चंडीगढ़: विकास कृष्ण आज यानी शनिवार को टोक्यो ओलंपिक-2021 (Tokyo Olympic-2021) के अपने पहले मैच के लिए रिंग में उतरने वाले हैं. विकास कृष्ण हरियाणा के भिवानी जिले के रहने वाले हैं. विकास नौ सदस्यीय भारतीय मुक्केबाजों के दल में सबसे अनुभवी भारतीय मुक्केबाजों में से एक हैं. वेल्टरवेट (69 किग्रा) वर्ग के मुक्केबाज विकास कृष्ण (29) एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों में कई स्वर्ण पदक विजेता हैं. यह उनका तीसरा ओलंपिक है.
बता दें कि, विकास को 69 किग्रा मुक्केबाज के रूप में उनके परिवर्तन के चलते हाल ही में विश्व मंच पर उन्हें सफलता मिली. टोक्यो ओलंपिक में पदक के सबसे मजबूत दावेदारों में से एक हैं. साल 2012 में लंदन में एक कड़े मुकाबले के बाद उन्होंने क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई.
विकास कृष्णन ने 9 साल की उम्र में ही मुक्केबाजी शुरू कर दी थी. विकास कृष्णन की माता दर्शना देवी ने बताया कि विकास बचपन में काफी ढीले थे. उन्हें अकसर खांसी-जुकाम जैसी मौसमी बीमारियां जल्द पकड़ लेती थीं. ऐसे में उन्होंने विकास को अच्छे स्वास्थ्य के उद्देश्य से बैडमिंटन खिलाना शुरू किया. साथी खिलाड़ियों के देख विकास का रूझान धीरे-धीरे मुक्केबाजी में बन गया. उन्होंने 2010 के एशियाई यूथ चैंपियनशिप में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड मेडल जीतकर अपने आप को एक अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी के रूप में स्थापित किया. इसके बाद विकास ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.
विकास के पिता कृष्ण यादव ने कहा कि वो अब ओलंपिक के लिए पूरी तरह से तैयार है. विकास को ना तो अनुभव की कोई कमी है और ना ही प्रैक्टिस की. ये उनका तीसरा ओलंपिक है. विकास के परिजनों का कहना है कि विकास को कजाकिस्तान, इंग्लैंड व उज्बेकिस्तान के मुक्केबाजों से अच्छे मुकाबले की उम्मीद है. भिवानी के मुक्केबाज विकास कृष्णन को 2012 के लंदन ओलंपिक और 2016 के रियो ओलंपिक का अनुभव है.
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