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टैटू आर्टिस्ट को घर में बंदर रखना पड़ा महंगा, वाइल्ड लाइफ डिपार्टमेंट ने डाली रिवीजन पिटिशन

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Published : Sep 7, 2020, 8:47 PM IST

Updated : Sep 7, 2020, 8:56 PM IST

वाइल्ड लाइफ डिपार्टमेंट का कहना है कि वीडियो में जिस बंदर का इस्तेमाल किया था. उसके बारे में डिपार्टमेंट को कोई जानकारी नहीं मिली है. डिपार्टमेंट अभी तक बंदर को रेस्क्यू नहीं कर सका है.

tattoo artist gets expensive due to monkey in house wild life department has given revision petition
वाइल्ड लाइफ डिपार्टमेंट ने डीली रिवीजन पिटिशन

चंडीगढ़: एक बंदर को घर लेकर आना चंडीगढ़ के एक टैटू आर्टिस्ट कमलजीत सिंह को गले की फांस बन गया है. उसके मैनेजर दीपक वोहरा के खिलाफ वाइल्ड लाइफ एक्ट के तहत केस दर्ज किया था, उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो अपलोड किया था. जिसमें एक बंदर नजर आ रहा था, लेकिन उन दोनों को कोर्ट से जमानत मिल गई थी. अब इन दोनों की जमानत कैंसिल करने के लिए वाइल्डलाइफ डिपार्टमेंट ने चंडीगढ़ की जिला अदालत में रिवीजन पिटिशन है.

आरोपियों की कस्टडी चाहता है वाइल्ड लाइफ डिपार्टमेंट

डिपार्टमेंट का कहना है कि कोर्ट ने उन्हें जमानत देने का जो आर्डर दिया था वो सही नहीं था, इसलिए उन्होंने इस आर्डर को बदलने के लिए भी याचिका दी है. उन्हें इन दोनों आरोपियों की कस्टडी चाहिए. ऐसा इसलिए, क्योंकि इन्होंने वीडियो में जिस बंदर का इस्तेमाल किया था. उसके बारे में डिपार्टमेंट को कोई जानकारी नहीं मिली है. डिपार्टमेंट अभी तक बंदर को रेस्क्यू नहीं कर सका है. वहीं आरोपियों को कहना था कि वह बंदर को काफी पहले छोड़ चुके थे, इसलिए डिपार्टमेंट का कहना है कि उन आरोपियों की गिरफ्तारी जरूरी है, ताकि उनसे यह पता लगाया जा सके कि उन्होंने बंदर को कहां छोड़ा था. डिपार्टमेंट की याचिका पर मंगलवार को सुनवाई होगी.

संरक्षित वन्य जीव है इस बंदर की प्रजाती

ये बंदर प्रोटेक्टेड एनिमल्स कि शेड्यूल 2 कैटेगरी में आता है. यानी यह वन्य जीव है और इन्हें पालना पकड़ने की कोशिश करना या इन्हें नुकसान पहुंचाना अपराध माना जाता है. इसलिए डिपार्टमेंट को जब इस बारे में शिकायत मिली तो उन्होंने फौरन कार्रवाई करते हुए इन दोनों आरोपियों पर केस दर्ज कर लिया.

क्रुएलिटी टू एनिमल्स एक्ट के तहत कार्रवाई

वर्ल्ड प्रोटेक्शन एक्ट के तहत फॉरेस्ट एंड वाइल्डलाइफ डिपार्टमेंट ऐसे मामलों में अपने स्तर पर कार्रवाई कर सकता है. इस केस में भी ऐसा ही हुआ, लेकिन पुलिस ने इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं की डिपार्टमेंट ने पुलिस को शिकायत भी दी थी और इन आरोपियों पर क्रुएलिटी टू एनिमल्स एक्ट के तहत केस दर्ज किए जाने की मांग की थी, लेकिन पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया.

ये भी पढे़ं:-चाय वाले ने लिया 20 हजार का लोन, बैंक ने बनाया 51 करोड़ का डिफॉल्टर

चंडीगढ़: एक बंदर को घर लेकर आना चंडीगढ़ के एक टैटू आर्टिस्ट कमलजीत सिंह को गले की फांस बन गया है. उसके मैनेजर दीपक वोहरा के खिलाफ वाइल्ड लाइफ एक्ट के तहत केस दर्ज किया था, उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो अपलोड किया था. जिसमें एक बंदर नजर आ रहा था, लेकिन उन दोनों को कोर्ट से जमानत मिल गई थी. अब इन दोनों की जमानत कैंसिल करने के लिए वाइल्डलाइफ डिपार्टमेंट ने चंडीगढ़ की जिला अदालत में रिवीजन पिटिशन है.

आरोपियों की कस्टडी चाहता है वाइल्ड लाइफ डिपार्टमेंट

डिपार्टमेंट का कहना है कि कोर्ट ने उन्हें जमानत देने का जो आर्डर दिया था वो सही नहीं था, इसलिए उन्होंने इस आर्डर को बदलने के लिए भी याचिका दी है. उन्हें इन दोनों आरोपियों की कस्टडी चाहिए. ऐसा इसलिए, क्योंकि इन्होंने वीडियो में जिस बंदर का इस्तेमाल किया था. उसके बारे में डिपार्टमेंट को कोई जानकारी नहीं मिली है. डिपार्टमेंट अभी तक बंदर को रेस्क्यू नहीं कर सका है. वहीं आरोपियों को कहना था कि वह बंदर को काफी पहले छोड़ चुके थे, इसलिए डिपार्टमेंट का कहना है कि उन आरोपियों की गिरफ्तारी जरूरी है, ताकि उनसे यह पता लगाया जा सके कि उन्होंने बंदर को कहां छोड़ा था. डिपार्टमेंट की याचिका पर मंगलवार को सुनवाई होगी.

संरक्षित वन्य जीव है इस बंदर की प्रजाती

ये बंदर प्रोटेक्टेड एनिमल्स कि शेड्यूल 2 कैटेगरी में आता है. यानी यह वन्य जीव है और इन्हें पालना पकड़ने की कोशिश करना या इन्हें नुकसान पहुंचाना अपराध माना जाता है. इसलिए डिपार्टमेंट को जब इस बारे में शिकायत मिली तो उन्होंने फौरन कार्रवाई करते हुए इन दोनों आरोपियों पर केस दर्ज कर लिया.

क्रुएलिटी टू एनिमल्स एक्ट के तहत कार्रवाई

वर्ल्ड प्रोटेक्शन एक्ट के तहत फॉरेस्ट एंड वाइल्डलाइफ डिपार्टमेंट ऐसे मामलों में अपने स्तर पर कार्रवाई कर सकता है. इस केस में भी ऐसा ही हुआ, लेकिन पुलिस ने इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं की डिपार्टमेंट ने पुलिस को शिकायत भी दी थी और इन आरोपियों पर क्रुएलिटी टू एनिमल्स एक्ट के तहत केस दर्ज किए जाने की मांग की थी, लेकिन पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया.

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Last Updated : Sep 7, 2020, 8:56 PM IST
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