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HC में हरियाणा सरकार ने बताया कि क्यों बंद करना पड़ा था इंटरनेट - Haryana government highcourt answers internet close

इंटरनेट बंद करने पर हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट में जवाब दिया है. सरकार की तरफ से साफ कहा गया है कि हालात को देखते हुए सरकार ने ये कदम उठाया था.

state government told in high court why internet suspend in haryana
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Published : Feb 9, 2021, 1:08 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा में इंटरनेट सेवाएं सस्पेंड करने के मामले में प्रदेश सरकार ने कोर्ट को बताया कि इंटरनेट सेवाएं बहाल कर दी गई है. इसके बाद हाईकोर्ट ने पूछा कि हरियाणा सरकार क्या यह सुनिश्चित करती है कि आगे से इंटरनेट सेवाएं बंद नहीं की जाएगी. इसके जवाब में हरियाणा सरकार के वकील ने कहा कि ऐसा हम नहीं कह सकते है कि आगे क्या होगा.

इंटरनेट बंद पर सरकार ने कोर्ट में दिया जवाब

उन्होंने कहा कि हमने इंटरनेट सेवाएं सुरक्षा और कानून व्यवस्था बनाए रखने के चलते सस्पेंड की थी. अगर कोई इनपुट मिलता है या ऐसे हालात बनते हैं तो फिर से इंटरनेट सेवाएं सस्पेंड की जा सकती है. सरकार ने कहा कि हालातों के मद्देनजर आगे भी इंटरनेट सेवाएं सस्पेंड की जा सकती है.

केंद्र सरकार ने जवाब देने के लिए मांगा समय

कोर्ट ने हरियाणा सरकार से पूछा कि इंटरनेट लोगों का फंडामेंटल राइट है. आप किस आधार पर इंटरनेट सेवाएं सस्पेंड कर सकते हैं. हरियाणा सरकार के वकील लोकेश सिंघल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों में ये साफ है कि इंटरनेट लोगों का फंडामेंटल राइट है लेकिन उसमें कंडीशन लगाई गई है. यानी कि अगर ऐसे हालात बन जाएगी इंटरनेट सेवाएं सस्पेंड करनी है तो स्पीकिंग ऑर्डर के जरिए इंटरनेट सेवाएं सस्पेंड की जा सकती है.

कोर्ट ने हरियाणा सरकार से पूछा कि क्या आपने और केंद्र सरकार ने स्पीकिंग ऑर्डर जारी किए थे जिस पर हरियाणा सरकार ने बताया कि हमने स्पीकिंग ऑर्डर जारी किए थे लेकिन क्या केंद्र ने स्पीकिंग ऑर्डर जारी किए थे या नहीं इसके लिए जवाब देने के लिए केंद्र सरकार के वकील ने समय लिया है अब इस मामले की अगली सुनवाई 11 फरवरी को होगी.

इस वजह से बंद करना पड़ा था इंटरनेट

गौरतलब है कि 26 जनवरी को किसानों के आंदोलन के दौरान दिल्ली में हिंसा की तस्वीरें सामने आई थी. जिसके बाद कई तरह की इनपुट सरकार के हाथ लगी थी. जिसके चलते सिंघु बॉर्डर, हरियाणा के लगभग सभी जिलों और अन्य जगहों पर इंटरनेट की सेवाएं सस्पेंड कर दी गई थी. हरियाणा के कुछ वकीलों ने हाईकोर्ट का रुख किया था कि इतने सेवाएं बहाल करने की मांग की थी.

ये भी पढ़ें- आज कुरुक्षेत्र में होगी राकेश टिकैत की किसान महापंचायत

इंटरनेट बंद करने को लेकर डाली गई थी याचिका

याचिका में कहा गया है कि में संभावनाओं को देखते हुए सारा जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगाना तर्कसंगत नहीं है. वर्तमान में जब केंद्र सरकार डिजिटल इंडिया का सपना संजो रही हो तब बिना किसी ठोस वजह से पूर्ण रूप से इतने सेवा बंद करना किसी अन्याय से कम नहीं है. उन्होंने कहा कि इंटरनेट आज के समय में हर किसी नागरिक की दिनचर्या का हिस्सा बन गया है.

चंडीगढ़: हरियाणा में इंटरनेट सेवाएं सस्पेंड करने के मामले में प्रदेश सरकार ने कोर्ट को बताया कि इंटरनेट सेवाएं बहाल कर दी गई है. इसके बाद हाईकोर्ट ने पूछा कि हरियाणा सरकार क्या यह सुनिश्चित करती है कि आगे से इंटरनेट सेवाएं बंद नहीं की जाएगी. इसके जवाब में हरियाणा सरकार के वकील ने कहा कि ऐसा हम नहीं कह सकते है कि आगे क्या होगा.

इंटरनेट बंद पर सरकार ने कोर्ट में दिया जवाब

उन्होंने कहा कि हमने इंटरनेट सेवाएं सुरक्षा और कानून व्यवस्था बनाए रखने के चलते सस्पेंड की थी. अगर कोई इनपुट मिलता है या ऐसे हालात बनते हैं तो फिर से इंटरनेट सेवाएं सस्पेंड की जा सकती है. सरकार ने कहा कि हालातों के मद्देनजर आगे भी इंटरनेट सेवाएं सस्पेंड की जा सकती है.

केंद्र सरकार ने जवाब देने के लिए मांगा समय

कोर्ट ने हरियाणा सरकार से पूछा कि इंटरनेट लोगों का फंडामेंटल राइट है. आप किस आधार पर इंटरनेट सेवाएं सस्पेंड कर सकते हैं. हरियाणा सरकार के वकील लोकेश सिंघल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों में ये साफ है कि इंटरनेट लोगों का फंडामेंटल राइट है लेकिन उसमें कंडीशन लगाई गई है. यानी कि अगर ऐसे हालात बन जाएगी इंटरनेट सेवाएं सस्पेंड करनी है तो स्पीकिंग ऑर्डर के जरिए इंटरनेट सेवाएं सस्पेंड की जा सकती है.

कोर्ट ने हरियाणा सरकार से पूछा कि क्या आपने और केंद्र सरकार ने स्पीकिंग ऑर्डर जारी किए थे जिस पर हरियाणा सरकार ने बताया कि हमने स्पीकिंग ऑर्डर जारी किए थे लेकिन क्या केंद्र ने स्पीकिंग ऑर्डर जारी किए थे या नहीं इसके लिए जवाब देने के लिए केंद्र सरकार के वकील ने समय लिया है अब इस मामले की अगली सुनवाई 11 फरवरी को होगी.

इस वजह से बंद करना पड़ा था इंटरनेट

गौरतलब है कि 26 जनवरी को किसानों के आंदोलन के दौरान दिल्ली में हिंसा की तस्वीरें सामने आई थी. जिसके बाद कई तरह की इनपुट सरकार के हाथ लगी थी. जिसके चलते सिंघु बॉर्डर, हरियाणा के लगभग सभी जिलों और अन्य जगहों पर इंटरनेट की सेवाएं सस्पेंड कर दी गई थी. हरियाणा के कुछ वकीलों ने हाईकोर्ट का रुख किया था कि इतने सेवाएं बहाल करने की मांग की थी.

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इंटरनेट बंद करने को लेकर डाली गई थी याचिका

याचिका में कहा गया है कि में संभावनाओं को देखते हुए सारा जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगाना तर्कसंगत नहीं है. वर्तमान में जब केंद्र सरकार डिजिटल इंडिया का सपना संजो रही हो तब बिना किसी ठोस वजह से पूर्ण रूप से इतने सेवा बंद करना किसी अन्याय से कम नहीं है. उन्होंने कहा कि इंटरनेट आज के समय में हर किसी नागरिक की दिनचर्या का हिस्सा बन गया है.

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