चंडीगढ़: कृषि कानूनों के विरोध और किसानों के समर्थन में इनेलो नेता अभय चौटाला ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है. विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने अभय चौटाला का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. इस्तीफा देने से पहले अभय चौटाला ने स्टेट बॉडी लेवल की बैठक भी की थी.
किसान आंदोलन को देखते हुए पुलिस ने विधानसभा के बाहर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे. अभय चौटाला ट्रैक्टर पर इस्तीफा देने विधानसभा पहुंचे थे. जिसके बाद पुलिस ने अभय चौटाला को कुछ देर के लिए रोक लिया था. जब उन्होंने सुरक्षा बलों को इस्तीफे की बात बताई तब उन्हें अंदर जाने दिया गया.
गौरतलब है कि पहले ही अभय चौटाला इस्तीफा देने का ऐलान कर चुके थे. अभय चौटाला ने विधानसभा अध्यक्ष को भेजी एक चिट्ठी के जरिए कहा था कि अगर 26 जनवरी तक किसानों की मांगें पूरी नहीं हुई तो 27 जनवरी को उनका इस्तीफा समझा जाए.
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इसके बाद विधानसभा स्पीकर ने कहा था कि कंडीशनल इस्तीफा स्वीकर नहीं किया जा सकता. इस्तीफे में साफ लिखा होना चाहिए कि मैं अपने पद से इस्तीफा देता हूं. जिसके बाद अभय चौटाला ने कहा था कि अगर 26 जनवरी तक सरकार किसानों की मांगें नहीं मानती तो वो खुद विधानसभा में जाकर स्पीकर को इस्तीफा सौपेंगें.
क्या कहा विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने?
अभय चौटाला का इस्तीफा लेने के बाद विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने ईटीवी भारत हरियाणा से खास बातचीत में बताया कि
अभय चौटाला का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. पहले उन्होंने सशर्त इस्तीफे के पेशकर की थी. जो कि मंजूर नहीं किया जा सकता था. इस बार उन्होंने साफ शब्दों में इस्तीफे की बात कही है. इसलिए उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया गया है. जिसकी नोटिफिकेशन आने वाले एक-दो दिन में जारी कर दी जाएगी.
इस्तीफ देने के बाद क्या कहा अभय चौटाला ने?
मैंने किसान पार्टी और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करके इस्तीफा देने का फैसला किया है. अभय चौटाला ने कहा कि ऐसे लोगों को भी इस्तीफा देना चाहिए जिन्होंने किसानों के साथ खड़े होकर फोटो खिंचवाई और जिन्होंने ये कहा था कि हम आपके लिए त्यागपत्र दे देंगे. अगर वो किसान के हितैशी हैं, किसान से साथ लड़ाई लड़ना चाहते हैं. अब वो सामने आएं और त्याग पत्र दें. खासकर उन लोगों को जो चौधरी देवीलाल की फोटो लगाते हैं. या तो वो चौधरी देवीलाल की फोटो लगाना छोड़ दें. अगर नहीं छोड़ते फिर उन्हें इस्तीफा देना चाहिए. अगर इस्तीफा नहीं देते तो वो ना केवल चौधरी देवीलाल के लिए कंलक हैं. बल्कि हरियाणा के हर एक उन लोगों के लिए कलंक हैं जो चौधरी देवीलाल की नीति में आस्था रखते हैं.
पिता व भाई के बाद संभाली कमान
बता दें कि अभय चौटाला सिरसा की ऐलनाबाद विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे. वो हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 में इनेलो की तरफ से जीतने वाले इकलौते विधायक रहे. जेबीटी भर्ती घोटाले में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला और बड़े भाई अजय चौटाला को सजा होने के बाद अभय चौटाला ने इनेलो की कमान संभाली. अभय पिता की सीट ऐलानाबाद से लगातार तीन बार विधायक चुने गए. इस बीच परिवार में मतभेदों के कारण फूट पड़ गई और अभय के भतीजे दुश्यंत चौटाला ने अलग पार्टी जननायक जनता पार्टी बना ली.
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अभय सिंह चौटाला का सियासी सफर
- 1999 में अभय चौटाला हरियाणा ओलंपिक एसोसिएशन के अध्यक्ष बने
- 1991 से 2019 तक 13 खेल एसोसिएशन में अध्यक्ष पद पर रहे
- 2005 में सिरसा जिला परिषद के चेयरमैन बने
- 2009 में पहली बार उपचुनाव में ऐलानाबाद से विधायक चुने गए
- 2014 में फिर से ऐनलनाबाद सीट से जीत दर्ज की, नेता विपक्ष चुने गए
- 2019 में ऐलनाबाद सीट से लगातार तीसरी बार विधयक चुने गए
- 2021 में कृषि कानूनों के विरोध और किसान आंदोलन के समर्थन में इस्तीफा दिया
खिलाड़ियों के लिए काम किया
अभय चौटाला ने हरियाणा में खेल और खिलाडियों को बढ़ावा देने के लिए कई काम किए. बेहतर प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को सरकारी नौकरियों में कोटा, डायट का खर्च और राष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीतने वालों को विशेष तौर पर पुरस्कृत करने की योजना शुरू करने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई है.
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सोशल मीडिया
- ट्विटर पर अभय के 37 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स हैं
- फेसबुक पेज पर 4 लाख से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं
अभय चौटाला की ताकत
- लंबा राजनीतिक अनुभव और तीन बार विधायक रह चुके हैं
- पार्टी के सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं से बेहतर संबध हैं
- जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद करते हैं
- प्रदेश के हर क्षेत्र की समस्याओं से अवगत हैं