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सरकारी स्कूल में स्मार्ट बोर्ड पर पढ़ रहे बच्चे, वीडियो और 3D टेक्नॉलजी से पढ़ाई हुई मजेदार

देश में अब सरकारी स्कूलों (Government Schools) में परिवर्तन होने लगा है. स्कूलों में अब डिजिटल बोर्ड (Digital Board) पर वीडियो और 3D एनिमेशन के जरिए पढ़ाया जा रहा है, ईटीवी भारत हरियाणा की टीम चंडीगढ़ के ऐसे ही एक आधुनिक सरकारी स्कूल में पहुंची. जहां हमने बच्चों से पढ़ाई के अनुभवों के बारे में जानकारी ली.

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यहां सरकारी स्कूल में स्मार्ट बोर्ड पर पढ़ रहे नौनिहाल
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Published : Sep 14, 2021, 10:34 PM IST

Updated : Sep 15, 2021, 2:43 PM IST

चंडीगढ़: समय के साथ सरकारी स्कूल भी डिजिटल (Digital Government School chandigarh) हो रहे हैं. सरकारी स्कूलों में पढ़ाने का तरीका भी बदल रहा है. अब कक्षाओं में डिजिटल बोर्ड (Digital Board) का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे बच्चों को किसी भी विषय को समझाना बहुत आसान हो गया है. चंडीगढ़ के एक सरकारी स्कूल में भी डिजिटल बोर्ड के जरिए बच्चों को पढ़ाया जा रहा है, जिससे अब स्कूल की कक्षाओं में ब्लैक बोर्ड की जगह डिजिटल बोर्ड पर एनिमेटेड ग्राफिक्स (Animated Graphics) के जरिए पढ़ाई करवाई जाती है.

ये सरकारी स्कूल चंडीगढ़ के सेक्टर-22 में है. अब इस स्कूल में बच्चों खेल-खेल में ग्राफिक्स, वीडियो देख कर अपने पाठ्यक्रम को आसानी से समझ लेते हैं, जिससे टीचर्स को भी पढ़ाने में काफी मजा आता है, वहीं बच्चें भी पढ़ाए गए पाठ को नहीं भूलते हैं. डिजिटल बोर्ड की वजह से बच्चों की पढ़ाई मजेदार हो गई है. वहीं उनका अब स्कूल आने में भी मन लगता है.

यहां सरकारी स्कूल के बदले अंदाज, स्मार्ट बोर्ड पर पढ़ रहे नौनिहाल, देखिए वीडियो

दीपिका इस स्कूल में इंग्लिश की अध्यापिका हैं. उनका कहना है कि पहले बच्चे इंग्लिश में तो बिल्कुल भी रुची नहीं लेते थे. कई टॉपिक्स तो बच्चों को समझ में ही नहीं आते थे, लेकिन अब डिजिटल बोर्ड के आने से वो बच्चों को पहले उस स्टोरी की एनिमेटेड वीडियो दिखाती हैं, उसके बाद वो विस्तार से पूरे पाठ को समझाती है. बच्चे वीडियो को देखने के बाद सबकुछ समझ जाते हैं, और जल्दी याद भी कर लेते हैं.

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वीडियो के जरिए टॉपिक्स समझते हुए विद्यार्थी

ये पढे़ं- ग्रामीण इलाकों में 37 प्रतिशत, शहरी इलाकों में 19 प्रतिशत बच्चे बिल्कुल नहीं पढ़ रहे : सर्वेक्षण

दीपिका का कहना है कि बच्चे इस डिजिटल बोर्ड से अब मुश्किल लगने वाले विषयों को भी इंटरेस्ट लेकर पढ़ते हैं. बच्चें साइंस और गणित विषय सुन कर ही घबरा जाते थे, लेकिन अब 3D डायग्राम के जरिए बच्चों आसानी से सब समझ जाते हैं. बच्चों को गणित के मश्किल सवालों के फार्मुला ट्रिक्स भी याद हो जाते हैं. इसके साथ ही फायदा ये भी हुआ कि कोरोना काल के बाद बच्चे स्कूल में बहुत कम आ रहे थे, लेकिन स्कूल में डिजिटल बोर्ड लग जाने के बाद स्कूल में पढ़ाई करने में बच्चे रुची दिखा रहे हैं. पहले की तुलना में अब स्कूल में बच्चों की संख्या भी बढ़ गई है.

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डिजिटल बोर्ड पर पढ़ते बच्चे

ये पढ़ें- कोविड हमें पारंपरिक स्कूली परीक्षाओं को खत्म करने पर विचार करने का मौका देता है

वहीं डिजिटल एजुकेशन से बच्चे भी काफी खुश नजर आए. बच्चों का कहना है कि स्मार्ट बोर्ड और ब्लैक बोर्ड में बहुत फर्क है. अगर कोई टॉपिक समझ नहीं आता तो टीचर स्मार्ट बोर्ड पर उस टॉपिक से जुड़े डायग्राम, तस्वीरें, वीडियो, कार्टून और स्टोरी दिखाते हैं, जिसके बाद उन्हें वो टॉपिक पूरी तरह से समझ में आ जाता है, जो कि काफी मजेदार है.

ये पढ़ें- जज्बे को सलाम : 6 साल की उम्र में चेचक ने छीन ली आंखें, अब दूसरों की जिंदगी में उजाला ला रहे मुरितराम

चंडीगढ़: समय के साथ सरकारी स्कूल भी डिजिटल (Digital Government School chandigarh) हो रहे हैं. सरकारी स्कूलों में पढ़ाने का तरीका भी बदल रहा है. अब कक्षाओं में डिजिटल बोर्ड (Digital Board) का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे बच्चों को किसी भी विषय को समझाना बहुत आसान हो गया है. चंडीगढ़ के एक सरकारी स्कूल में भी डिजिटल बोर्ड के जरिए बच्चों को पढ़ाया जा रहा है, जिससे अब स्कूल की कक्षाओं में ब्लैक बोर्ड की जगह डिजिटल बोर्ड पर एनिमेटेड ग्राफिक्स (Animated Graphics) के जरिए पढ़ाई करवाई जाती है.

ये सरकारी स्कूल चंडीगढ़ के सेक्टर-22 में है. अब इस स्कूल में बच्चों खेल-खेल में ग्राफिक्स, वीडियो देख कर अपने पाठ्यक्रम को आसानी से समझ लेते हैं, जिससे टीचर्स को भी पढ़ाने में काफी मजा आता है, वहीं बच्चें भी पढ़ाए गए पाठ को नहीं भूलते हैं. डिजिटल बोर्ड की वजह से बच्चों की पढ़ाई मजेदार हो गई है. वहीं उनका अब स्कूल आने में भी मन लगता है.

यहां सरकारी स्कूल के बदले अंदाज, स्मार्ट बोर्ड पर पढ़ रहे नौनिहाल, देखिए वीडियो

दीपिका इस स्कूल में इंग्लिश की अध्यापिका हैं. उनका कहना है कि पहले बच्चे इंग्लिश में तो बिल्कुल भी रुची नहीं लेते थे. कई टॉपिक्स तो बच्चों को समझ में ही नहीं आते थे, लेकिन अब डिजिटल बोर्ड के आने से वो बच्चों को पहले उस स्टोरी की एनिमेटेड वीडियो दिखाती हैं, उसके बाद वो विस्तार से पूरे पाठ को समझाती है. बच्चे वीडियो को देखने के बाद सबकुछ समझ जाते हैं, और जल्दी याद भी कर लेते हैं.

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वीडियो के जरिए टॉपिक्स समझते हुए विद्यार्थी

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दीपिका का कहना है कि बच्चे इस डिजिटल बोर्ड से अब मुश्किल लगने वाले विषयों को भी इंटरेस्ट लेकर पढ़ते हैं. बच्चें साइंस और गणित विषय सुन कर ही घबरा जाते थे, लेकिन अब 3D डायग्राम के जरिए बच्चों आसानी से सब समझ जाते हैं. बच्चों को गणित के मश्किल सवालों के फार्मुला ट्रिक्स भी याद हो जाते हैं. इसके साथ ही फायदा ये भी हुआ कि कोरोना काल के बाद बच्चे स्कूल में बहुत कम आ रहे थे, लेकिन स्कूल में डिजिटल बोर्ड लग जाने के बाद स्कूल में पढ़ाई करने में बच्चे रुची दिखा रहे हैं. पहले की तुलना में अब स्कूल में बच्चों की संख्या भी बढ़ गई है.

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डिजिटल बोर्ड पर पढ़ते बच्चे

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वहीं डिजिटल एजुकेशन से बच्चे भी काफी खुश नजर आए. बच्चों का कहना है कि स्मार्ट बोर्ड और ब्लैक बोर्ड में बहुत फर्क है. अगर कोई टॉपिक समझ नहीं आता तो टीचर स्मार्ट बोर्ड पर उस टॉपिक से जुड़े डायग्राम, तस्वीरें, वीडियो, कार्टून और स्टोरी दिखाते हैं, जिसके बाद उन्हें वो टॉपिक पूरी तरह से समझ में आ जाता है, जो कि काफी मजेदार है.

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Last Updated : Sep 15, 2021, 2:43 PM IST
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