चंडीगढ़: हरियाणा कांग्रेस के नए अध्यक्ष उदय भान आज चंडीगढ़ पार्टी कार्यालय में पदभार ग्रहण करेंगे जिसको लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. हालांकि इस शपथ ग्रहण समारोह में गौर करने वाली बात यह होगी कि क्या पार्टी के तमाम गुटों के नेता पहुंचते हैं या नहीं. इसके लिए सभी को कल तक का इंतजार करना होगा. हालांकि पार्टी सूत्रों के मुताबिक इस कार्यक्रम में सभी नेता मौजूद रहेंगे लेकिन जब बुधवार को नए पार्टी अध्यक्ष पदभार ग्रहण करेंगे तो उस समय सारी तस्वीर साफ हो जाएगी.
इस सबके बीच एक तरफ जहां पार्टी के वरिष्ठ नेता कुलदीप बिश्नोई नए अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद नाराज दिखाई देते हैं. वहीं पार्टी के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कुलदीप बिश्नोई को एक बेहतरीन इंसान और अच्छा नेता बताया है. साथ ही यह भी कहा कि कुलदीप बिश्नोई अगर अध्यक्ष बनते तो वे बेहतर अध्यक्ष होते. हालांकि वे मानते हैं कि यह पार्टी हाईकमान का फैसला है और उन्होंने हालत के हिसाब से फैसला लिया होगा.
सुरजेवाला द्वारा कुलदीप बिश्नोई को लेकर दिए गए बयान के बाद सियासी गलियारों में अभी भी यह चर्चा है कि कहीं ना कहीं जो पार्टी के अंदर की गुटबाजी है. यह अभी पूरी तरह समाप्त नहीं हुई है. राजनीति के जानकार और प्रोफेसर गुरमीत सिंह कहते हैं कि इस तरह के बयान देकर रणदीप सिंह सुरजेवाला कोशिश कर रहे हैं कि कुलदीप बिश्नोई पार्टी में बने रहें. इसका मतलब है कि उन्हें ऐसा लग रहा है कि कहीं इस नाराजगी से कुलदीप बिश्नोई पार्टी से दूर ना हो जाए. इसके साथ सुरजेवाला इस ओर भी इशारा कर रहे हैं कि कुलदीप बिश्नोई पार्टी में अकेले नहीं हैं.
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गौरतलब है कि कुलदीप बिश्नोई ने आलाकमान द्वारा नए अध्यक्ष की नियुक्ति किये जाने के बाद ही सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जता चुके हैं. वहीं रणदीप सिंह सुरजेवाला के बयान को अगर आधार माना जाए तो पार्टी हाईकमान भी उनसे बातचीत कर रहा है. इस सब को लेकर राजनीतिक मामलों के जानकार प्रोफेसर गुरमीत सिंह कहते हैं कि पार्टी की कोशिश सभी नेताओं को एकजुट करने की है. जिस तरीके से पार्टी ने चार - चार कार्यकारी अध्यक्ष बनाए हैं उससे यह संदेश देने का प्रयास पार्टी ने किया है कि वे सभी को साथ लेकर चलना चाहते हैं. हालांकि यह भविष्य के गर्भ में है कि वह कितना साथ चलते हैं.
इधर नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा के फरीदाबाद में हुए विपक्ष आपके समक्ष कार्यक्रम में पार्टी के नए अध्यक्ष के साथ-साथ तमाम विधायक मौजूद रहे लेकिन इस कार्यक्रम में पार्टी की वरिष्ठ नेता किरण चौधरी और कार्यकारी अध्यक्ष बनी उनकी बेटी श्रुति चौधरी नजर नहीं आई. इन दोनो के अलाव इस कार्यक्रम में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी शैलजा और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला भी नहीं पहुंचे थे जो इस बात को हवा दे रहा है कि अभी भी पार्टी में सब कुछ ठीक नहीं हुआ है.
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ऐसे में सवाल फिर वही है कि क्या हरियाणा में कांग्रेस पार्टी के अंदर सब कुछ ठीक है? या फिर जो गुटबाजी पहले से नेताओं के बीच चली आ रही है वह अभी भी जारी है? इन सवालों के जवाब में प्रोफेसर गुरमीत सिंह कहते हैं कि यह हरियाणा की ही बात नहीं है. कांग्रेस पार्टी में लगभग सभी राज्यों में गुटबाजी हमेशा से दिखाई देती रही है. भले ही कुछ वक्त से कांग्रेस हाईकमान कमजोर दिखाई देता रहा हो लेकिन अब उसने अपने काम करने के तरीके में हालात के हिसाब से बदलाव ले आया है जो कहीं ना कहीं गुटबाजी को खत्म करने के प्रयास के तौर पर देखा जा सकता है.
वे मानते हैं कि इसी का नतीजा है कि वक्त बदलने के साथ राज्यों की इकाइयों में भी जिस तरीके के बदलाव हाईकमान ला रहा है वह यह दिखाता है कि गुटबाजी को कम करने के लिए उसकी कोशिश है जारी है. इसलिए हरियाणा हो गया हिमाचल प्रदेश दोनों जगह ही उसने पार्टी के संगठन में सभी गुटों को तरजीह दी है. हालांकि सबकुछ पार्टी के अंदर सही है वो वक्त गुजरने के साथ ही सामने आएगा.
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