चंडीगढ़: प्रशासन की ओर से ये ऐलान किया गया था कि सेक्टर 26 की सब्जी मंडी को सेक्टर 17 बस स्टैंड में शिफ्ट किया जाएगा. ताकि कोरोना के फैलने के खतरे को कम किया जा सके, लेकिन इस काम में प्रशासन की भारी लापरवाही देखने को मिली है.
सेक्टर 26 की सब्जी मंडी को शिफ्ट करने के लिए पहले 5 मई फिर 6 मई की तारीख दी गई, लेकिन मंडी शिफ्ट नहीं हो पाई. इसके बाद 7 मई की तारीख मंडी को शिफ्ट करने की दे दी गई. जिसके बाद 7 मई यानी आज छोटे वेंडर्स, जो मंडी से सब्जियां खरीद कर गली मोहल्लों में बेचते हैं. वो सेक्टर 17 बस स्टैंड पर सब्जियां खरीदने पहुंच गए, लेकिन वहां पर कोई भी प्रशासनिक अधिकारी मौजूद नहीं था और ना ही व्यवस्था बनाए रखने के लिए कोई पुलिसकर्मी मौजूद था. जिस वजह से वेंडर इधर-उधर भटकते नजर आए.
सब्जी खरीदने आए लोगों ने बताया कि प्रशासन की ओर से कहा गया था कि बुधवार तक मंडी सेक्टर 17 में शिफ्ट कर दी जाएगी और इसके लिए नए पास भी बनाए जाएंगे, लेकिन अभी तक ना तो मंडी शिफ्ट हो पाई है और ना ही उनके पास बनाए गए हैं.
उन्होंने बताया कि वो सुबह से ही यहां खड़े हैं ताकि उनके पास बन जाए और वो सब्जी बेचने का काम शुरू कर सकें, लेकिन यहां पर पास बनाने के लिए कोई भी अधिकारी नहीं पहुंचा है और ना ही सब्जियों के व्यापारी यहां पर फल और सब्जियां बेचने के लिए पहुंचे हैं.
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बता दें कि प्रशासन की ओर से आज की तारीख देने के बाद यहां सुबह से सब्जी वेंटर पास बनाने और सब्जी खरीदने के लिए पहुंच हैं, लेकिन फिलहाल किसी को ये समझ में नहीं आ रहा कि वो कहां जाएं और किससे बात करें, क्योंकि यहां पर कोई अधिकारी या कोई कर्मचारी मौजूद ही नहीं है.
आपको बता दें कि चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से सेक्टर 26 की मंडी को सेक्टर 17 बस स्टैंड में शिफ्ट करने का फैसला किया गया था, क्योंकि सेक्टर 26 की मंडी चंडीगढ़ की मुख्य मंडी है. यहां पर हरियाणा, पंजाब और हिमाचल के लिए भी व्यापार होता है. इस वजह से यहां पर काफी भीड़ रहती है. ये मंडी चंडीगढ़ के बापू धाम कॉलोनी के साथ लगती है और बापू धाम कॉलोनी में अभी तक 70 से ज्यादा कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने आ चुके हैं. जिस वजह से मंडी को शिफ्ट करने का फैसला लिया गया था.