चंडीगढ़: हरियाणा में विधानसभा चुनाव अगले साल होने है. लेकिन प्रदेश की राजनीति में सियासी उठापठक अभी से जोरों पर है. सूबे की तमाम राजनीतिक पार्टियां अपनी-अपनी जीत के लिए मैदान में पूरे जोरों से उतर चुकी है. इस दौरान राजनीतिक बयानबाजियां भी चरम पर है. वीरवार को कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने बीजेपी सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि मौजूदा बीजेपी-जेजेपी गठबंधन सरकार सोची समझी साजिश के साथ गरीब, किसान, मध्यम वर्ग, दलित और पिछड़े वर्ग के बच्चों के लिए शिक्षा के सारे दरवाजे बंद कर रही है.
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दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि सरकार ने पहले 5 हजार सरकारी स्कूलों को बंद कर दिया. इतना ही नहीं सरकार ने एमबीबीएस की फीस 2 लाख से 40 लाख तक कर दी. अब विश्वविद्यालय की ग्रांट बंद करके उन्हें निजीकरण की तरफ धकेल रही है. यूनिवर्सिटी की ग्रांट बंद करके सरकार ने गरीब परिवारों के होनहार बच्चों का भविष्य चकनाचूर कर दिया है. ये सरकार गरीब की दुश्मन है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस हर स्तर पर इसका विरोध करेगी. प्रदेश में पार्टी की सरकार बनने पर शिक्षा विरोधी तमाम फैसलों को खारिज किया जाएगा. दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि सरकार ग्रांट बंद करने वाले फैसले को तुरंत वापस ले.
दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि बेरोजगारी में हरियाणा नंबर 1 प्रदेश बन चुका है. हरियाणा अब देश में सबसे महंगी शिक्षा में भी नम्बर-1 बन गया है. उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार की युवा व शिक्षा विरोधी नीतियों ने हुड्डा सरकार के समय सस्ती और सुलभ उच्च शिक्षा वाले हरियाणा को देश में सबसे महंगी शिक्षा वाला प्रदेश बना दिया है. दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि भाजपा सरकार पिछले 9 साल से प्रदेश के सरकारी शिक्षा तंत्र को तबाह कर रही है. उच्च शिक्षा को युवाओं के लिये सस्ता और सुलभ बनाने की बजाय उसे महंगा कर प्रदेश के छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है.
दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि अब हरियाणा सरकार ने सभी यूनिवर्सिटी को अपने खर्च खुद वहन करने के निर्देश वाला पत्र भेजकर उच्च शिक्षा पर सीधा हमला बोल दिया है. इस तरह से गरीब परिवारों से शिक्षा का अधिकार छीना जा रहा है. चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में 150% तक फीस बढ़ोतरी किये जाने से विद्यार्थियों और उनके परिवारों में जबरदस्त रोष है. गरीब परिवारों के बच्चे ग्रांट बंद होने से बढ़ी हुई भारी भरकम फीस कैसे चुकाएंगे. देश का सर्वोच्च न्यायालय भी मानता है कि शिक्षा को मुनाफा कमाने का जरिया नहीं बनाया जा सकता. लेकिन इस सरकार ने शिक्षा को व्यापार बना दिया है.
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सांसद दीपेंद्र ने कहा कि देश व दुनिया में वही समाज तरक्की करता है, जो शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी रहता है. इसी को ध्यान में रखते हुए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने एससी, पिछड़ा वर्ग व गरीब समाज के बच्चों को शिक्षित करने के लिए हरेक गांव और मोहल्ले में सरकारी स्कूल खोले. 20 लाख बच्चों के लिए पहली से 12वीं क्लास तक वजीफे की योजना शुरू की. उच्चतर शिक्षा में भी ₹14,000 रुपये महीने तक स्कॉलरशिप की व्यवस्था की गई. लेकिन इस सरकार ने शिक्षा का हब बने हरियाणा को अपराध का हब बना दिया. बेरोजगारी में नंबर वन बना दिया.