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Union Budget 2023: बजट से आम जन को आस, युवाओं ने बजट को लेकर दी अपनी राय

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Published : Jan 31, 2023, 10:56 PM IST

Updated : Jan 31, 2023, 11:09 PM IST

1 फरवरी 2023 को केंद्रीय बजट पेश होगा. इस बजट को लेकर हर वर्ग के (Economic Survey new) लोगों को काफी उम्मीदें हैं. इस बजट को लेकर आम जनता की राय इस रिपोर्ट में आपको बताते हैं.

Union Budget 2023
बजट से आम जन को आस
बजट से आम जन को आस

चंडीगढ़: केंद्र सरकार 1 फरवरी को बजट पेश करेगी. ऐसे में आम आदमी से लेकर बड़े उद्योगपतियों तक की नजर सरकार के इस बजट पर होगी. बढ़ती मंहगाई को देखते हुए आम लोगों ने इस बजट से उम्मीद लगाई है कि शायद सरकार उनको बजट से निराश नहीं करेगी. इस बजट पर अलग अलग वर्गे के लोगों की अपनी-अपनी राय दी है. वहीं, आम जनता ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बजट में बड़े ऐलान की भी आस लगा रखी है, जो उन सभी वर्गों की उम्मीदों पर खरा उतरे.

संसद का बजट सत्र 1 फरवरी को सुबह 9 बजे से शुरू होगा और दोपहर तक जारी रहेगा. संसद का बजट सत्र छह अप्रैल तक चल सकता है. सत्र की शुरुआत लोकसभा और राज्यसभा के संयुक्त सत्र से होगी. इस दौरान देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू दोनों सदनों को संबोधित करेंगी. यह उनका संसद के दोनों सदनों में पहला संबोधन होगा. केंद्रीय बजट के माध्यम से सरकार सभी क्षेत्रों को राहत देने की कोशिश करने वाली है. ऐसे में यहां उपलब्ध संसाधनों को देश के सर्वोत्तम हित में विभिन्न मदों में आवंटन सुनिश्चित करने की कोशिश की जाएगी. ऐसा कर देश में सार्वजनिक कल्याण को बढ़ावा देने के लिए चल रही योजनाओं को वित्तपोषित करने के लिए एक बार और जोर देगी ताकि देश की तरक्की से जुड़ी योजनाओं को समय रहते पूरा किया जा सके. ‌

वहीं, केंद्रीय बजट को लेकर सरकार के नुमाइंदों से लेकर आम जनता ने अपनी राय दी है. आम लोगों का सोचना है कि केंद्रीय बजट का एक उद्देश्य गरीबी को खत्म करना और अधिक से अधिक रोजगार मौके देना होना चाहिए. केंद्रीय बजट के माध्यम से सरकार को यह सुनिश्चित करे कि देश के प्रत्येक नागरिक को उचित स्वास्थ्य और शिक्षा की सुविधाएं मिले. इसके साथ ही सरकार को इस बात का भी ध्यान रखना दे कि देश के नागरिक अपने लिए रोटी, कपड़ा और मकान जैसे बुनियादी जरूरतों को पूरा करने में सक्षम हों.

ये भी पढें: Union Budget 2023: अर्थशास्त्री की बजट से उम्मीदें, बिमल अंजुम बोले- हरियाणा में सबसे बड़ी डिपेंडेंसी है सर्विस सेक्टर

इस बारे में ईटीवी द्वारा चंडीगढ़ के पीएचडी चेंबर के रीजनल डायरेक्टर भारती सूद से बातचीत की गई. जहां उन्होंने बजट में क्या हो सकता है और क्या होगा उसके बारे में विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने कहा कि बजट सरकार को टैक्स की स्लैब को दुरुस्त करना चाहिए. एक सैलरी पर रहने वाला व्यक्ति के लिए घर से लेकर कार तक का सपना काफी मुश्किल भरा है. क्योंकि उक्त दोनों चीजों को लेने के लिए उससे जरूरत से ज्यादा टैक्स देना पड़ता है. वहीं उसे टैक्स समय पर देने के बावजूद भी कोई रिवार्ड नहीं दिया जाता. वहीं अगर बात की जाए सेविंग की तो उसके बारे में आम आदमी तो क्यों कोई अच्छा कमाने वाला भी नहीं सोच पा रहा.

ये भी पढें: चंडीगढ़ में हुई जी-20 देशों की दो दिवसीय बैठक, इंटरनेशनल फाइनेंशियल आर्किटेक्चर पर चर्चा

बजट से आम जन को आस

चंडीगढ़: केंद्र सरकार 1 फरवरी को बजट पेश करेगी. ऐसे में आम आदमी से लेकर बड़े उद्योगपतियों तक की नजर सरकार के इस बजट पर होगी. बढ़ती मंहगाई को देखते हुए आम लोगों ने इस बजट से उम्मीद लगाई है कि शायद सरकार उनको बजट से निराश नहीं करेगी. इस बजट पर अलग अलग वर्गे के लोगों की अपनी-अपनी राय दी है. वहीं, आम जनता ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बजट में बड़े ऐलान की भी आस लगा रखी है, जो उन सभी वर्गों की उम्मीदों पर खरा उतरे.

संसद का बजट सत्र 1 फरवरी को सुबह 9 बजे से शुरू होगा और दोपहर तक जारी रहेगा. संसद का बजट सत्र छह अप्रैल तक चल सकता है. सत्र की शुरुआत लोकसभा और राज्यसभा के संयुक्त सत्र से होगी. इस दौरान देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू दोनों सदनों को संबोधित करेंगी. यह उनका संसद के दोनों सदनों में पहला संबोधन होगा. केंद्रीय बजट के माध्यम से सरकार सभी क्षेत्रों को राहत देने की कोशिश करने वाली है. ऐसे में यहां उपलब्ध संसाधनों को देश के सर्वोत्तम हित में विभिन्न मदों में आवंटन सुनिश्चित करने की कोशिश की जाएगी. ऐसा कर देश में सार्वजनिक कल्याण को बढ़ावा देने के लिए चल रही योजनाओं को वित्तपोषित करने के लिए एक बार और जोर देगी ताकि देश की तरक्की से जुड़ी योजनाओं को समय रहते पूरा किया जा सके. ‌

वहीं, केंद्रीय बजट को लेकर सरकार के नुमाइंदों से लेकर आम जनता ने अपनी राय दी है. आम लोगों का सोचना है कि केंद्रीय बजट का एक उद्देश्य गरीबी को खत्म करना और अधिक से अधिक रोजगार मौके देना होना चाहिए. केंद्रीय बजट के माध्यम से सरकार को यह सुनिश्चित करे कि देश के प्रत्येक नागरिक को उचित स्वास्थ्य और शिक्षा की सुविधाएं मिले. इसके साथ ही सरकार को इस बात का भी ध्यान रखना दे कि देश के नागरिक अपने लिए रोटी, कपड़ा और मकान जैसे बुनियादी जरूरतों को पूरा करने में सक्षम हों.

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इस बारे में ईटीवी द्वारा चंडीगढ़ के पीएचडी चेंबर के रीजनल डायरेक्टर भारती सूद से बातचीत की गई. जहां उन्होंने बजट में क्या हो सकता है और क्या होगा उसके बारे में विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने कहा कि बजट सरकार को टैक्स की स्लैब को दुरुस्त करना चाहिए. एक सैलरी पर रहने वाला व्यक्ति के लिए घर से लेकर कार तक का सपना काफी मुश्किल भरा है. क्योंकि उक्त दोनों चीजों को लेने के लिए उससे जरूरत से ज्यादा टैक्स देना पड़ता है. वहीं उसे टैक्स समय पर देने के बावजूद भी कोई रिवार्ड नहीं दिया जाता. वहीं अगर बात की जाए सेविंग की तो उसके बारे में आम आदमी तो क्यों कोई अच्छा कमाने वाला भी नहीं सोच पा रहा.

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Last Updated : Jan 31, 2023, 11:09 PM IST
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