चंडीगढ़: स्पाइनल कॉर्ड इंजरी सेंटर नाम की संस्था की ओर से स्पाइनल कॉर्ड इंजरी के मरीजों के लिए एक नई पहल शुरू की है. यह संस्था देशभर से आए मरीजों को चंडीगढ़ में स्कूबा डाइविंग सिखा रही है.
इस सेंटर में शिमला से आए आशीष का कहना है कि जब उन्होंने पानी के अंदर रहकर अपने पैरों पर खड़े हुए, यह उनके लिए अभूतपूर्व एहसास था. क्योंकि एक बाइक एक्सीडेंट में उनकी रीड की हड्डी में चोट लग गई थी और उसके बाद से वह जिंदगी में कभी अपने पैरों पर नहीं चल पाए.
एक बेहतरीन अनुभव
बैंगलोर से आए अजय ने कहा कि स्कूबा डाइविंग को आज तक हमने सिर्फ टीवी पर ही देखा था और हम इसे खुद करने के बारे में तो कभी सोच ही नहीं सकते थे. मगर चंडीगढ़ की सरकारी संस्था स्पाइनल कॉर्ड इंजरी सेंटर में हमें यह मौका दिया. और यह हमारे लिए एक बहुत ही बेहतरीन अनुभव था.
संस्था का उद्देश्य
संस्था की सीनियर फिजियोथैरेपिस्ट डॉ गायत्री पूजा ने कहा कि जब किसी को स्पाइनल इंजरी होती है तो वह बिस्तर पर पड़ जाता है और रोजमर्रा के छोटे-छोटे कामों के लिए भी उसे दूसरे लोगों पर निर्भर रहना पड़ता है. उनका कहा है कि हम इस तरह के कार्यक्रमों से उन्हें जीने की नई उम्मीद सिखाते हैं ताकि वे लोग ना सिर्फ जिंदगी से प्यार करें बल्कि यहां से एक नया आत्मविश्वास लेकर जाएं.