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सुखना लेक को किया गया वेटलैंड घोषित, दोनों राज्यों को होगा फायदा

सुखना लेक को वेटलैंड घोषित कर दिया गया है, वेटलैंड कंजर्वेशन एंड मैनेजमेंट रूल 2017 के तहत लेक को वेटलैंड घोषित किया गया है.

सुखना लेक को किया गया वेटलैंड घोषित
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Published : Aug 2, 2019, 11:52 PM IST

चंडीगढ: चंडीगढ़ की ब्यूटी सुखना लेक ऐसे ही पानी से भरी रहे इसके लिए लेक को वेटलैंड घोषित कर दिया गया है, लेक को (संरक्षण एवं प्रबंधन) नियम, 2017 के तहत वेटलैंड घोषित किया गया है.
पंजाब राज भवन में यूटी के प्रशासक और पंजाब के राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर की अध्यक्षता में हुई चंडीगढ़ वेटलैंड्स अथॉरिटी की बैठक में सुखना लेक को वेटलैंड घोषित करने का फैसला लिया गया है.

कई प्रकार की लगेंगी पाबंदियां
सुखना लेक के वेटलैंड घोषित होने के साथ ही लेक के आस-पास के क्षेत्र में किसी उद्योग की स्थापना, विस्तार, कचरा निस्तारीकरण के साथ प्रदूषण उत्पन्न करने वाली गतिविधियों पर प्रतिबंध लग गया है. सभी सदस्यों ने तकनीकी कमेटी की ओर से प्रस्तावित इन गतिविधियों पर स्वीकृति दे दी है.

सुखना लेक को किया गया वेटलैंड घोषित

लेख के आसपास जो निर्माण कार्य पहले हो चुके हैं, उस पर यह नियम लागू होगा या नहीं, इसको लेकर भी विवाद है, भविष्य में लेक के आसपास कोई भी निर्माण कार्य नहीं होगा, जिसको लेकर नियम बनाए जाएंगे. वेटलैंड में हॉर्टिकल्चर और एग्रीकल्चर गतिविधियां भी नहीं हो सकेगी. निर्धारित किया गया है कि सुखना लेक में होने वाली कोई भी गतिविधि के लिए पहले अथॉरिटी से मंजूरी लेनी होगी.

दोनों राज्यों को होगा फायदा
कैचमेंट एरिया पंजाब और हरियाणा दोनों की सीमाओं में आते हैं. यूटी प्रशासन पंजाब और हरियाणा सरकार को पत्र लिखकर यह नियम रेगुलेट करने का आग्रह करेगा ताकि उनके एरिया में पड़ने वाला सुखना वेटलैंड कैचमेंट एरिया सुरक्षित रहे. इसे पंजाब और हरियाणा दोनों को फायदा होगा.

लंबे समय से चल रहा था प्रयास
यूटी प्रशासन की ओर से लंबे समय से सुखना लेक के कैचमेंट एरिया को वेटलैंड घोषित किए जाने के लिए प्रयास कर रहा था. लगभग तीन महीने पहले पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देश पर प्रशासन ने सुखना को बचाने के लिए एक समिति गठन किया.

केंद्र ने भी कराई थी जांच
दिसंबर 2017 में लेक के संरक्षण को लेकर केंद्र सरकार की ओर से सुखना वेटलैंड कमेटी का गठन किया गया था. सुखना के संरक्षण को लेकर विभिन्न पहलुओं पर कमेटी ने जांच की.

क्या है वेटलैंड भूमि ?
आपको बता दे कि वेटलैंड में भूमि ks उस क्षेत्र को शामिल किया जाता है जहां पानी का तल लगभग जमीन की सतह के साथ मिला होता है . ऐसे स्थान भूमिगत जल के प्राकृतिक रीचार्ज, जल शोधन, भू-कटाव को नियंत्रित करने का प्राकृतिक स्त्रोत होते है. देश में अब तक ऐसे 115 वेटलैंड को चिन्हित किया गया है, उनमें से 26 को अंतर्राष्ट्रीय वेटलैंड माना गया है.

चंडीगढ: चंडीगढ़ की ब्यूटी सुखना लेक ऐसे ही पानी से भरी रहे इसके लिए लेक को वेटलैंड घोषित कर दिया गया है, लेक को (संरक्षण एवं प्रबंधन) नियम, 2017 के तहत वेटलैंड घोषित किया गया है.
पंजाब राज भवन में यूटी के प्रशासक और पंजाब के राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर की अध्यक्षता में हुई चंडीगढ़ वेटलैंड्स अथॉरिटी की बैठक में सुखना लेक को वेटलैंड घोषित करने का फैसला लिया गया है.

कई प्रकार की लगेंगी पाबंदियां
सुखना लेक के वेटलैंड घोषित होने के साथ ही लेक के आस-पास के क्षेत्र में किसी उद्योग की स्थापना, विस्तार, कचरा निस्तारीकरण के साथ प्रदूषण उत्पन्न करने वाली गतिविधियों पर प्रतिबंध लग गया है. सभी सदस्यों ने तकनीकी कमेटी की ओर से प्रस्तावित इन गतिविधियों पर स्वीकृति दे दी है.

सुखना लेक को किया गया वेटलैंड घोषित

लेख के आसपास जो निर्माण कार्य पहले हो चुके हैं, उस पर यह नियम लागू होगा या नहीं, इसको लेकर भी विवाद है, भविष्य में लेक के आसपास कोई भी निर्माण कार्य नहीं होगा, जिसको लेकर नियम बनाए जाएंगे. वेटलैंड में हॉर्टिकल्चर और एग्रीकल्चर गतिविधियां भी नहीं हो सकेगी. निर्धारित किया गया है कि सुखना लेक में होने वाली कोई भी गतिविधि के लिए पहले अथॉरिटी से मंजूरी लेनी होगी.

दोनों राज्यों को होगा फायदा
कैचमेंट एरिया पंजाब और हरियाणा दोनों की सीमाओं में आते हैं. यूटी प्रशासन पंजाब और हरियाणा सरकार को पत्र लिखकर यह नियम रेगुलेट करने का आग्रह करेगा ताकि उनके एरिया में पड़ने वाला सुखना वेटलैंड कैचमेंट एरिया सुरक्षित रहे. इसे पंजाब और हरियाणा दोनों को फायदा होगा.

लंबे समय से चल रहा था प्रयास
यूटी प्रशासन की ओर से लंबे समय से सुखना लेक के कैचमेंट एरिया को वेटलैंड घोषित किए जाने के लिए प्रयास कर रहा था. लगभग तीन महीने पहले पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देश पर प्रशासन ने सुखना को बचाने के लिए एक समिति गठन किया.

केंद्र ने भी कराई थी जांच
दिसंबर 2017 में लेक के संरक्षण को लेकर केंद्र सरकार की ओर से सुखना वेटलैंड कमेटी का गठन किया गया था. सुखना के संरक्षण को लेकर विभिन्न पहलुओं पर कमेटी ने जांच की.

क्या है वेटलैंड भूमि ?
आपको बता दे कि वेटलैंड में भूमि ks उस क्षेत्र को शामिल किया जाता है जहां पानी का तल लगभग जमीन की सतह के साथ मिला होता है . ऐसे स्थान भूमिगत जल के प्राकृतिक रीचार्ज, जल शोधन, भू-कटाव को नियंत्रित करने का प्राकृतिक स्त्रोत होते है. देश में अब तक ऐसे 115 वेटलैंड को चिन्हित किया गया है, उनमें से 26 को अंतर्राष्ट्रीय वेटलैंड माना गया है.

Intro:सुखना लेक हमेशा एेसी ही पानी से भरी रहे इसलिए इसे वेटलैंड घोषित कर दिया गया है। लेक को वेटलैंड (संरक्षण एवं प्रबंधन) नियम, 2017 के तहत वेटलैंड घोषित किया गया है। पंजाब राज भवन में यूटी के प्रशासक और पंजाब के राज्यपाल वीपी सिंह बदनोर की अध्यक्षता में हुई चंडीगढ़ वेटलैंड्स अथॉरिटी की दूसरी बैठक में सर्वसम्मति से सुखना लेक को वेटलैंड घोषित करने का फैसला लिया गया।

Body:सुखना के वेटलैंड घोषित होने के साथ ही इसके आसपास के क्षेत्र में किसी उद्योग की स्थापना, विस्तार, कचरा निस्तारण के साथ प्रदूषण उत्पन्न करने वाली गतिविधियों पर प्रतिबंध लग गया है। सभी सदस्यों ने तकनीकी कमेटी की ओर से प्रस्तावित इन गतिविधियों पर स्वीकृति दे दी। यूटी प्रशासन पंजाब और हरियाणा सरकार को पत्र लिखकर यह नियम रेगुलेट करने का आग्रह करेगा ताकि उनके एरिया में पड़ता सुखना वेटलैंड कैचमेंट एरिया सुरक्षित रहे... क्योंकि इसे पंजाब और हरियाणा दोनों को फायदा होगा।

कैचमेंट एरियाज पंजाब और हरियाणा की सीमाओं में भी आते हैं, ऐसे में पंजाब और हरियाणा को भी अपने अपने सुखना कैचमेंट के एरिया में इसी तरह की कार्रवाई करनी चाहिए ताकि गतिविधियों को नियंत्रित किया जा सके।

यूटी प्रशासन की ओर से लंबे समय से सुखना लेक के कैचमेंट एरिया को वेटलैंड घोषित किए जाने पर काम किया जा रहा है। लगभग तीन माह पहले पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देश पर प्रशासन ने सुखना को बचाने के लिए एक समिति गठित कर दी थी। सुखना लेक की सुंदरता ऐसी ही बनी रहे और इसको किसी प्रकार का नुकसान न हो इसको लेकर काफी समय से प्रशासन की ओर से प्रयास किया जा रहा है।

गौरतलब है कि दिसंबर 2017 में लेक के संरक्षण को लेकर केंद्र सरकार की ओर से सुखना वेटलैंड कमेटी का गठन किया गया था। सुखना के संरक्षण को लेकर विभिन्न पहलुओं पर कमेटी ने जांच की। सुखना वैटलेंड को लेकर जो निर्माण कार्य पहले हो चुके हैं उस पर यह नियम लागू होगा या नहीं, इसको लेकर भी विवाद है। भविष्य में लेक के आसपास कोई भी निर्माण कार्य नहीं होंगे, जिसको लेकर नियम बनाए जाएंगे। वेटलैंड में हॉर्टिकल्चर और एग्रीकल्चर गतिविधियां नहीं हो सकती। ये भी निर्धारित किया गया कि सुखना लेक में होने वाली एक्टिविटीज को लेकर हर तरह की मंजूरी अथॉरिटी से लेनी पड़ेगी।

आपको बता दे कि वेटलैंड में भूमि के उस क्षेत्र को शामिल किया जाता है जहां पानी का तल लगभग जमीन की सतह के साथ ही होता है। ऐसे स्थान जैविक विविधता का प्रोत्साहित करने के साथ, भूमिगत जल के प्राकृतिक रीचार्ज, जल शोधन, भू-कटाव को नियंत्रित करने का प्राकृतिक स्त्रोत होते हैं। देश में अब तक ऐसे 115 वेटलैंड को चिन्हित किया गया है। उनमें से 26 को अंतरराष्ट्रीय महत्व का माना गया है।


बाइट : मनोज परिदा, सलाहकार, प्रशासक

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