अलवर. बहरोड़ में फायरिंग कर लॉकअप को तोड़कर विक्रम पपला को भगाने के मामले में मंगलवार को गिरफ्तार तीन आरोपियों को एसओजी ने बहरोड़ मजिस्ट्रेट के आवास पर पेश कर पुलिस रिमांड की मांग की. जिस पर मजिस्ट्रेट आशुतोष की अदालत ने आरोपियों को दो दिन की रिमांड पर एसओजी को सौंप दिया है.
एसओजी पूर्व में भी दो आरोपी विनोद स्वामी और कैलाश गुर्जर को गिरफ्तार कर चुकी है. जो फिलहाल 12 सितंबर तक एसओजी के रिमांड चल रहे है. एएसपी और जांच अधिकारी करण शर्मा ने मंगलवार को गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपियों जगन, महिपाल और सुभाष गुर्जर को बहरोड़ मजिस्ट्रेट आशुतोष कुमावत के आवास पर पेश किया और आरोपियों से पूछताछ के लिए दो दिन की पुलिस रिमांड मांगी.
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जहां कोर्ट ने आरोपियों की दो दिन की पुलिस रिमांड पर एसओजी को सौंपा है. वहीं अब एसओजी सभी पांच आरोपियों को कोर्ट में 12 सितंबर को पेश करेगी. एसओजी के एएसपी करण शर्मा ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ की जा रही है.
क्या है बहरोड़ थाना मामला
दरअसल, कुख्यात बदमाश पपला गुर्जर को बहरोड़ पुलिस ने गिरफ्तार कर हवालात में रखा था. उसकी गाड़ी से 32 लाख रुपए भी जब्त किए गए थे. दावा है कि बहरोड़ के सरपंच विनोद स्वामी और कैलाश गुर्जर पपला गुर्जर को छुड़ाने के लिए थाने पहुंचे और कुलदीप गैंग को थाने के बारे में जानकारी दी.
इसके बाद एके-47 लेकर आए बदमाश थाने पर फायरिंग करते हुए पपला को छुड़ा ले गए. इस घटना ने बहरोड़ की पुलिस पर सवाल खड़े कर दिए. यहां तक कि सोशल मीडिया पर पुलिस का मजाक उड़ाया जाने लगा. इस पूरे घटनाक्रम के बाद बहरोड़ रोड थाने के एसएचओ सुगन सिंह ने सोशल मीडिया पर लिखा कि वह न तो भ्रष्ट हैं और न ही निकम्मे हैं. उन्होंने सफाई में कहा कि पिस्टल जाम हो गई थी. उन्होंने चार बार फायर किया, मगर फायर ही नहीं हुआ. हर तरफ मजाक उड़ने के बाद पुलिस ने अब दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने बहरोड़ के सरपंच विनोद स्वामी और कैलाश गुर्जर को गिरफ्तार किया है. साथ ही इनके पास से कैश भी जब्त किया गया है. हालांकि, आरोप ये भी लग रहे हैं कि पपला गुर्जर की गाड़ी से बरामद कैश बांटने के लिए पुलिस और आरोपियों में सौदेबाजी चल रही थी. कहा जा रहा है कि ये डील नहीं हो पाई और हर तरफ पुलिस का मजाक उड़ने के बाद पुलिस ने इस मामले में गिरफ्तारियां कीं.