चंडीगढ़: हरियाणा सरकार गन्ना किसानों को जल्द खुशखबरी देने की तैयारी में है. सरकार गन्ने के दाम में वृद्धि करने की तैयारी में है. बीते साल पहली बार पंजाब में हरियाणा से ज्यादा गन्ने के दाम थे, लेकिन हरियाणा सरकार अपने ट्रैक रिकॉर्ड को बरकरार रखते हुए इस मामले में फिर से पंजाब से आगे निकलने की तैयारी में है.
हरियाणा में गन्ने के प्रति क्विंटल दाम होंगे पंजाब से ज्यादा!: हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल की मानें तो हरियाणा सरकार अगले एक दो दिनों में गन्ने के मूल्य में वृद्धि को घोषणा कर सकती है. हरियाणा सरकार गन्ने का मूल्य प्रति क्विंटल पंजाब से ज्यादा कर सकती है. कृषि मंत्री के मुताबिक इस पर किसानों के साथ बातचीत भी हो गई है. दरअसल बीते साल पंजाब सरकार ने गन्ने का भाव प्रति क्विंटल 380 रुपए किया था. जबकि पहली बार बीते साल गन्ने का मूल्य पंजाब से कम 372 रुपए था. यानी इस बार सरकार पंजाब से ज्यादा गन्ने के दाम करने की तैयारी में दिखाई दे रही है. हालांकि कृषि मंत्री ने खुलासा नहीं किया है कि इस बार कितने दाम होंगे. क्योंकि इसकी घोषणा हरियाणा के सीएम मनोहर लाल की मंजूरी मिलने के बाद की जाएगी.
'गन्ना किसानों के भुगतान के मामले में पंजाब से बेहतर हरियाणा': कैबिनेट मंत्री के मुताबिक हरियाणा में गन्ना किसानों के भुगतान की स्थिति पंजाब से अच्छी है. हरियाणा सरकार ने पिराई सीजन 2022-23 में किसानों को 2819 करोड़ रुपए का भुगतान किया है. गन्ना पिराई सीजन 2021-22 के दौरान विभिन्न चीनी मिलों ने 754.50 लाख क्विंटल गन्ने की पिराई की है. चीनी की रिकवरी 9.47 फीसदी थी. जबकि, इस बार पिछले साल की तुलना में पिराई और रिकवरी में वृद्धि हुई है. गन्ना पिराई सीजन 2022-23 में विभिन्न चीनी मिलों द्वारा 770.73 लाख क्विंटल गन्ने की पिराई की गई और चीनी की रिकवरी 9.70 फीसदी रही.
क्या है इस बार गन्ने की पैदावार का अनुमान: हरियाणा सरकार की आंकड़ों के अनुसार 2023-24 में 962 लाख क्विंटल गन्ने के उत्पादन का अनुमान लगाया गया है. वहीं, किसानों को नुकसान न हो इसके लिए सरकार ने चीनी मिलों को करीब 194 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी है. वहीं, गन्ने की एक नई किस्म भी तैयार की गई है. गन्ने की नई किस्म 15023 विकसित की गई है, जो वर्तमान में चल रही किस्म 238 से कहीं बेहतर है. वहीं, कृषि विभाग ने अधिकारियों को इस किस्म के बीज को तैयार करने के लिए निर्देश दिए हैं. कृषि मंत्री के मुताबिक जिस किसान ने नई किस्म का गन्ना उगाया हुआ है, उस किसान से गन्ना लेकर नये किसानों को बीज तैयार करने के लिए गन्ना दिया जाएगा. इसके लिए दोनों किसानों को प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी.
मिलों का घाटा पाटने के लिए क्या है प्लान?: सरकार ने चीनी मिलों को घाटे से उबारने के लिए भी विकल्प तैयार किया है. कृषि मंत्री के मुताबिक इसके लिए मिलों में एथेनॉल प्लांट लगाने के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं. जेपी दलाल ने कहा कि एथेनॉल निकालने की 3 तकनीकें हैं और अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि तीनों तकनीकों का अध्ययन किया जाए ताकि मिलों को इसका लाभ हो. उनके मुताबिक निजी मिलों में पहले से ही एथोनॉल प्लांट चल रहे हैं और उन्होंने अपनी क्षमता भी बढ़ाई है.
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