ETV Bharat / state

कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए बेहद जरूरी है ऑक्सीजन, जानिए हरियाणा में कैसी है व्यवस्था - हिसार ऑक्सीजन प्लांट

ऑक्सीजन थेरेपी से कोरोना मरीजों की जान बचाई जा रही है. जिस वजह से ऑक्सीजन की खपत ज्यादा हो रही है. अगर ऑक्सीजन की कमी होती है तो कोरोना के गंभीर मरीजों की मौत भी हो सकती है. ऐसे में ये सवाल उठता है कि क्या हरियाणा में कोरोना मरीजों के लिए ऑक्सीजन की व्यवस्था पर्याप्त है?

status of oxygen production capacity in haryana
हरियाणा में कैसी है ऑक्सीजन की उत्पादन क्षमता?
author img

By

Published : Sep 28, 2020, 3:17 PM IST

चंडीगढ़: देश में कोरोना मरीजों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. ऐसे में सामान्य कोरोना मरीजों के लिए बेड की व्यवस्था से लेकर दवाईयां तक, सुनिश्चित करना सरकार के सामने बड़ी चुनौती साबित हो रही है, लेकिन इससे भी बड़ी चुनौती कोरोना वायरस के गंभीर मरीजों के लिए ऑक्सीजन की व्यवस्था करना है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या हरियाणा में कोरोना मरीजों के लिए ऑक्सीन की व्यवस्था प्रयाप्त है? अगर हालात बिगड़ते हैं को क्या इसके लिए हरियाणा सरकार तैयार है?

हरियाणा में इस वक्त ऑक्सीजन सप्लाई करने वाले तीन प्लांट हैं, जिन्हें पहले हरियाणा की ऑक्सीजन कमी पूरी करने के लिए कहा गया है. हरियाणा में इस वक्त चार एयर सेपरेशन यूनिट काम कर रही हैं. जिसमें एयर लिक्विड पानीपत, गुप्ता गैस हिसार, गुप्ता इंडस्ट्रीज गैस हिसार और जिंदल स्टील शामिल हैं. ये चारों कंपनियां पूरे प्रदेश में ऑक्सीजन गैस की सप्लाई करती हैं. इनके अलावा हरियाणा कुछ छोटे-बड़े 10 डीलर भी हैं, जो ऑक्सीजन की कमी पूरा करने का काम कर रहे हैं.

कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए बेहद जरूरी है ऑक्सीजन, जानिए हरियाणा में कैसी है व्यवस्था
  1. पानीपत एयर लिक्विड की क्षमता 240 मीट्रिक टन है
  2. जिंदल स्टील की क्षमता 6.8 मीट्रिक टन है
  3. गुप्ता ऑक्सीजन की क्षमता 3.1 मीट्रिक टन है
  4. गुप्ता इंडस्ट्रीज की क्षमता 2.5 मीट्रिक टन है
  5. प्रदेश के अस्पतालों में 29 क्रायोजेनिक ऑक्सीजन टैंक हैं
  6. पिछले 3 महीनों में लगाए गए 4 क्रायोजेनिक ऑक्सीजन टैंक

हरियाणा में खुलेंगे 3 कोरोना क्रिटिकल केयर सेंटर

इसके अलावा हरियाणा सरकार ने कोरोना से पीड़ित गंभीर मरीजों के इलाज के लिए तीन कोरोना क्रिटिकल केयर सेंटर खोलने का भी फैसला लिया है. ये सेंटर करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज, हिसार के अग्रोहा मेडिकल कॉलेज और रोहतक पीजीआई में बनाए जाएंगे. जहां कोरोना के गंभीर मरीजों का इलाज किया जाएगा. कोरोना क्रिटिकल केयर सेंटर 100-100 बेड की क्षमता वाले होंगे और यहां वेंटिलेटर और ऑक्सीजन जैसी तमाम सुविधाएं मौजूद रहेंगी.

CM का दावा, 'प्रदेश में नहीं ऑक्सीजन की कमी'

कई राज्यों में ऑक्सीजन की कमी के चलते कई तरह के आदेश जारी किए जा रहे हैं. जैसे गहलोत सरकार ने भिवाडी में ऑक्सीजन बनाने वाली कंपनी को फिलहाल दूसरे राज्यों को सप्लाई देने पर रोक लगाई है. हालांकि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने स्पष्ट किया है कि हरियाणा में ऑक्सीजन की कमी नहीं है और ना ही कमी आने दी जाएगी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि कई राज्यों में कोराना के एक्टिव मरीज ज्यादा हैं. जिस वजह से ऑक्सीजन की कमी हो रही है, लेकिन हरियाणा में ना सिर्फ ऑक्सीजन बल्कि वेंटिलेटर और बेड भी पर्याप्त हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की तरफ से 15-15 दिन में एक्शन प्लान तैयार किया जा रहा है. फिलहाल 15 अक्टूबर तक प्रदेश में कोरोना की स्थिति ठीक है.

ये भी पढ़िए: कैथल: इंतजार करते रह गए किसान, रजिस्ट्रेशन के बाद भी नहीं हुई सरकारी खरीद

वहीं पंचकूला सामान्य अस्पताल के डॉक्टर और नोडल अधिकारी जितेंद्र ने बताया कि अस्पताल में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है. बी और डी के सिलेंडर पूरी मात्रा में है. डी टाइप के 85 सिलेंडर और टाइप के 112 सिलेंडर अस्पताल में मौजूद हैं. उन्होंने बताया कि आस्पास 200 के करीब ऑक्सीजन सिलेंडर हैं, जिसकी सप्लाई अलग-अलग अस्पताल में की जा रही है. उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश की आइनॉक्स कंपनी से ऑक्सीजन सिलेंडर की सप्लाई पंचकूला में आती है. वहीं नाइटर्क्स ऑक्सीजन का 6000 किलो लीटर की क्षमता वाला प्लांट, बरोटीवाला में स्तिथ है. वहां से भी जरूरत पड़ने पर तुरंत सप्लाई ली जाती है.

चंडीगढ़: देश में कोरोना मरीजों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. ऐसे में सामान्य कोरोना मरीजों के लिए बेड की व्यवस्था से लेकर दवाईयां तक, सुनिश्चित करना सरकार के सामने बड़ी चुनौती साबित हो रही है, लेकिन इससे भी बड़ी चुनौती कोरोना वायरस के गंभीर मरीजों के लिए ऑक्सीजन की व्यवस्था करना है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या हरियाणा में कोरोना मरीजों के लिए ऑक्सीन की व्यवस्था प्रयाप्त है? अगर हालात बिगड़ते हैं को क्या इसके लिए हरियाणा सरकार तैयार है?

हरियाणा में इस वक्त ऑक्सीजन सप्लाई करने वाले तीन प्लांट हैं, जिन्हें पहले हरियाणा की ऑक्सीजन कमी पूरी करने के लिए कहा गया है. हरियाणा में इस वक्त चार एयर सेपरेशन यूनिट काम कर रही हैं. जिसमें एयर लिक्विड पानीपत, गुप्ता गैस हिसार, गुप्ता इंडस्ट्रीज गैस हिसार और जिंदल स्टील शामिल हैं. ये चारों कंपनियां पूरे प्रदेश में ऑक्सीजन गैस की सप्लाई करती हैं. इनके अलावा हरियाणा कुछ छोटे-बड़े 10 डीलर भी हैं, जो ऑक्सीजन की कमी पूरा करने का काम कर रहे हैं.

कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए बेहद जरूरी है ऑक्सीजन, जानिए हरियाणा में कैसी है व्यवस्था
  1. पानीपत एयर लिक्विड की क्षमता 240 मीट्रिक टन है
  2. जिंदल स्टील की क्षमता 6.8 मीट्रिक टन है
  3. गुप्ता ऑक्सीजन की क्षमता 3.1 मीट्रिक टन है
  4. गुप्ता इंडस्ट्रीज की क्षमता 2.5 मीट्रिक टन है
  5. प्रदेश के अस्पतालों में 29 क्रायोजेनिक ऑक्सीजन टैंक हैं
  6. पिछले 3 महीनों में लगाए गए 4 क्रायोजेनिक ऑक्सीजन टैंक

हरियाणा में खुलेंगे 3 कोरोना क्रिटिकल केयर सेंटर

इसके अलावा हरियाणा सरकार ने कोरोना से पीड़ित गंभीर मरीजों के इलाज के लिए तीन कोरोना क्रिटिकल केयर सेंटर खोलने का भी फैसला लिया है. ये सेंटर करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज, हिसार के अग्रोहा मेडिकल कॉलेज और रोहतक पीजीआई में बनाए जाएंगे. जहां कोरोना के गंभीर मरीजों का इलाज किया जाएगा. कोरोना क्रिटिकल केयर सेंटर 100-100 बेड की क्षमता वाले होंगे और यहां वेंटिलेटर और ऑक्सीजन जैसी तमाम सुविधाएं मौजूद रहेंगी.

CM का दावा, 'प्रदेश में नहीं ऑक्सीजन की कमी'

कई राज्यों में ऑक्सीजन की कमी के चलते कई तरह के आदेश जारी किए जा रहे हैं. जैसे गहलोत सरकार ने भिवाडी में ऑक्सीजन बनाने वाली कंपनी को फिलहाल दूसरे राज्यों को सप्लाई देने पर रोक लगाई है. हालांकि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने स्पष्ट किया है कि हरियाणा में ऑक्सीजन की कमी नहीं है और ना ही कमी आने दी जाएगी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि कई राज्यों में कोराना के एक्टिव मरीज ज्यादा हैं. जिस वजह से ऑक्सीजन की कमी हो रही है, लेकिन हरियाणा में ना सिर्फ ऑक्सीजन बल्कि वेंटिलेटर और बेड भी पर्याप्त हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की तरफ से 15-15 दिन में एक्शन प्लान तैयार किया जा रहा है. फिलहाल 15 अक्टूबर तक प्रदेश में कोरोना की स्थिति ठीक है.

ये भी पढ़िए: कैथल: इंतजार करते रह गए किसान, रजिस्ट्रेशन के बाद भी नहीं हुई सरकारी खरीद

वहीं पंचकूला सामान्य अस्पताल के डॉक्टर और नोडल अधिकारी जितेंद्र ने बताया कि अस्पताल में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है. बी और डी के सिलेंडर पूरी मात्रा में है. डी टाइप के 85 सिलेंडर और टाइप के 112 सिलेंडर अस्पताल में मौजूद हैं. उन्होंने बताया कि आस्पास 200 के करीब ऑक्सीजन सिलेंडर हैं, जिसकी सप्लाई अलग-अलग अस्पताल में की जा रही है. उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश की आइनॉक्स कंपनी से ऑक्सीजन सिलेंडर की सप्लाई पंचकूला में आती है. वहीं नाइटर्क्स ऑक्सीजन का 6000 किलो लीटर की क्षमता वाला प्लांट, बरोटीवाला में स्तिथ है. वहां से भी जरूरत पड़ने पर तुरंत सप्लाई ली जाती है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.