चंडीगढ़: हरियाणा सहित पूरे देश में कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है. अगर बात चंडीगढ़ की करें तो यहां अब तक 440 कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने आ चुके हैं, जिनमें से ज्यादातर मरीज ठीक हो चुके हैं और बाकी का इलाज जारी है. इसके लिए चंडीगढ़ पीजीआई में खास तौर पर कोविड अस्पताल बनाया गया है. जहां मरीजों का इलाज किया है.
चंडीगढ़ पीजीआई में मरीजों का रिकवरी रेट 99% है. यहां पर मरीजों का खास तरीके से ख्याल रखा जा रहा है. मरीजों को किसी तरह का तनाव ना हो इसके लिए डॉक्टर्स दिन रात मेहनत कर रहे हैं. चंडीगढ़ पीजीआई की डॉक्टर नीति डोगरा ने बताया कि बहुत से मरीज इलाज के दौरान मानसिक तनाव के शिकार हो जाते हैं. वो खुद को समाज से कटा हुआ महसूस करने लगते हैं और कई दिनों तक एक जगह पर बंद रहने की वजह से अवसाद का शिकार भी हो जाते हैं.
'अस्पताल में घर जैसा माहौल'
डॉ. नीति डोगरा ने बताया कि चंडीगढ़ पीजीआई में मरीजों को किसी तरह का मानिसक तनाव ना हो इसका खास ध्यान रखा जा रहा है. उन्होंने बताया कि पहली बात तो डॉक्टर्स मरीजों को ये समझाते हैं कि पीजीआई में मरीज के ठीक होने का रिकवरी रेट 99% है, इसलिए उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है.
उन्होंने बताया कि पीजीआई में कोविड अस्पताल के अंदर अलग से एक ऐसा एरिया बनाया गया है. जहां पर मरीज सूरज की धूप और बाहर के वातावरण को देख सकता है. जो मरीज बिना ऑक्सीजन के सांस ले सकते हैं उन्हें नियमित तौर पर वहां लेकर जाया जाता है. इसके अलावा पीजीआई की ओर से कोविड वार्ड के अंदर मोबाइल फोन भी मुहैया करवाए गए हैं, जिनसे डॉक्टर मरीजों की उनके परिवार से बात करवाता है, ताकि उन्हें अकेलापन महसूस ना हो.
मरीजों से समय-समय पर बात करते हैं डॉक्टर्स
डॉ. नीति ने बताया कि पीजीआई के डॉक्टर समय-समय पर मरीजों के पास जाते हैं और मरीजों के पास बैठकर उनसे बातें करते हैं. जिससे उन्हें अच्छा महसूस हो. उन्होंने बताया कि डॉक्टर पीपीई किट में होते हैं, इसलिए मरीज उन्हें पहचान नहीं पाते हैं. ऐसे में डॉक्टर रोज मरीजों को अपना नाम बताते हैं, ताकि मरीज डॉक्टर को पहचान सके और अच्छे से इलाज में मदद करे.
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PGI में बनाया गया ग्रीन कॉरिडोर
इसके अलावा डॉ. नीति ने बताया कि पीजीआई में कोरोना मरीजों के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया है. जहां हर मरीज को सुबह और शाम वॉक करवाई जाती है, उन्हें बाहर का वातावरण दिखाया जाता है ताकि वो थोड़ा अच्छा महसूस करें.
डॉ नीति ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि जिस व्यक्ति को कोरोना हो गया है इसका मतलब ये नहीं है कि वो समाज से कट चुका है. मरीज ठीक होने के बाद बिल्कुल सामान्य हो जाता है और तब उससे किसी को कोई खतरा नहीं रहता. हम सब लोगों की ये जिम्मेदारी बनती है कि हम मरीजों को अकेला ना महसूस होने दें. उनके साथ सामान्य व्यवहार करें. हम उससे भी उतनी ही सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर रखें जितनी हम दूसरे लोगों से बना कर रख रहे हैं.