चंडीगढ़: सूरजमुखी की एमएसपी खरीद की मांग को लेकर भारतीय किसान यूनियन (चढूनी ग्रुप) ने 6 जून को कुरुक्षेत्र शाहबाद में रोड जाम कर विरोध प्रदर्शन किया था. जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए किसानों पर लाठीचार्ज किया था. लाठीचार्ज के दौरान 4 से 5 किसान घायल भी हो गए थे. इसके अलावा गुरनाम चढूनी समेत 9 किसानों को गिरफ्तार कर लिया गया. इसके बाद से किसान और ज्यादा गुस्से में है. सरकार के खिलाफ अगली रणनीति बनाने के लिए 12 जून को किसानों ने कुरुक्षेत्र के पीपली में महापंचायत बुलाई है.
हरियाणा सरकार ने शनिवार को सूरजमुखी फसल की भावांतर भरपाई की राशि किसानों के खाते में भेज दी. शनिवार को प्रदेश सरकार ने इसके तहत करीब 30 करोड़ रुपए किसानों के खाते में भेजे हैं. ये राशि 1000 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से किसानों के खाते में ट्रांसफर की गई है. लेकिन हरियाणा और पंजाब के किसान संगठन सूरजमुखी की फसल एमएसपी पर न खरीदे जाने के खिलाफ फिर से प्रदर्शन करने की तैयारी में है.
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चंडीगढ़ में पंजाब और हरियाणा के कुछ किसान संगठनों ने सूरजमुखी की फसल एमएसपी पर ना खरीदे जाने और शाहाबाद में हुए लाठीचार्ज के मामले को लेकर प्रेस वार्ता की है. इस प्रेस वार्ता में इन किसान संगठनों ने प्रदेश सरकार पर सूरजमुखी की फसल एमएसपी पर न खरीदने का आरोप लगाया. साथ ही यह भी आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर सूरजमुखी का एमएसपी नहीं देना चाहती.
इस प्रेस वार्ता के दौरान किसान नेताओं ने शाहाबाद में किसानों पर हुए लाठीचार्ज की निंदा की. किसानों के मुताबिक इस लाठीचार्ज में उनके कई साथी घायल हुए हैं और 9 किसान अभी जेल में है. जिसमें भारतीय किसान यूनियन (चढूनी गुट) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी भी शामिल है. किसान नेताओं ने जानकारी देते हुए बताया कि पंजाब और हरियाणा के किसान 12 तारीख को कुरुक्षेत्र के पीपली में इकट्ठा होंगे. उन्होंने कहा कि सभी किसान संगठन 12 जून को एमएसपी के मुद्दे को लेकर शाहाबाद में इकट्ठा होंगे.