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सेक्टर 17 से हटाए गए वेंडर्स का छलका दर्द, कहा- प्रशासन ने छीनी उनकी रोजी-रोटी - चंडीगढ़ में हटाए स्ट्रीट वेंडर्स

कोर्ट के आदेश पर प्रशासन ने स्ट्रीट वेंडर्स को सेक्टर 17 से शिफ्ट कर दिया. जिस स्थान पर इनको भेजा गया है वहां उनको उचित मात्रा में रोजगार नहीं मिल रहा है. इससे वेंडर्स को परेशानी हो रही है.

vendors grievance to government in chandigarh
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Published : Dec 10, 2019, 4:49 PM IST

चंडीगढ़: वेंडर्स को शिफ्ट करने का मुद्दा थमने का नाम नहीं ले रहा है. चंडीगढ़ के सेक्टर 17 से शिफ्ट किए गए वेंडर्स को प्रशासन ने दूसरे स्थानों पर जगह तो दे दी है, लेकिन कुछ वेंडर्स अभी भी सेक्टर 17 को छोड़कर जाने को तैयार नहीं है. हालांकी उनकी दुकाने तो हटा दी गई हैं लेकिन वे फिर भी बिना दुकानों के सेक्टर 17 में इस उम्मीद से आ रहे हैं उन्हें फिर से किसी तरह यहां थोड़ी जगह मिल जाए.

कोर्ट के आदेश पर वेंडर्स की जगह बदली

हमें ऐसे कुछ वेंडर मिले जो अभी सेक्टर 17 में फिर से अपनी दुकाने लगाने की उम्मीद कर रहें हैं और प्रशासन को जमकर कोस रहे रहे हैं. हालांकी सुप्रीम कोर्ट से फैसला आने के बाद इसमें प्रशासन भी कुछ नहीं कर सकता है.

सेक्टर 17 से हटाए गए वेंडर्स का छलका दर्द, देखें वीडियो

जब हमने कुछ महिला वेंडर्स से बात की तो उन्होंने कहा कि वे लोग पिछले कई सालों से यहां अपनी दुकाने लगा रहे थे और जैसे- तैसे अपने परिवार को पाल रहे थे, लेकिन प्रशासन ने उनकी दुकानों को यहां से हटाकर उनके पेट पर लात मारने का काम किया है. यहां से दुकाने हटने के बाद उनकी भूखे मरने की नौबत आ गई है.

परेशान स्ट्रीट वेंडर्स

जिस स्थान पर प्रशासन ने उनको भेजा है वहां उनका काम धंधा नहीं चल रहा है. सेक्टर 17 में बड़ी संख्या में लोग आते थे लेकिन जिन जगहों पर वेंडर्स को भेजा गया है, वहां इनके पास ग्राहक नहीं आते. जिससे उनकी आमदनी बिल्कुल बंद हो गई है. इन लोगों ने कहा कि एक तरफ तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबको अपना खुद का काम करके रोजी रोटी कमाने की बात करते हैं वहीं चंडीगढ़ प्रशासन लोगों की रोजी रोटी छीनने में लगा है.

ये भी पढे़ं:- 'पानीपत' विवाद: महाराजा सूरजमल के वंशज बोले- फिल्म पर लगे बैन और निर्माता मांगे माफी

इसके अलावा कुछ वेंडर्स का कहना था कि चंडीगढ़ प्रशासन ने वेंडर्स को शिफ्ट करने में भी भारी अनियमित्ताएं बरती हैं. उनका कहना था कि उन्हे प्रशासन की ओर जिन सेक्टर्स के लाइसेंस मिले थे, उन्हें वहां ना भेज कर अन्य स्थानो पर भेजा जा रहा जहां पर आबादी नहीं है. वहां पर उनसे सामान खरीदने कौन आएगा.

प्रशासन ने हटाया अतिक्रमण

आपको बता दें कि लंबे समय से चंडीगढ़ को फिर उसके मुल स्वरुप में लाने और अतिक्रमण को हटाने के लिए प्रशासन लगातार प्रयास कर रहा था. इसके लिए हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी कानूनी लड़ाई लड़ी गई. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने प्रशासन को सही मानते हुए चंडीगढ़ से वेंडर्स को हटाकर नए बनाए गए वेंडिंग जोन में भेजने के आदेश दिए थे.

चंडीगढ़: वेंडर्स को शिफ्ट करने का मुद्दा थमने का नाम नहीं ले रहा है. चंडीगढ़ के सेक्टर 17 से शिफ्ट किए गए वेंडर्स को प्रशासन ने दूसरे स्थानों पर जगह तो दे दी है, लेकिन कुछ वेंडर्स अभी भी सेक्टर 17 को छोड़कर जाने को तैयार नहीं है. हालांकी उनकी दुकाने तो हटा दी गई हैं लेकिन वे फिर भी बिना दुकानों के सेक्टर 17 में इस उम्मीद से आ रहे हैं उन्हें फिर से किसी तरह यहां थोड़ी जगह मिल जाए.

कोर्ट के आदेश पर वेंडर्स की जगह बदली

हमें ऐसे कुछ वेंडर मिले जो अभी सेक्टर 17 में फिर से अपनी दुकाने लगाने की उम्मीद कर रहें हैं और प्रशासन को जमकर कोस रहे रहे हैं. हालांकी सुप्रीम कोर्ट से फैसला आने के बाद इसमें प्रशासन भी कुछ नहीं कर सकता है.

सेक्टर 17 से हटाए गए वेंडर्स का छलका दर्द, देखें वीडियो

जब हमने कुछ महिला वेंडर्स से बात की तो उन्होंने कहा कि वे लोग पिछले कई सालों से यहां अपनी दुकाने लगा रहे थे और जैसे- तैसे अपने परिवार को पाल रहे थे, लेकिन प्रशासन ने उनकी दुकानों को यहां से हटाकर उनके पेट पर लात मारने का काम किया है. यहां से दुकाने हटने के बाद उनकी भूखे मरने की नौबत आ गई है.

परेशान स्ट्रीट वेंडर्स

जिस स्थान पर प्रशासन ने उनको भेजा है वहां उनका काम धंधा नहीं चल रहा है. सेक्टर 17 में बड़ी संख्या में लोग आते थे लेकिन जिन जगहों पर वेंडर्स को भेजा गया है, वहां इनके पास ग्राहक नहीं आते. जिससे उनकी आमदनी बिल्कुल बंद हो गई है. इन लोगों ने कहा कि एक तरफ तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबको अपना खुद का काम करके रोजी रोटी कमाने की बात करते हैं वहीं चंडीगढ़ प्रशासन लोगों की रोजी रोटी छीनने में लगा है.

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इसके अलावा कुछ वेंडर्स का कहना था कि चंडीगढ़ प्रशासन ने वेंडर्स को शिफ्ट करने में भी भारी अनियमित्ताएं बरती हैं. उनका कहना था कि उन्हे प्रशासन की ओर जिन सेक्टर्स के लाइसेंस मिले थे, उन्हें वहां ना भेज कर अन्य स्थानो पर भेजा जा रहा जहां पर आबादी नहीं है. वहां पर उनसे सामान खरीदने कौन आएगा.

प्रशासन ने हटाया अतिक्रमण

आपको बता दें कि लंबे समय से चंडीगढ़ को फिर उसके मुल स्वरुप में लाने और अतिक्रमण को हटाने के लिए प्रशासन लगातार प्रयास कर रहा था. इसके लिए हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी कानूनी लड़ाई लड़ी गई. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने प्रशासन को सही मानते हुए चंडीगढ़ से वेंडर्स को हटाकर नए बनाए गए वेंडिंग जोन में भेजने के आदेश दिए थे.

Intro:यह खबर लाइव्यू से भेजी गई है। कृप्या फीड़रुम में चेक कर लें-
SLUG- VENDORS GRIEVANCE WALK THROUGH

चंडीगढ़ में वेंडेर्स को शिफ्ट करने का मुद्दा थमने का नाम नहीं ले रहा है। चंडीगढ़ के सेक्टर 17 से शिफ्ट किए गए वेंडर्स को प्रशासन ने दूसरे स्थानों पर जगह तो दे दी है। लेकिन कुछ वेंडर्स अभी भी सेक्टर 17 को छोड़कर जाने को तैयार नहीं है। हालांकी उनकी दुकाने तो हटा दी गई हैं लेकिन वे आज भी बिना दुकानों के सेक्टर 17 में इस उम्मीद से आते हैं कि उन्हें फिर से किसी तरह यहां थोड़ी जगह मिल जाए।
Body:हमें ऐसे कुछ वेंडर मिले जो अभी सेक्टर 17 में फिर से अपनी दुकाने लगाने की उम्मीद कर रहें हैं और प्रशासन को जमकर कोस रहे रहे हैं। हालांकी सुप्रीम कोर्ट से फैसला आने के बाद इसमें प्रशासन भी कुछ नहीं कर सकता।
जब हमने कुछ महिला वेंडर्स से बात की तो उन्होंने कहा कि वे लोग पिछले कई सालों से यहां अपनी दुकाने लगा रहे थे और जैसे कैसे अपने परिवार को पाल रहे थे। लेकिन प्रशासन ने उनकी दुकानों को यहां से हटाकर उनके पेट पर लात मारने का काम किया है। यहां से दुकाने हटने के बाद उनकी भूखे मरने की नौबत आ गई है। क्य़ोंकी इन्हें जिन स्थानों पर भेजा गया है वहां इनका काम धन्धा नहीं चल पा रहा है क्योंकी सेक्टर 17 में तो बड़ी संख्या में लोग आते थे लेकिन जिन जगहों पर वेंडर्स को भेजा गया है। वहां इनके पास ग्राहक नहीं आते। जिससे उनकी आमदनी बिल्कुल बंद हो गई है। इन लोगों ने कहा कि एक तरफ तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबको अपना खुद का काम करके रोजी रोटी कमाने की बात करते हैं वहीं चंडीगढ़ प्रशासन लोगों की रोजी रोटी छीनने में लगा है।
इसके अलावा कुछ वेंडर्स का कहना था कि चंडीगढ़ प्रशासन ने वेंडर्स को शिफ्ट करने में भी भारी अनियमिताएं बरती हैं। उनका कहना था कि उन्हे प्रशासन की ओर जिन सेक्टर्स के लाइसेंस मिले थे, उन्हें वहां ना भेज कर अन्य स्थानो पर भेजा जा रहा जहां पर आबादी नहीं है। तो वहां पर उनसे सामान खरीदने कौन आएगा।
Conclusion:आपको बता दें कि लंबे समय से चंडीगढ़ को फिर उसके मुल स्वरुप में लाने और अतिक्रमण को हटाने के लिए प्रशासन लगातार प्रयास कर रहा था। इसके लिए हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी कानूनी लड़ाई लड़ी गई। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने प्रशासन को सही मानते हुए चंडीगढ़ से वेंडर्स को हटाकर नए बनाए गए वेंडिंग ज़ोन में भेजने के आदेश दिए थे।
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