चंडीगढ़: भारत ने टोक्यो ओलंपिक (India at Tokyo Olympic) पदक तालिका में अपना खाता खोल लिया है. भारतीय महिला वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने शनिवार को सिल्वर मेडल जीतकर टोक्यो में भारत के लिए पहला मेडल जीता. इस जीत के साथ ही बाकी खिलाड़ियों को भी प्रेरणा मिली होगी. वहीं अब इस पदक तालिका में भारत के मेडल की संख्या बढ़ाने की जिम्मेदारी बाकी खिलाड़ियों पर है, जिसमें चंडीगढ़ के शूटर अंगद वीर सिंह बाजवा भी शामिल हैं.
शूटर अंगद वीर सिंह बाजवा टोक्यो ओलंपिक में अपना जलवा दिखाने के लिए तैयार हैं. टोक्यो ओलंपिक में अंगद का पहला मुकाबला रविवार 25 जुलाई को भारतीय समय अनुसार सुबह 6:30 बजे होगा. अंगद से देश को पदक की काफी उम्मीद है. उन्होंने अपने करियर में कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीतकर देश का मान बढ़ाया है. उनकी उपलब्धियों को देखते हुए अब उनसे ओलंपिक पदक की उम्मीदें भी काफी बढ़ गई हैं.
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अंगद का जन्म 19 नवंबर 1995 को चंडीगढ़ में हुआ था. अंगद के पिता गुरपाल सिंह बाजवा का कनाडा में होटल का बिजनेस है. अंगद ने सबसे पहले कनाडा में ही शूटिंग के गुर सीखे. साल 2015 में वह शूटिंग में करियर बनाने के लिए भारत वापस लौट आए थे. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उन्होंने 2015 में अपना नाम चमकाया. जब उन्होंने एशियन शूटिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता और एशियन जूनियर में रिकॉर्ड बनाया. इसके बाद 2018 में कुवैत में हुई एशियन शॉट गन चैंपियनशिप में भी उन्होंने वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाते हुए गोल्ड मेडल जीता.
इसके अलावा 2019 में समर यूनिवर्सियाड में उन्होंने ब्रांज मेडल पर कब्जा किया और 2019 में एशियन चैंपियनशिप में फिर से गोल्ड मेडल जीता. इसी के साथ ही उन्होंने ओलंपिक के लिए क्वालीफाई भी किया. इसी साल दिल्ली में हुए आईएसएसएफ वर्ल्ड कप में अंगद ने गोल्ड मेडल जीता.
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