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फरीदाबाद की वो 'मौत की झील', जिसमे डुबकी लगाने वाला जिंदा नहीं बचा

ये झील अब तक सैकड़ों जिंदगियां निगल चुकी है और यह संख्या साल दर साल बढ़ती जा रही है. यही वजह है कि इसको खूनी झील का नाम दिया गया है. अगर इस झील की लोकेशन की बात करें तो यहां की लोकेशन किसी हॉलीवुड पिक्चर से कम नहीं है. यही कारण है कि लोग और खास तौर से युवा इस झील की तरफ खिंचे चले आते हैं.

story about death vally of faridabad
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Published : Jun 23, 2019, 12:19 AM IST

Updated : Jun 23, 2019, 9:08 AM IST

फरीदाबाद: अरावली पर्वतों की श्रृंखला करीब 692 वर्ग किलोमीटर में फैली हुई है. इस श्रृंखला में कई झीलें भी हैं. जिनमें से एक झील को मौत की झील यानी 'डेथ वैली' कहा जाता है. इस झील के बारे में अब तक शायद आपने सिर्फ सुना ही होगा, लेकिन आज ईटीवी भारत पर हम आपको उस खूनी झील को दिखाएंगे भी और बताएंगे भी कि क्यों इस झील को खूनी झील कहा जाता है.

किस्सा हरियाणे का: ये झील कई लोगों को मौत की नींद सुला चुकी है! देखिए विशेष रिपोर्ट

हॉलीवुड जैसी हॉरर लोकेशन!
तस्वीरों में यह झील आपको जितनी शांत और सुंदर दिखाई दे रही है. इस झील का इतिहास उतना ही खतरनाक है. साफ पानी को देखकर आपका भी मन गोते लगाने को कर जाएगा, लेकिन कहा जाता है कि आज तक अगर कोई अन्जान शख्स इस पानी में गया तो वो कभी वापस नहीं आया.

शांत दिखती है झील, मगर है नहीं!
पर्वतों के बीच बनी इस खूनी झील तक पहुंचना इतना आसान नहीं है. इस झील तक पहुंचने के लिए आपको जंगल और बेहद दुर्गम रास्ते को पार करना पड़ेगा. इसके लिए कई अड़चनें भी आएंगी. शुरुआती नजर में आपको सब कुछ सामान्य लगेगा. झील में भरा पानी आपको अपनी ओर आकर्षित भी करेगा. आप अपने आपको झील के पानी में जाने से नहीं रोक पाएंगे. क्योंकि झील का पानी एकदम साफ होता है, लेकिन झील के पानी में जाने के बाद सब कुछ एकदम से असामान्य हो जाता है. साफ दिखने वाला पानी आपकी जिंदगी छीन सकता है.

सबसे ज्यादा युवा बनते हैं इस झील का शिकार!
झील में डूबकर होने वाली मौतों का आंकड़ा हर साल बढ़ रहा है. इन मौतों की मुख्य वजह झील की गहराई का अंदाजा ना होना है. जिस वजह से पानी में जाने के बाद लोग इस गहराई को माप नहीं पाते और अपनी जिंदगी से हाथ धो बैठते हैं.
पहाड़ों के बीचों बीच बनी इस खूनी झील की गहराई 250 से 300 फीट तक है. पानी इतना गहरा है कि अगर गलती से कोई नीचे की तरफ जाना शुरू हो गया तो फिर ऊपर आने का सवाल ही नहीं उठता. यही उनकी मौत की वजह बनता है. कोई अधिकारिक आंकड़ा नहीं होने की वजह से आसपास के लोगों का कहना है कि उनके हिसाब से अब तक हर सीजन में 100 से भी ज्यादा लोग अपनी जिंदगी से हाथ धो बैठते हैं. जिनमें अधिकतर युवा शामिल हैं.

युवाओं में बढ़ता जा रहा है मौत का रोमांच!
युवाओं को इस झील के बारे में जानकारी इंटरनेट के माध्यम से मिलती है. दिल्ली और उसके आसपास बने कॉलेजों में पढ़ने वाले युवा इंटरनेट पर सर्च करने के बाद इस झील पर रोमांच करने के लिए आते हैं. इस झील का नाम इंटरनेट पर 'डेथ वैली' यानी 'खूनी झील' के नाम से मशहूर है.

'दो दशक पहले माइनर्स ने बना दी थी ये मौत की झील'
इस झील के निर्माण के बारे में बात करें तो साल 1990 से पहले यहां पर माइनिंग का काम चलता था. लगातार खुदाई की वजह से झील 250 से 300 फीट गहरी हो गई 1990 में खदान के काम पर रोक लगा दी गई. जिसके बाद इन गहरे गड्ढ़ों को ज्यों का त्यों छोड़ दिया गया. झील की गहराई ज्यादा होने की वजह से बरसात के मौसम में अरावली से विभिन्न धाराओं से निकलकर पानी इस झील को लबालब भर देता है.

झील में डूबकर लगातार हो रही मौतों के बाद प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह बनी कि इन मौतों पर कैसे अंकुश लगाया जाए, किस तरह से युवाओं को इस झील तक पहुंचने से रोका जाए. पुलिस प्रशासन ने कुछ दिन झील के रास्ते में एक चौकी भी बनाई और यहां पर कई चेतावनी बोर्ड भी लगाए, लेकिन वक्त बीतने के साथ पुलिस चौकी को भी हटा दिया गया और आज चेतावनी बोर्ड का अभी कोई पता नहीं है. आलम यह है कि हर साल कई युवा इस झील में डूबकर अपनी जिंदगी गंवा रहे हैं.

'किस्सा हरियाणा के' इस ऐपिसोड में यह थी फरीदाबाद की अरावली में बनी खूनी झील की कहानी. इस कहानी का हर पहलू सच है. अब तक सैकड़ों जिंदगियां इस झील में खत्म हो चुकी हैं. अगर आप भी इंटरटेनमेंट के लिए इंटरनेट पर सर्च कर इस झील पर आना चाहते हैं तो आपको सावधान होने की जरूरत है, क्योंकि इस झील की गहराई जिंदगी छीन सकती है.

फरीदाबाद: अरावली पर्वतों की श्रृंखला करीब 692 वर्ग किलोमीटर में फैली हुई है. इस श्रृंखला में कई झीलें भी हैं. जिनमें से एक झील को मौत की झील यानी 'डेथ वैली' कहा जाता है. इस झील के बारे में अब तक शायद आपने सिर्फ सुना ही होगा, लेकिन आज ईटीवी भारत पर हम आपको उस खूनी झील को दिखाएंगे भी और बताएंगे भी कि क्यों इस झील को खूनी झील कहा जाता है.

किस्सा हरियाणे का: ये झील कई लोगों को मौत की नींद सुला चुकी है! देखिए विशेष रिपोर्ट

हॉलीवुड जैसी हॉरर लोकेशन!
तस्वीरों में यह झील आपको जितनी शांत और सुंदर दिखाई दे रही है. इस झील का इतिहास उतना ही खतरनाक है. साफ पानी को देखकर आपका भी मन गोते लगाने को कर जाएगा, लेकिन कहा जाता है कि आज तक अगर कोई अन्जान शख्स इस पानी में गया तो वो कभी वापस नहीं आया.

शांत दिखती है झील, मगर है नहीं!
पर्वतों के बीच बनी इस खूनी झील तक पहुंचना इतना आसान नहीं है. इस झील तक पहुंचने के लिए आपको जंगल और बेहद दुर्गम रास्ते को पार करना पड़ेगा. इसके लिए कई अड़चनें भी आएंगी. शुरुआती नजर में आपको सब कुछ सामान्य लगेगा. झील में भरा पानी आपको अपनी ओर आकर्षित भी करेगा. आप अपने आपको झील के पानी में जाने से नहीं रोक पाएंगे. क्योंकि झील का पानी एकदम साफ होता है, लेकिन झील के पानी में जाने के बाद सब कुछ एकदम से असामान्य हो जाता है. साफ दिखने वाला पानी आपकी जिंदगी छीन सकता है.

सबसे ज्यादा युवा बनते हैं इस झील का शिकार!
झील में डूबकर होने वाली मौतों का आंकड़ा हर साल बढ़ रहा है. इन मौतों की मुख्य वजह झील की गहराई का अंदाजा ना होना है. जिस वजह से पानी में जाने के बाद लोग इस गहराई को माप नहीं पाते और अपनी जिंदगी से हाथ धो बैठते हैं.
पहाड़ों के बीचों बीच बनी इस खूनी झील की गहराई 250 से 300 फीट तक है. पानी इतना गहरा है कि अगर गलती से कोई नीचे की तरफ जाना शुरू हो गया तो फिर ऊपर आने का सवाल ही नहीं उठता. यही उनकी मौत की वजह बनता है. कोई अधिकारिक आंकड़ा नहीं होने की वजह से आसपास के लोगों का कहना है कि उनके हिसाब से अब तक हर सीजन में 100 से भी ज्यादा लोग अपनी जिंदगी से हाथ धो बैठते हैं. जिनमें अधिकतर युवा शामिल हैं.

युवाओं में बढ़ता जा रहा है मौत का रोमांच!
युवाओं को इस झील के बारे में जानकारी इंटरनेट के माध्यम से मिलती है. दिल्ली और उसके आसपास बने कॉलेजों में पढ़ने वाले युवा इंटरनेट पर सर्च करने के बाद इस झील पर रोमांच करने के लिए आते हैं. इस झील का नाम इंटरनेट पर 'डेथ वैली' यानी 'खूनी झील' के नाम से मशहूर है.

'दो दशक पहले माइनर्स ने बना दी थी ये मौत की झील'
इस झील के निर्माण के बारे में बात करें तो साल 1990 से पहले यहां पर माइनिंग का काम चलता था. लगातार खुदाई की वजह से झील 250 से 300 फीट गहरी हो गई 1990 में खदान के काम पर रोक लगा दी गई. जिसके बाद इन गहरे गड्ढ़ों को ज्यों का त्यों छोड़ दिया गया. झील की गहराई ज्यादा होने की वजह से बरसात के मौसम में अरावली से विभिन्न धाराओं से निकलकर पानी इस झील को लबालब भर देता है.

झील में डूबकर लगातार हो रही मौतों के बाद प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह बनी कि इन मौतों पर कैसे अंकुश लगाया जाए, किस तरह से युवाओं को इस झील तक पहुंचने से रोका जाए. पुलिस प्रशासन ने कुछ दिन झील के रास्ते में एक चौकी भी बनाई और यहां पर कई चेतावनी बोर्ड भी लगाए, लेकिन वक्त बीतने के साथ पुलिस चौकी को भी हटा दिया गया और आज चेतावनी बोर्ड का अभी कोई पता नहीं है. आलम यह है कि हर साल कई युवा इस झील में डूबकर अपनी जिंदगी गंवा रहे हैं.

'किस्सा हरियाणा के' इस ऐपिसोड में यह थी फरीदाबाद की अरावली में बनी खूनी झील की कहानी. इस कहानी का हर पहलू सच है. अब तक सैकड़ों जिंदगियां इस झील में खत्म हो चुकी हैं. अगर आप भी इंटरटेनमेंट के लिए इंटरनेट पर सर्च कर इस झील पर आना चाहते हैं तो आपको सावधान होने की जरूरत है, क्योंकि इस झील की गहराई जिंदगी छीन सकती है.

Intro:ओपनिंग एंकर--1-- फरीदाबाद में अरावली पर्वतों की श्रृंखला करीब 692 वर्ग किलोमीटर में फैली हुई है इस श्रृंखला में कई झीलें भी हैं जिनमें से एक झील को मौत की झील भी कहा जाता है इस झील के बारे में अब तक आपने केवल सुना ही होगा लेकिन आज ईटीवी भारत पर हम आपको उस खूनी झील को दिखाएंगे भी और बताएंगे भी कि क्यों इस झील को खूनी झील कहा जाता है और खूनी झील के बारे में होने वाली बातों में कितनी सच्चाई है


Body:वीओ- तस्वीरों में यह झील आपको जितनी शांत और सुंदर दिखाई पड़ रही है इस झील का इतिहास उतना ही खतरनाक है इस झील के इस साफ पानी को देखकर आपका मन भी पानी में जाकर नहाने को कर रहा होगा लेकिन आज तक जो इस पानी में गया है वह कभी वापस नहीं आया यह झील अब तक सैकड़ों जिंदगी आ निगल चुकी है और यह संख्या साल दर साल बढ़ती जा रही है इसी कारण इसको खूनी झील का नाम दिया गया है अगर इस झील की लोकेशन की बात करें तो यहां की लोकेशन किसी हॉलीवुड पिक्चर से कम नहीं है और शायद यही कारण है कि लोग और खास तौर से युवा इस झील की तरफ खिंचे चले आते हैं

एंकर-2- पर्वतों के बीच बनी इस खूनी झील तक पहुंचना इतना आसान नहीं है क्योंकि इस झील तक पहुंचने के लिए आपको काफी सारा जंगल और जंगल के बीचोबीच बने दुर्गम रास्ते को पार करना पड़ेगा जिसमें कई प्रकार की अड़चन है आपके सामने आएंगी और इस दुर्गम रास्ते को पार करने के बाद ही झील तक पहुंचा जा सकता है

वीओ- बेहद दुर्गम रास्ते को पार करने के बाद इस झील पर पहुंचा जा सकता है झील पर पहुंचने के बाद शुरुआती नजर में आपको सब कुछ सामान्य लगेगा झील में भरा पानी आप को अपनी ओर आकर्षित भी करेगा और आप अपने आप को झील के पानी में जाने से नहीं रोक पाएंगे क्योंकि झील का पानी एकदम साफ होता है लेकिन झील के पानी में जाने के बाद सब कुछ एकदम से असामान्य हो जाता है और साफ दिखने वाला पानी आपकी जिंदगी निकल सकता है इस दिल तक पहुंचने के लिए जंगल के बीचो बीच बेहद दुर्गम रास्ता है जो आपको पैदल ही पार करना पड़ता है रास्ते में दोनों तरफ जंगली झाड़ियां हैं और पहाड़िया ही पहाड़ियां हैं रास्ता इतना दुर्गम है कि अकेला व्यक्ति रास्ते को तय नहीं कर सकता

एंकर-3- झील में डूबकर होने वाली मौतों का आंकड़ा हर साल बढ़ रहा है और इन मौतों का मुख्य कारण झील की गहराई का अंदाजा ना होना है जिस कारण पानी में जाने के बाद लोग इस गहराई को माफ नहीं पाते और अपनी जिंदगी से हाथ धो बैठते हैं

वीओ- पहाड़ों के बीचो बीच बनी इस खूनी झील की गहराई ढाई सौ से 300 फीट तक है पानी इतना गहरा है कि अगर गलती से एक बार आप नीचे की तरफ जाना शुरू हो ए तो फिर ऊपर आने का सवाल नहीं उठता और यही कारण है कि यहां आने वाले को इसकी गहराई का अंदाजा नहीं होता वेज दिल की गहराई को सामान्य समझते हैं और यही उनकी मौत की वजह बनता है एक आंकड़े बताते हैं कि अब तक 100 से भी ज्यादा लोग जिनमें अधिकतर युवा शामिल हैं इस जेल में डूबकर अपनी जान गवा चुके हैं

एंकर-4- झील में डूबकर हुई मौतों में सबसे ज्यादा संख्या ऐसे युवाओं की है जो दिल्ली या फरीदाबाद के बड़े कॉलेजों और दूसरे शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई करते थे अब सवाल यह उठता है कि आखिर इन युवाओं को इस झील के बारे में जानकारी मिलती कैसे है और यह इतनी गहरी झील बन कैसे गई

वीओ- युवाओं को इस झील के बारे में जानकारी इंटरनेट के माध्यम से मिलती है दिल्ली और उसके आसपास बने कॉलेजों में पढ़ने वाले युवा इंटरनेट पर सर्च करने के बाद इस झील पर रोमांच करने के लिए आते हैं इस झील का नाम इंटरनेट पर डेथ वैली यानी खूनी झील के नाम से मशहूर है इस झील के निर्माण के बारे में बात करें तो सन 1990 से पहले यहां पर खदान का काम चला करता था और लगातार खुदाई की वजह से झील ढाई सौ से 300 फीट गहरी हो गई 1990 में खदान के काम पर रोक लगा दी गई जिसके बाद इन झीलों को जो कि क्यों छोड़ दिया गया झील की गहराई ज्यादा होने के कारण बरसात के मौसम में अरावली से विभिन्न धाराओं से निकलकर पानी इस झील को लबालब भर देता है पानी इतनी ज्यादा मात्रा में होता है कि पूरे साल यह जिले पानी से भरी रहती हैं यहां पर अब तक जितनी भी मौतें हुई हैं उनमें ज्यादातर स्कूल व कॉलेजों के बच्चे शामिल हैं और दिल्ली के युवाओं की संख्या इसमें सबसे ज्यादा है क्योंकि फरीदाबाद और दिल्ली के युवा हिल स्टेशन समझकर यहां झील पर मौज-मस्ती के लिए आते हैं

एंकर-5- फरीदाबाद पुलिस के पास भी इस खूनी झील में डूबकर हुई मौतों का कोई सही आंकड़ा नहीं है क्योंकि यह झील जंगल के इतने अंदर बनी हुई है कि अगर कोई अकेला व्यक्ति यहां पर किसी हादसे का शिकार हो जाता है तो उसकी जानकारी पुलिस को मिलना बेहद कठिन है हालांकि पुलिस ने यहां आने पर रोक लगाई हुई है और पुलिस समय-समय पर पेट्रोलिंग भी करती रहती है लेकिन उसके बावजूद कॉलेजों के युवा रोमांच के लिए पुलिस से छिपकर और दुर्गम रास्तों को पार करते हुए इस दिल पर आते हैं

वीओ- जेल में डूबकर लगातार हो रही मौतों के बाद प्रशासन के सामने सबसे बड़ी बड़ी चुनौती यह बनी कि इन मौतों पर कैसे अंकुश लगाया जाए और किस तरह से युवाओं को इस झील तक पहुंचने से रोका जाए जिसके लिए पुलिस प्रशासन ने कुछ दिन दिल के रास्ते में एक चौकी भी बनाई और यहां पर कई चेतावनी शाइनिंग बोर्ड भी लगाए गए लेकिन वक्त बीतने के साथ पुलिस चौकी को भी हटा दिया गया और आज साइनिंग बोडो को अभी कोई पता नहीं है और आज आलम यह है कि हर साल के युवा इस झील में डूबकर अपनी जिंदगी गवा रहे हैं फरीदाबाद के लोगों ने बताया कि इन युवाओं को झील में जाने से रोकने की कोशिश प्रशासन भी कई बार कर चुका है लेकिन रोमांच की खातिर यह युवा अपनी जान को खतरे में डालते हैं फरीदाबाद के लोगों ने बताया कि खुदाई के बाद इन्हीं लोगों ने पानी भरने के बाद उनकी गहराई का आंकड़ा युवराज नहीं लगा पाते और गहराई ज्यादा होने के कारण इस में नहाने वाले युवा डूब जाते हैं उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन ने युवाओं को रोकने की कोशिश तो बहुत की है लेकिन कोई रुकने को तैयार नहीं है

बाइट-यशपाल , स्थायी निवासी फरीदाबाद
बाइट- अनिल राठी, स्थायी निवासी फरीदाबाद

क्लोजिंग एंकर- यह थी फरीदाबाद की अरावली में बनी खूनी झील की कहानी इस कहानी का हर पहलू सच है और अब तक सैकड़ों जिंदगियां इस झील में खत्म हो चुकी है और इस झील में डूबने का मुख्य कारण इस झील की गहराई है अगर आप भी इंटरटेनमेंट के लिए इंटरनेट पर सर्च करके इस झील पर आना चाहते हैं तो आपको सावधान होने की जरूरत है क्योंकि इस दिल की गहराई आपकी जिंदगी छीन सकती है


Conclusion:फरीदाबाद किरावली मैं बनी खूनी झील हर साल निकल रही है कई जिंदगियां
Last Updated : Jun 23, 2019, 9:08 AM IST
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