चंडीगढ़: वेंडर्स को शिफ्ट करने का मुद्दा थमने का नाम नहीं ले रहा है. चंडीगढ़ के सेक्टर 17 से शिफ्ट किए गए वेंडर्स को प्रशासन ने दूसरे स्थानों पर जगह तो दे दी है, लेकिन कुछ वेंडर्स अभी भी सेक्टर 17 को छोड़कर जाने को तैयार नहीं है. हालांकी उनकी दुकाने तो हटा दी गई हैं लेकिन वे फिर भी बिना दुकानों के सेक्टर 17 में इस उम्मीद से आ रहे हैं उन्हें फिर से किसी तरह यहां थोड़ी जगह मिल जाए.
कोर्ट के आदेश पर वेंडर्स की जगह बदली
हमें ऐसे कुछ वेंडर मिले जो अभी सेक्टर 17 में फिर से अपनी दुकाने लगाने की उम्मीद कर रहें हैं और प्रशासन को जमकर कोस रहे रहे हैं. हालांकी सुप्रीम कोर्ट से फैसला आने के बाद इसमें प्रशासन भी कुछ नहीं कर सकता है.
जब हमने कुछ महिला वेंडर्स से बात की तो उन्होंने कहा कि वे लोग पिछले कई सालों से यहां अपनी दुकाने लगा रहे थे और जैसे- तैसे अपने परिवार को पाल रहे थे, लेकिन प्रशासन ने उनकी दुकानों को यहां से हटाकर उनके पेट पर लात मारने का काम किया है. यहां से दुकाने हटने के बाद उनकी भूखे मरने की नौबत आ गई है.
परेशान स्ट्रीट वेंडर्स
जिस स्थान पर प्रशासन ने उनको भेजा है वहां उनका काम धंधा नहीं चल रहा है. सेक्टर 17 में बड़ी संख्या में लोग आते थे लेकिन जिन जगहों पर वेंडर्स को भेजा गया है, वहां इनके पास ग्राहक नहीं आते. जिससे उनकी आमदनी बिल्कुल बंद हो गई है. इन लोगों ने कहा कि एक तरफ तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबको अपना खुद का काम करके रोजी रोटी कमाने की बात करते हैं वहीं चंडीगढ़ प्रशासन लोगों की रोजी रोटी छीनने में लगा है.
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इसके अलावा कुछ वेंडर्स का कहना था कि चंडीगढ़ प्रशासन ने वेंडर्स को शिफ्ट करने में भी भारी अनियमित्ताएं बरती हैं. उनका कहना था कि उन्हे प्रशासन की ओर जिन सेक्टर्स के लाइसेंस मिले थे, उन्हें वहां ना भेज कर अन्य स्थानो पर भेजा जा रहा जहां पर आबादी नहीं है. वहां पर उनसे सामान खरीदने कौन आएगा.
प्रशासन ने हटाया अतिक्रमण
आपको बता दें कि लंबे समय से चंडीगढ़ को फिर उसके मुल स्वरुप में लाने और अतिक्रमण को हटाने के लिए प्रशासन लगातार प्रयास कर रहा था. इसके लिए हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी कानूनी लड़ाई लड़ी गई. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने प्रशासन को सही मानते हुए चंडीगढ़ से वेंडर्स को हटाकर नए बनाए गए वेंडिंग जोन में भेजने के आदेश दिए थे.