सिकुड़े- टूटे गेहूं की भी खरीद की जाएगी. डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने केंद्र सरकार के इस निर्णय को प्रदेश के किसानों को राहत देने वाला कदम बताया है.
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उन्होंने अधिकारियों को हर हरियाणा की मंडी में गेहूं की सरकारी खरीद के इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं. हरियाणा में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से खेतों में तैयार खड़ी फसलों को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ था. हरियाणा में किसानों की सरसों, चना और गेहूं की फसल खराब हो गई थी और खेतों में बिछ गई थी. मंडियों में तय मानकों के अनुरुप फसल नहीं होने के कारण इनकी सरकारी खरीद नहीं हो पा रही थी और किसानों को मंडियों से बैरंग वापस लौटना पड़ रहा था.
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बेमौसम बारिश से हरियाणा में सरसों की फसल में नमी बढ़ गई और गेहूं की फसल का दाना काला पड़ गया या उसकी चमक कम हो गई थी. जिसके कारण ऐसी फसलों की खरीद नहीं हो पा रही थी. प्रदेश सरकार की ओर से सीएम मनोहर लाल किसानों को हरियाणा में फसल खराब का मुआवजा दिलाने की घोषणा पहले ही कर चुके हैं. हरियाणा में इसके लिए स्पेशल गिरदावरी भी चल रही है. कई बार सार्वजनिक मंच से कृषि मंत्री जेपी दलाल ने भी इस बात को दोहराया है कि किसानों को बारिश से प्रभावित फसलों का मुआवजा मिलेगा और जिला स्तर पर रिपोर्ट तैयार होते ही मुआवजा राशि दे दी जाएगी.