चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल का अकाली विधायकों की तरफ से बुधवार को विधानसभा के बजट सत्र के बाद घेराव के प्रयास के मामले को लेकर चंडीगढ़ में शुक्रवार को अहम बैठक हुई. इसमें हरियाणा विधानसभा के स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता, पंजाब के अधिकारी, चंडीगढ़ पुलिस के अधिकारी और हरियाणा पुलिस के अधिकारी, जिनमें हरियाणा के डीजीपी और हरियाणा के गृह सचिव भी मौजूद रहे.
इस दौरान पंजाब और हरियाणा विधानसभा के सचिव भी मौजूद रहे. इस दौरान हरियाणा विधानसभा के स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने इस घटना पर निंदा जाहिर करते हुए कहा कि उन्होंने हरियाणा के डीजीपी को आदेश दिए हैं कि ये घटना क्यों हुई और इसके पीछे जिम्मेदार कौन है इसके लिए एक कमेटी बनाकर 5 दिनों में रिपोर्ट दें.
विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा के मुख्यमंत्री पर हमला करने का प्रयास किया गया है, यह बेहद गंभीर विषय है. उन्होंने कहा कि हरियाणा विधानसभा का अपना परिसर है उसमें आकर इस प्रकार का कार्य करना निंदनीय और अशोभनीय है.
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हरियाणा के मुख्यमंत्री के प्रिविलेज पर भी प्रहार है, यह घटना क्यों घटी इसके लिए कौन जिम्मेदार है इसके लिए डीजीपी हरियाणा को कमेटी बनाकर 5 दिनों में जिम्मेदारी फिक्स करने और रिपोर्ट देने को कहा है. इस तरह की घटना फिर से भविष्य में ना हो, इस पर क्या कार्रवाई करनी चाहिए इसके बारे में भी सुझाव देने को कहा गया है.
गौरतलब है कि बुधवार को सत्र की कार्यवाही के बाद पंजाब के अकाली दल के विधायकों ने पार्किंग एरिया में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल का घेराव करने का प्रयास किया था. वहीं हरियाणा विधानसभा के स्पीकर ने पंजाब विधानसभा स्पीकर को फोन कर इस पर नाराजगी जाहिर की थी.
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वहीं सीएम मनोहर लाल का घेराव और अभद्र व्यवहार करने वाले पंजाब के विधायकों के खिलाफ हरियाणा विधानसभा सचिवालय एफआईआर दर्ज करवाएगा. इस दौरान सुरक्षा में लापरवाही बरतने वाले पुलिस अधिकारियों पर भी गाज गिर सकती है. मामले की जांच के लिए विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने हरियाणा के गृह विभाग के प्रधान सचिव, पुलिस महानिदेशक मनोज यादव समेत विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं.
ये जांच दोनों प्रदेशों और यूपी के अधिकारियों की संयुक्त कमेटी करेगी. विधानसभा सचिवालय में शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष की ओर से बुलाई बैठक में विधानसभा उपाध्यक्ष रणबीर गंगवा, विधानसभा सचिव राजेंद्र नांदल व हरियाणा पंजाब और यूटी चंडीगढ़ के अधिकारी मौजूद रहे. इस दौरान 10 मार्च की घटना का विस्तृत ब्यौरा लिया गया. इस मामले पर 15 मार्च को हरियाणा विधानसभा के सदन में भी चर्चा होगी.
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