चंडीगढ़: मुख्य सचिव केशनी आनन्द अरोड़ा ने बताया कि लगभग 6 हफ्तों तक चलाए जाने वाला ये र्यक्रम तीन चरणों में पूरा किया जाएगा. पहला चरण 11 सितम्बर से 1 अक्तूबर, 2019 तक होगा, जिसमें लोगों को प्लास्टिक का उपयोग न करने के लिए जागरूक किया जाएगा.स्कूलों और कॉलेजों में भी जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएंगे.
इसके अलावा, संबंधित विभाग द्वारा प्लास्टिक वेस्ट को एकत्र करने और उसके प्रबंधन के लिए स्थान चिन्हित किए जाएंगे. पहले चरण में प्लास्टिक बैग के स्थान पर जूट के थैलों के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए भी अभियान चलाया जाएगा.
कार्यक्रम के दूसरे चरण में 2 अक्टूबर को शहरों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में प्लास्टिक वेस्ट को एकत्र करके चिहिन्त स्थानों पर उसका प्रबंधन किया जाएगा.
तीसरे चरण में दोबारा उपयोग में लाए जाने वाले और एकल प्रयोग वाले प्लास्टिक को अलग-अलग कर प्लास्टिक कचरे का प्रबंधन किया जाएगा.
स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम को तीन चरणों मे चलाया जाएगा जिसमे प्रयोग वाले प्लास्टिक को अलग-अलग कर प्लास्टिक कचरे का प्रबंधन कर दोबारा उपयोग में लाए जाने वाले प्लास्टिक को विभिन्न औद्योगिक इकाइयों तक पहुंचाया जाएगा ताकि वे इसको पुन: उपयोग कर सकें.