चंडीगढ़: सुखना कैचमेंट एरिया का मुद्दा काफी गरमाया हुआ है. जब से हाइकोर्ट ने कैचमेंट एरिया में आने वाले गांव के घरों को तोड़ने का आदेश दिया है, तब से गांव में भी काफी हलचल मची हुई है.
गांव के लोग सर्वे ऑफ इंडिया के बनाए नक्शे पर सवाल उठा रहे हैं, जिसके बाद प्रशासक के सलाहकार मनोज परीदा ने कहा कि ये सर्वे फिर से करवाया जाएगा ताकि इस लोगों का कन्फ्यूजन दूर हो सके. उसके बाद ये तय किया जा सके कि आखिर कितने घरों को तोड़ा जाएगा?
मनोज परीदा का कहना है कि हाइकोर्ट के आदेशों के अनुसार चंडीगढ़ के डीसी और चीफ कंजरवेटिव ऑफिसर कैचमेंट एरिया का फिर से सर्वे करेंगे. उस सर्वे के बाद ही ये तय किया जाएगा कि कितने घरों को तोड़ा जाएगा. कैचमेंट एरिया को लेकर सर्वे ऑफ इंडिया की तरफ से जो नक्शा बनाया गया था, उस नक्शे पर गांव वाले कई तरह के सवाल उठा रहे हैं और इन्हीं सवालों को हल करने के लिए ये सर्वे दोबारा कराया जाएगा.
कोर्ट का आदेश
- पंजाब और हरियाणा हाइकोर्ट ने सुखना कैचमेंट एरिया में आने वाले गांव कांसल को पूरी तरह से तोड़ने का आदेश दिया है.
- कोर्ट ने गांव कांसल में बने सभी घरों को तोड़ने के निर्देश दिए हैं.
- कोर्ट ने कहा ये घर सुखना कैचमेंट एरिया में बनाए गए हैं.
- सुखना कैचमेंट एरिया में निर्माण कार्य होने से बारिश का पानी सुखना झील तक नहीं पहुंच रहा.
- कोर्ट ने 3 हजार घरों को तोड़ने का आदेश दिया है.