चंडीगढ़: हरियाणा के जींद जिले में एक युवक के साथ ऑनलाइन तरीके से 35 लाख रुपये की ठगी करने का मामला सामने आया था. जिसमें उस युवक को एक फेक प्रोफाइल की ओर से मैसेज किया गया था कि उसे 60 हजार अमेरिकी डॉलर दिए जाएंगे और उसकी एवज में उससे 35 लाख रुपए के लिए गए. आखिर इस तरह की ठगी को किस तरह से अंजाम दिया गया. इस बारे में हमने जाने-माने साइबर एक्सपर्ट राजेश राणा से बात की.
कैसे होता है नाइजीरियन फ्रॉड ?
साइबर एक्सपर्ट राजेश राणा ने कहा किस तरह के फ्रॉड को नाइजीरियन फ्रॉड कहा जाता है और ये फ्रॉड साल 2000 के आसपास से शुरू हो गए थे. उस समय इस तरह के फ्रॉड को ईमेल के जरिए अंजाम दिया जाता था और अब इस तरह के फ्रॉड ईमेल के साथ-साथ सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट के जरिए भी हो रहे हैं.
उन्होंने बताया कि इस तरह की फ्रॉड में साइबर क्रिमिनल व्यक्ति को एक बड़ी राशि देने की बात करते हैं जिससे व्यक्ति लालच में आ जाता है फिर ठग उस व्यक्ति को उसके एड्रेस तक राशि पहुंचाने में कई परेशानियां आने की बात कहकर उससे पैसे मंगवाना शुरू कर देता है. लालच में आया व्यक्ति पैसे दे देता है. जब तक व्यक्ति को पता चलता है कि उसके साथ फ्रॉड किया गया है तब तक शातिर ठग उस से मोटी रकम ले चुके होते हैं.
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उन्होंने कहा कि इस तरह की ठगी का सबसे बड़ा कारण लालच होता है. लालच में आकर लोग ये सोचते ही नहीं कि उन्हें ठगा जा रहा है. लोगों को सोचना चाहिए कि पैसा कभी भी पार्सल के थ्रू नहीं आता, ना ही पैसा कोई ऐसी वस्तु है जिसे एयरपोर्ट पर रोका जाए. पैसा हमेशा बैंक ट्रांसफर के द्वारा ही लिया या दिया जा सकता है. लेकिन शातिर ठगों के लालच में आए लोग इन सब बातों पर ध्यान ही नहीं देते.
कैसे बचें नाइजीरियन फ्रॉड से ?
इस तरह के अपराधों से बचने का सबसे बड़ा उपाय है कि लोग लालच ना करें. अगर सोशल मीडिया पर ईमेल के माध्यम से कोई आपसे कहता है कि वो आपको पैसे देना चाहता है या वो आपके देश में पैसा इन्वेस्ट करना चाहते हैं तो आप खुद सोचिए कि कोई व्यक्ति आपको ही पैसे क्यों देगा.
अगर कोई कहता है कि आपकी कोई लॉटरी निकली है तो सोचिए जब आपने लॉटरी डाली ही नहीं तो लॉटरी कैसे निकलेगी. फिर भी अगर आपको कोई पैसे देना चाहता है तो पैसे आपके बैंक अकाउंट में आएंगे और उसके लिए आपको अपनी ओर से किसी तरह के चार्जेस देने की जरूरत नहीं है.
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ये लोग अलग-अलग बहाने बनाकर लोगों से पैसे ठगते हैं और जब इन्हें लगता है कि इस व्यक्ति से उन्हें और पैसे नहीं मिलेंगे. तब ये लोगों को पुलिस या इनकम टैक्स के नाम पर डराना शुरू कर देते हैं और उसके नाम पर भी वे लोगों से पैसे ऐंठ लेते हैं.
लोगों को एक बात गांठ बांध लेनी चाहिए कि जब भी उन्हें कोई अनजान व्यक्ति पैसे देने की पेशकश करें तो वह तभी समझ जाएं कि उनके साथ फ्रॉड होने वाला है. लोग इस तरह के लालच से बचेंगे तो वे साइबर अपराधों से भी बचे रहेंगे.
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