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रोडवेज कर्मचारी 35 लाख तक की दुर्घटना बीमा सुविधा का उठा सकते हैं लाभ: मूलचन्द शर्मा

परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने कहा कि रोडवेज कर्मचारी 35 लाख रुपये तक की दुर्घटना बीमा सुविधा का लाभ उठा सकते हैं. साथ ही दूसरे राज्यों में बस दुर्घटनाग्रस्त होने पर चालक की जमानत के बारे में भी कोई न कोई रास्ता निकाला जाएगा.

mool chand sharma roadways unions meeting
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Published : Nov 11, 2020, 10:17 AM IST

चंडीगढ़: परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने मंगलवार को चंडीगढ़ में हरियाणा रोडवेज से जुड़ी विभिन्न कर्मचारी यूनियनों के पदाधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान उन्होंने कहा कि हड़ताली कर्मचारियों से एस्मा हटाने के बारे में संबंधित डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी को पत्र लिखा जा चुका है. साथ ही, वे एचडीएफसी, आईसीआईसीआई, कॉरपोरेशन और भारतीय स्टेट बैंक में अपना सेलरी अकाउंट खुलवाकर 35 लाख रुपये तक की दुर्घटना बीमा सुविधा का लाभ उठा सकते हैं. प्राकृतिक मृत्यु के मामले में मृतक कर्मचारी के परिजनों को 10 लाख रुपये की बीमा राशि मिलेगी.

सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई यूनियनों के पदाधिकारियों के साथ बैठक

सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई इस बैठक में कर्मचारी नेताओं ने अपनी मांग रखने के साथ-साथ कई रचनात्मक सुझाव भी दिए. परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने कहा कि कर्मचारी यूनियनों की मांगों में से ज्यादातर मांगों को पूरा किया जा चुका है और बाकी मांगों पर कार्यवाही की जा रही है. आज के दिन कर्मचारियों की कोई ऐसी मांग नहीं है, जिस पर कोई कार्यवाही न की गई हो. उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है और ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जिस पर इसका असर न पड़ा हो. जाहिर सी बात है कि इस महामारी से विभाग की योजनाएं भी प्रभावित हुई हैं, वरना 867 बसें विभाग के बेड़े में शामिल हो गई होती.

परिवहन मंत्री ने कहा कि जहां तक बेड़े में नई बसें शामिल करने की बात है तो इस बारे में हमें इलेक्ट्रिक और सीएनजी बसों पर विचार करना होगा. भविष्य में जब भी नई बसें खरीदी जाएंगी उनका वार्षिक रखरखाव अनुबंध (एएमसी) करवाना सुनिश्चित किया जाएगा या फिर कर्मचारियों के उचित प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी.

ये भी पढ़ें- राजकुमार सैनी समेत 12 की जमानत जब्त, नोटा को 10 प्रत्याशियों से ज्यादा वोट मिले

उन्होंने कहा कि विभाग में बड़े पैमाने पर पदोन्नतियां की गई हैं और दिसंबर तक लगभग 250 पदोन्नतियां और की जाएंगी. एचईआरसी के कर्मचारियों के बारे में परिवहन मंत्री ने कहा कि जब तक उनके पास कोई काम नहीं है, उन्हें रोडवेज डिपो में एडजस्ट किया जाएगा और वहां काम शुरू होने के बाद उन्हें वापस भेज दिया जाएगा.

कर्मचारियों को म्यूचुअल ट्रांसफर की सुविधा दी गई

उन्होंने कहा कि विभाग में यार्ड मास्टर के 82 पद स्वीकृत किए गए हैं. साथ ही, ड्यूटी सेक्शन में भी दो चालकों की ड्यूटी लगाने के निर्देश दिए गए हैं और संबंधित डिपो महाप्रबंधकों को इसकी अनुपालना रिपोर्ट भेजने को कहा गया है. विभाग में ऑनलाइन ट्रांसफर शुरू होने के बावजूद उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि कर्मचारियों को उसी स्थान पर लगाया जाए जहां से उनको सुविधा हो. इसी के मद्देनजर कर्मचारियों को म्यूचुअल ट्रांसफर की सुविधा दी गई है. उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों में बस दुर्घटनाग्रस्त होने पर चालक की जमानत के बारे में भी कोई न कोई रास्ता निकाला जाएगा.

भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस का सख्त संदेश देते हुए परिवहन मंत्री ने कहा कि उनके रहते विभाग में किसी भी स्तर पर और किसी भी सूरत में भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और पाई-पाई का हिसाब रखा जाएगा. साथ ही, विभाग की टीमें समय-समय पर छापामारी कर अनियमिताओं पर नजर रखेंगी. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बसों की समय सारणी के संबंध में पूरी पारदर्शिता बरती जाए और रोडवेज की बसों को उनका पूरा टाइम दिया जाए. उन्होंने कहा कि विभाग में किसी भी हाल में निजीकरण नहीं होने दिया जाएगा. अगर ऐसा होता तो नई भर्ती नहीं की जाती.

ये भी पढे़ं- अब निगम चुनावों में ज्यादा रुपये खर्च कर सकेंगे उम्मीदवार, राज्य निर्वाचन आयोग ने बढ़ाई खर्च की सीमा

चंडीगढ़: परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने मंगलवार को चंडीगढ़ में हरियाणा रोडवेज से जुड़ी विभिन्न कर्मचारी यूनियनों के पदाधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान उन्होंने कहा कि हड़ताली कर्मचारियों से एस्मा हटाने के बारे में संबंधित डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी को पत्र लिखा जा चुका है. साथ ही, वे एचडीएफसी, आईसीआईसीआई, कॉरपोरेशन और भारतीय स्टेट बैंक में अपना सेलरी अकाउंट खुलवाकर 35 लाख रुपये तक की दुर्घटना बीमा सुविधा का लाभ उठा सकते हैं. प्राकृतिक मृत्यु के मामले में मृतक कर्मचारी के परिजनों को 10 लाख रुपये की बीमा राशि मिलेगी.

सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई यूनियनों के पदाधिकारियों के साथ बैठक

सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई इस बैठक में कर्मचारी नेताओं ने अपनी मांग रखने के साथ-साथ कई रचनात्मक सुझाव भी दिए. परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने कहा कि कर्मचारी यूनियनों की मांगों में से ज्यादातर मांगों को पूरा किया जा चुका है और बाकी मांगों पर कार्यवाही की जा रही है. आज के दिन कर्मचारियों की कोई ऐसी मांग नहीं है, जिस पर कोई कार्यवाही न की गई हो. उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है और ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जिस पर इसका असर न पड़ा हो. जाहिर सी बात है कि इस महामारी से विभाग की योजनाएं भी प्रभावित हुई हैं, वरना 867 बसें विभाग के बेड़े में शामिल हो गई होती.

परिवहन मंत्री ने कहा कि जहां तक बेड़े में नई बसें शामिल करने की बात है तो इस बारे में हमें इलेक्ट्रिक और सीएनजी बसों पर विचार करना होगा. भविष्य में जब भी नई बसें खरीदी जाएंगी उनका वार्षिक रखरखाव अनुबंध (एएमसी) करवाना सुनिश्चित किया जाएगा या फिर कर्मचारियों के उचित प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी.

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उन्होंने कहा कि विभाग में बड़े पैमाने पर पदोन्नतियां की गई हैं और दिसंबर तक लगभग 250 पदोन्नतियां और की जाएंगी. एचईआरसी के कर्मचारियों के बारे में परिवहन मंत्री ने कहा कि जब तक उनके पास कोई काम नहीं है, उन्हें रोडवेज डिपो में एडजस्ट किया जाएगा और वहां काम शुरू होने के बाद उन्हें वापस भेज दिया जाएगा.

कर्मचारियों को म्यूचुअल ट्रांसफर की सुविधा दी गई

उन्होंने कहा कि विभाग में यार्ड मास्टर के 82 पद स्वीकृत किए गए हैं. साथ ही, ड्यूटी सेक्शन में भी दो चालकों की ड्यूटी लगाने के निर्देश दिए गए हैं और संबंधित डिपो महाप्रबंधकों को इसकी अनुपालना रिपोर्ट भेजने को कहा गया है. विभाग में ऑनलाइन ट्रांसफर शुरू होने के बावजूद उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि कर्मचारियों को उसी स्थान पर लगाया जाए जहां से उनको सुविधा हो. इसी के मद्देनजर कर्मचारियों को म्यूचुअल ट्रांसफर की सुविधा दी गई है. उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों में बस दुर्घटनाग्रस्त होने पर चालक की जमानत के बारे में भी कोई न कोई रास्ता निकाला जाएगा.

भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस का सख्त संदेश देते हुए परिवहन मंत्री ने कहा कि उनके रहते विभाग में किसी भी स्तर पर और किसी भी सूरत में भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और पाई-पाई का हिसाब रखा जाएगा. साथ ही, विभाग की टीमें समय-समय पर छापामारी कर अनियमिताओं पर नजर रखेंगी. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बसों की समय सारणी के संबंध में पूरी पारदर्शिता बरती जाए और रोडवेज की बसों को उनका पूरा टाइम दिया जाए. उन्होंने कहा कि विभाग में किसी भी हाल में निजीकरण नहीं होने दिया जाएगा. अगर ऐसा होता तो नई भर्ती नहीं की जाती.

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