चंडीगढ़: लोकसभा चुनाव 2024 के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी के हरियाणा अध्यक्ष सुशील गुप्ता ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. हाल ही में दो बड़े नेताओं ने आम आदमी पार्टी का साथ छोड़कर कांग्रेस पार्टी का दामन थामा है. इसके अलावा अब सियासी गलियारों में ऐसी चर्चा है कि अशोक तंवर भी जल्द ही आम आदमी पार्टी को छोड़ सकते हैं. इन सभी मुद्दे पर सुशील गुप्ता ने विस्तार से चर्चा की.
सवाल- मौसम सर्द है, लेकिन चुनाव के चलते राजनीति में माहौल पूरा गर्म है. इसको आप कैसे देखते हैं? जवाब- फसल के पकने के लिए हर तरह के मौसम की जरूरत होती है. सर्दी में सर्दी अच्छी चाहिए ताकि फसल अच्छी हो.
सवाल- चुनाव को लेकर आपकी पार्टी की क्या तैयारी है?
जवाब- चुनाव के लिए हमारी पार्टी की मजबूत तैयारी है. हमने 28 जनवरी को जींद में बदलाव रैली का आयोजन किया है. रैली में संख्या मैटर नहीं करती है, लेकिन हमारा प्रयास है कि हरियाणा के हर गांव से 10 लोग इस रैली में शामिल हो. हर गांव से जब व्यक्ति आए, तो वो दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मन को सुनें. केजरीवाल की जो विचारधारा है. जैसे दिल्ली का विकास किया है. पंजाब का विकास किया है. हरियाणा का जन जन उसको देखें, ताकि हरियाणा के अंदर भी विकास हो सके.
सवाल- आम आदमी पार्टी ने हरियाणा में एक बड़ा संगठन खड़ा किया है. क्या आपको लगता है कि लोकसभा चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव में भी ये पार्टी को फायदा देगा?
जवाब- निसंदेह, उनकी पार्टी को इससे फायदा मिलेगा. संगठन ही किसी भी पार्टी की रीड की हड्डी होती है. संगठन चीजों को आगे ले जाता है. मैं समझता हूं कि आज की तारीख में डेढ़ लाख पदाधिकारी आम आदमी पार्टी के हैं. चाहे कोई भी पार्टी हो, सबसे मजबूत संगठन हरियाणा में आम आदमी पार्टी का है.
सवाल- आम आदमी पार्टी का संगठन मजबूत है, लेकिन आपके कुछ साथी आपको छोड़कर चले गए हैं, खासतौर पर निर्मल सिंह और उनकी बेटी चित्रा सरवारा इसे आप कैसे देखते हैं?
जवाब- आम आदमी पार्टी एक ऐसी इकलौती पार्टी है. जो अपने हर कार्यकर्ता को पूरा सम्मान देती है. हर नेता को पूरा सम्मान देती है, लेकिन इस पार्टी में संघर्ष पूरा करना पड़ता है. डोर टू डोर जाना पड़ता है. एक-एक व्यक्ति से मिलना पड़ता है. ये जो संघर्ष की यात्रा है. उसमें ज्यादातर लोग मंजिल तक पहुंच जाते हैं, कुछ लोग बीच में उतर भी जाते हैं, लेकिन ये कोई बड़ी बात नहीं है.
सवाल- चर्चा है कि आप पार्टी के नेता अशोक तंवर पार्टी छोड़ने की तैयारी में है और बीजेपी में जाने की उनकी चर्चा है. क्या आपकी उनसे कोई बात हुई है?जवाब- मेरी एक ही सलाह है. बहुत जल्दी-जल्दी पार्टी बदलने से आदमी की विश्वसनीयता खत्म होती है. अशोक तंवर को मेरी यही सलाह है. बीते 5 से 7 दिनों से मेरी उनसे कोई बात नहीं हुई है.
सवाल- इंडिया गठबंधन की सीट शेयरिंग को लेकर लगातार बातचीत जारी है. हरियाणा आम आदमी पार्टी ने क्या क्लेम किया है, और वो अपने लिए क्या स्थिति देखी है?
जवाब- देखिए जो टीम इंडिया का गठबंधन हुआ है. वो देश के लोकतंत्र को बचाने के लिए हुआ है. देश को बचाने के लिए हमारा राष्ट्रीय नेतृत्व जो भी फैसला लेगा. हम उसके साथ हैं. हरियाणा आम आदमी पार्टी ने अपनी मजबूत स्थिति को देखते हुए अपनी बात से अवगत करा दिया है. हमारी डेढ़ लाख के करीब पदाधिकारी हैं, जो दूसरी पार्टी है. उसका संगठन है नहीं. कम से कम आधी-आधी सीटों पर चुनाव लड़ा जाना चाहिए.
सवाल- अगर कांग्रेस पार्टी इसके लिए तैयार नहीं होती. तो चुनावी नीतियों को आप कैसे देखते हैं? जवाब- देखिए, मुझे ऐसा लगता है कि कांग्रेस अगर घमंड में रहेगी, तो वो एक भी सीट नहीं जीत पाएगी.
सवाल- आम आदमी पार्टी के हरियाणा में चुनाव लड़ने को लेकर क्या-क्या मुद्दे हैं? जवाब- हरियाणा की हालत बहुत ही खराब है. सबसे पहले स्वास्थ्य, शिक्षा और बिजली, पानी और रोजगार की स्थिति, किसान ये सारे मुद्दे हैं, फिर नशा खत्म करना है. अपराध खत्म करना है. भ्रष्टाचार खत्म करना है. हरियाणा की व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन करने की जरूरत है.
सवाल- लोकसभा चुनाव तो आपकी पार्टी इंडिया गठबंधन के तहत लड़ेगी, लेकिन हरियाणा में विधानसभा चुनाव को लेकर आपकी क्या तैयारी है? जवाब- 90 की 90 विधानसभा पर हमारी पूरी तैयारी है. हम व्यवस्था बदलेंगे. मुझे पूरा विश्वास है कि दिल्ली और पंजाब जैसा बेहतर बहुमत हम हरियाणा में भी लेकर आएंगे.
सवाल- पंजाब में सरकार आने के बाद आपको हरियाणा में कौन सी ऐसी क्षेत्र नजर आते हैं. जहां आप मजबूत है? जवाब- दिल्ली से सटे विधानसभा क्षेत्र हैं और जो पंजाब से सटे विधानसभा क्षेत्र हैं. क्योंकि वो लोग दिल्ली और पंजाब के विकास को देख रहे हैं और वो चाहते हैं कि हरियाणा में भी उनके क्षेत्र में दिल्ली और पंजाब की तरह विकास हो.
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