ETV Bharat / state

ग्रामीण इलाकों में बढ़ते कोरोना संक्रमण पर पंजाब, हरियाणा और केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट में पेश की रिपोर्ट

ग्रामीण इलाकों में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर पंजाब और हरियाणा सरकार की ओर से हाईकोर्ट को बताया गया कि गांवों में प्रत्येक केस की निगरानी करने की पूरी कोशिश की जा रही है. इसके लिए ब्लॉक स्तर पर टीमों का गठन किया गया है.

The Punjab, Haryana, Central Government presented the details in Punjab and Haryana High Court of the steps taken against Corona
ग्रामीण इलाकों में कोरोना के बढ़ते कहर को लेकर पंजाब, हरियाणा, केंद्र सरकार ने उठाए गए कदमों का ब्यौरा हाईकोर्ट में किया पेश
author img

By

Published : May 19, 2021, 1:24 PM IST

चंडीगढ़: ग्रामीण इलाकों में बढ़ रहे कोरोना मामलों को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. बता दें कि मामले पर सुनवाई शुरू होते ही इस केस में हाईकोर्ट को सहयोग दे रहे सीनियर एडवोकेट रुपिंदर खोसला ने पंजाब और हरियाणा सरकारों द्वारा दिए गए जवाब पर सवाल उठाते हुए कहा कि हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई पर दोनों सरकारों से गांवों में कोरोना के बढ़ते कहर पर जानकारी मांगी थी. लेकिन दोनों ही सरकारें केवल यह जानकारी दे रही हैं कि उनकी तरफ से क्या कार्रवाई की जा रही है.

सीनियर एडवोकेट ने सरकारों पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकारों द्वारा यह नहीं बताया जा रहा है कि गांवों में कैसे टेस्टिंग की जा रही है और अब कितने लोगों की बिना टेस्टिंग के मौत हो चुकी है. उन्होंने कहा कि दोनों राज्य सरकारें सिर्फ इतना ही बता दें कि हाल के दिनों में गांवों में कितनी मौतें हुई हैं और कैसे हुई हैं. सीनियर एडवोकेट खोसला ने गांवों में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी का मुद्दा भी उठाया.

बता दें कि सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार ने राज्य में ऑक्सीजन की कमी का मुद्दा उठाते हुए कहा कि भले ही अब उन्हें अलॉट कोटे से ऑक्सीजन मिल रही है. लेकिन उन्हें अधिकतर ऑक्सीजन दूरदराज से मंगवानी पड़ रही है. जिसमें काफी समय खर्च हो जाता है. सरकार की तरफ से यह भी कहा गया कि पानीपत प्लांट से उन्हें पर्याप्त ऑक्सीजन मिल सकती है. साथ ही सरकार ने वैक्सीन की बर्बादी पर जवाब दाखिल करते हुए कहा कि पूरी कोशिश की जा रही है कि वैक्सीन बर्बाद ना हो. उसके लिए ठोस कदम ही उठाए जा रहे हैं. वहीं गांवों में कोरोना मरीजों की जांच और निगरानी के लिए प्रत्येक गांव में रैपिड एक्शन टीम बना दी हैं यह टीमें टेस्ट कर रही हैं. होम आइसोलेशन में मरीजों की निगरानी की जा रही है.

मिली जानकारी के मुताबिक पंजाब सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि गांवों में कोरोना के कहर से निपटने के लिए पूरे राज्य में 2500 हेल्थ वेलनेस केंद्र काम कर रहे हैं. इनमें मल्टीपर्पज हेल्थ वर्करों सहित आशा वर्करों और आंगनबाड़ी कर्मियों की भी सेवाएं ली जा रही हैं. ये सभी गांवों में कोरोना के उन मरीजों की निगरानी कर रहे हैं जो होम आइसोलेशन में हैं. होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को अब तक 1.90 लाख फतेह किट वितरित की जा चुकी हैं. राज्य में इस समय 3316 आईसीयू बेड और 1421 वेंटिलेटर्स हैं.

ये भी पढ़ें: ब्लैक फंगस के लिए मेडिकल कॉलेजों में 20-20 बेड्स का बनाया गया वार्ड- अनिल विज

बता दें कि सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि मौजूदा हालात में केंद्र, पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के साथ मिलकर काम कर रहा है. हाल ही में केंद्र ने 675 पंजाब को, 548 हरियाणा को और चंडीगढ़ को 65 वेंटिलेटर भेजे हैं. साथ ही केंद्र की और से यह भी कहा गया है कि अगर इन वेंटिलेटर में कोई दिक्कत आ जाती है तो वे तत्काल बताएं जिससे उन्हें ठीक किया जा सके.

ये भी पढ़ें: ब्लैक फंगस: हरियाणा के इस जिले में बिना डॉक्टर की पर्ची के स्टेरॉइड्स दवाइयां देने पर बैन

चंडीगढ़: ग्रामीण इलाकों में बढ़ रहे कोरोना मामलों को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. बता दें कि मामले पर सुनवाई शुरू होते ही इस केस में हाईकोर्ट को सहयोग दे रहे सीनियर एडवोकेट रुपिंदर खोसला ने पंजाब और हरियाणा सरकारों द्वारा दिए गए जवाब पर सवाल उठाते हुए कहा कि हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई पर दोनों सरकारों से गांवों में कोरोना के बढ़ते कहर पर जानकारी मांगी थी. लेकिन दोनों ही सरकारें केवल यह जानकारी दे रही हैं कि उनकी तरफ से क्या कार्रवाई की जा रही है.

सीनियर एडवोकेट ने सरकारों पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकारों द्वारा यह नहीं बताया जा रहा है कि गांवों में कैसे टेस्टिंग की जा रही है और अब कितने लोगों की बिना टेस्टिंग के मौत हो चुकी है. उन्होंने कहा कि दोनों राज्य सरकारें सिर्फ इतना ही बता दें कि हाल के दिनों में गांवों में कितनी मौतें हुई हैं और कैसे हुई हैं. सीनियर एडवोकेट खोसला ने गांवों में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी का मुद्दा भी उठाया.

बता दें कि सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार ने राज्य में ऑक्सीजन की कमी का मुद्दा उठाते हुए कहा कि भले ही अब उन्हें अलॉट कोटे से ऑक्सीजन मिल रही है. लेकिन उन्हें अधिकतर ऑक्सीजन दूरदराज से मंगवानी पड़ रही है. जिसमें काफी समय खर्च हो जाता है. सरकार की तरफ से यह भी कहा गया कि पानीपत प्लांट से उन्हें पर्याप्त ऑक्सीजन मिल सकती है. साथ ही सरकार ने वैक्सीन की बर्बादी पर जवाब दाखिल करते हुए कहा कि पूरी कोशिश की जा रही है कि वैक्सीन बर्बाद ना हो. उसके लिए ठोस कदम ही उठाए जा रहे हैं. वहीं गांवों में कोरोना मरीजों की जांच और निगरानी के लिए प्रत्येक गांव में रैपिड एक्शन टीम बना दी हैं यह टीमें टेस्ट कर रही हैं. होम आइसोलेशन में मरीजों की निगरानी की जा रही है.

मिली जानकारी के मुताबिक पंजाब सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि गांवों में कोरोना के कहर से निपटने के लिए पूरे राज्य में 2500 हेल्थ वेलनेस केंद्र काम कर रहे हैं. इनमें मल्टीपर्पज हेल्थ वर्करों सहित आशा वर्करों और आंगनबाड़ी कर्मियों की भी सेवाएं ली जा रही हैं. ये सभी गांवों में कोरोना के उन मरीजों की निगरानी कर रहे हैं जो होम आइसोलेशन में हैं. होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को अब तक 1.90 लाख फतेह किट वितरित की जा चुकी हैं. राज्य में इस समय 3316 आईसीयू बेड और 1421 वेंटिलेटर्स हैं.

ये भी पढ़ें: ब्लैक फंगस के लिए मेडिकल कॉलेजों में 20-20 बेड्स का बनाया गया वार्ड- अनिल विज

बता दें कि सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि मौजूदा हालात में केंद्र, पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के साथ मिलकर काम कर रहा है. हाल ही में केंद्र ने 675 पंजाब को, 548 हरियाणा को और चंडीगढ़ को 65 वेंटिलेटर भेजे हैं. साथ ही केंद्र की और से यह भी कहा गया है कि अगर इन वेंटिलेटर में कोई दिक्कत आ जाती है तो वे तत्काल बताएं जिससे उन्हें ठीक किया जा सके.

ये भी पढ़ें: ब्लैक फंगस: हरियाणा के इस जिले में बिना डॉक्टर की पर्ची के स्टेरॉइड्स दवाइयां देने पर बैन

For All Latest Updates

TAGGED:

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.