ETV Bharat / state

चंडीगढ़: कोरोना संकट में स्ट्रीट वेंडर्स को राहत, नहीं वसूली जा रही लाइसेंस फीस

author img

By

Published : Sep 19, 2020, 8:30 PM IST

कोरोना संकट के चलते चंडीगढ़ के स्ट्रीट वेंडर्स पर काफी बूरा असर पड़ा. सभी के काम धंधे ठप हो गए. लेकिन नगर निगम ने स्ट्रीट वेंडर्स को काफी राहत देने का काम किया. नगर निगम ने कई ऐसे कदम उठाए हैं, जिससे इनके धंधे वापस पटरी पर लौट सकेंगे.

street vendor condition in coronavirus pandemic chandigarh
street vendor condition in coronavirus pandemic chandigarh

चंडीगढ़: कोरोना वायरस का बुरा असर हर सेक्टर पर पड़ा है. कई उद्योग धंधे कोरोना के कारण आज बंद पड़े हैं. वहीं इसकी मार से रेहड़ी पटरी वाले भी अछूते नहीं हैं. अगर बात ब्यूटीफुल सिटी चंडीगढ़ की करें, तो यहां के स्ट्रीट वेंडर्स पर भी इसका काफी असर देखने को मिला है.

कोरोना महामारी की वजह से इनका काम अब आधा ही रह गया है. इस बीच अब अनलॉक में नगर निगम ने कई ऐसे कदम उठाए हैं, जिससे इनके धंधे वापस पटरी पर लौट सकेंगे. प्रशासन के उठाए इन कदमों से स्ट्रीट वेंडर्स ने राहत की सांस ली है.

कोरोना संकट में नगर निगम ने दी स्ट्रीट वेंडर्स को राहत, देखें स्पेशल रिपोर्ट

चंडीगढ़ में स्ट्रीट वेंडर्स से लाइसेंस के लिए अलग-अलग फीस वसूली जाती है. ये फीस 800 रुपये महीने से लेकर 2 हजार रुपये तक है. लेकिन नगर निगम ने स्ट्रीट वेंडर्स की आर्थिक तंगी को देखते हुए ये फीस अभी के लिए माफ कर दी है.

ये भी पढ़ें- कृषि अध्यादेश के समर्थन में सड़कों पर उतरे किसान, कहा- बिचौलियों से मिलेगा छुटकारा

लॉकडाउन के दौरान स्ट्रीट वेंडर्स के काम धंधे पूरी तरह से बंद हो गए, इसलिए नगर निगम ने उन स्ट्रीट वेंडर्स को एसेंशियल कमोडिटीज यानी जरूरी सामान बेचने की परमिशन दी. जिसके बाद 700 स्ट्रीट वेंडर्स ने फल और सब्जियों का काम शुरू किया.

चंडीगढ़ नगर निगम की ओर से शहर में 9600 स्ट्रीट वेंडर्स लाइसेंस दिए गए हैं. हर स्ट्रीट वेंडर को वही लाइसेंस मिलता है जिसका वो व्यापार करता है. फिलहाल, चंडीगढ़ नगर निमग की ओर से स्ट्रीट वेंडर्स को लाइसेंस देने में कोई देरी नहीं की जा रही. प्रशासन की यही कोशिश है कि जल्द से इनकी जिंदगी को वापिस से पटरी पर लाया जा सके.

चंडीगढ़: कोरोना वायरस का बुरा असर हर सेक्टर पर पड़ा है. कई उद्योग धंधे कोरोना के कारण आज बंद पड़े हैं. वहीं इसकी मार से रेहड़ी पटरी वाले भी अछूते नहीं हैं. अगर बात ब्यूटीफुल सिटी चंडीगढ़ की करें, तो यहां के स्ट्रीट वेंडर्स पर भी इसका काफी असर देखने को मिला है.

कोरोना महामारी की वजह से इनका काम अब आधा ही रह गया है. इस बीच अब अनलॉक में नगर निगम ने कई ऐसे कदम उठाए हैं, जिससे इनके धंधे वापस पटरी पर लौट सकेंगे. प्रशासन के उठाए इन कदमों से स्ट्रीट वेंडर्स ने राहत की सांस ली है.

कोरोना संकट में नगर निगम ने दी स्ट्रीट वेंडर्स को राहत, देखें स्पेशल रिपोर्ट

चंडीगढ़ में स्ट्रीट वेंडर्स से लाइसेंस के लिए अलग-अलग फीस वसूली जाती है. ये फीस 800 रुपये महीने से लेकर 2 हजार रुपये तक है. लेकिन नगर निगम ने स्ट्रीट वेंडर्स की आर्थिक तंगी को देखते हुए ये फीस अभी के लिए माफ कर दी है.

ये भी पढ़ें- कृषि अध्यादेश के समर्थन में सड़कों पर उतरे किसान, कहा- बिचौलियों से मिलेगा छुटकारा

लॉकडाउन के दौरान स्ट्रीट वेंडर्स के काम धंधे पूरी तरह से बंद हो गए, इसलिए नगर निगम ने उन स्ट्रीट वेंडर्स को एसेंशियल कमोडिटीज यानी जरूरी सामान बेचने की परमिशन दी. जिसके बाद 700 स्ट्रीट वेंडर्स ने फल और सब्जियों का काम शुरू किया.

चंडीगढ़ नगर निगम की ओर से शहर में 9600 स्ट्रीट वेंडर्स लाइसेंस दिए गए हैं. हर स्ट्रीट वेंडर को वही लाइसेंस मिलता है जिसका वो व्यापार करता है. फिलहाल, चंडीगढ़ नगर निमग की ओर से स्ट्रीट वेंडर्स को लाइसेंस देने में कोई देरी नहीं की जा रही. प्रशासन की यही कोशिश है कि जल्द से इनकी जिंदगी को वापिस से पटरी पर लाया जा सके.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.