चंडीगढ़: चंडीगढ़ में सीएम मनोहर लाल के आवास के बाहर आज बड़ी संख्या में अभिभावक और बच्चे पहुंचे हुए थे. सीएम आवास के बाहर अभिभावक जिन बच्चों को लेकर पहुंचे थे, वे मस्कुलर डिस्ट्रॉफी बीमारी से ग्रसित हैं. यह सभी लोग इस बीमारी का इलाज उपलब्ध करने और इसके शोध की मांग कर रहे हैं. इस बीमारी की दवाइयां विदेशों में उपलब्ध हैं और ये लोग भी दवाई की मांग कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री मनोहर लाल के आवास पहुंचे इन लोगों का कहना है कि इस बीमारी का इलाज और दवा प्रदेश में नहीं मिल पा रही है. इसलिए उनकी मुख्यमंत्री से मांग है कि इस बीमारी के इलाज का शोध करने व विदेशों में मिलने वाली दवाइयां उपलब्ध करवाई जाए. ताकि इस बीमारी से ग्रसित बच्चों का इलाज हो सके. इन लोगों का कहना है कि कुछ दिनों पहले उन्होंने मुख्यमंत्री के ओएसडी से भी इस संबंध में मुलाकात की थी. उन्होंने इनको मुख्यमंत्री से मिलवाने की बात कही थी. जिसके चलते आज यह सभी लोग अपने बच्चों के साथ मुख्यमंत्री से मिलने के लिए उनके आवास पर पहुंचे.
![muscular dystrophy-disease affected children and guardians reached cm residence](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/18462600_chchc.jpg)
हरियाणा के अलग-अलग हिस्सों से पहुंचे इन लोगों का कहना है कि उनके बच्चों को मस्कुलर डिस्ट्रॉफी बीमारी है. इसमें लगातार बच्चों की मसल मंद हो रही है. बच्चों को उठाकर एक स्थान से दूसरे स्थान पर लेकर जाना पड़ता है. इन लोगों की मांग है कि इस बीमारी की विदेश से मिलने वाली दवाइयां बेहद महंगी है. जिसको सरकार पॉलिसी बनाकर हमारी मदद कर सकती है. बता दें कि मस्कुलर डिस्ट्रॉफी बीमारी का मुद्दा अंबाला शहर से विधायक असीम गोयल ने भी उठाया था. उन्होंने भी बच्चों के इलाज के लिए मदद की मांग सरकार से की थी.
जानें क्या होती है मस्कुलर डिस्ट्रॉफी: मस्कुलर डिस्ट्रॉफी बीमारी वंशानुगत विकारों का एक समूह है. जिसमें शरीर की मांसपेशियां लगातार कमजोर होती जाती हैं, जो फैटी टिशू द्वारा प्रतिस्थापित हो जाता है. इस बीमारी में मांसपेशियां धीरे-धीरे कमजोर हो जाती हैं. जिससे इस बीमारी से ग्रसित बच्चे को धीरे-धीरे चलने-फिरने में मुश्किल होती है. हालांकि इस बीमारी का कोई भी स्थाई इलाज नहीं है. इस बीमारी का जो इलाज उपलब्ध है, वह इस बीमारी के लक्षणों को कम कर सकता है. पूरी तरह से खत्म नहीं कर सकता.