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लॉकडाउन में बेहाल हुए बुटीक बिजनेस को अनलॉक में ऑनलाइन का सहारा

अनलॉक के बाद चंडीगढ़ के बुटीक वालों की उम्मीद जगी है. लॉकडाउन खुलने के बाद लोग कोरोना के डर से बाहर निकलने से कतरा रहे हैं तो ऐसे में अब बुटीक मालिकों ने ऑनलाइन ऑर्डर लेना शुरू कर दिया है, ताकि अपने बिजनेस को फिर से पटरी ला सकें. चंडीगढ़ में कैसी ही बुटीक वालों की स्थिति, देखिए ये रिपोर्ट.

Corona badly effect on boutique business in chandigarh
Corona badly effect on boutique business in chandigarh
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Published : Aug 17, 2020, 6:46 PM IST

Updated : Aug 17, 2020, 7:31 PM IST

चंडीगढ़: कोरोना महामारी ने देश-दुनिया में हर क्षेत्र पर असर डाला है. ऐसे में लॉकडाउन और कोरोना के दौर में सबसे बुरा असर उन लोगों पर पड़ा है जो अपने दिन की मेहनत से अपना और अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं. ऐसा ही एक तबका है बुटीक वालों का है, जिनकी रोजी-रोटी कपड़ों के इस व्यापार से चलती है.

कोरोना की मार झेलते बुटीक व्यापारी

लॉकडाउन के बाद सरकार ने अनलॉक की प्रक्रिया शुरू कर दी, ताकि जो व्यापार और उद्योग संकट के दौर से गुजर रहे हैं, वो दोबारा से पटरी पर आ सकें. अनलॉक-3 के बाद बुटीक व्यापारी पहले की तरह सामान्य तो नहीं हो पाए हैं, लेकिन फिर भी थोड़ा बहुत काम शुरू हो गया है.

लॉकडाउन ने डाउन किया बिजनेस

चंडीगढ़ के सेक्टर-37 में बुटीक चलाने वाली परमिंदर कौर ने कहा कि लॉकडाउन से बुरा दौर उन्होंने कभी भी नहीं देखा था. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के दौरान उनका बुटीक का बिजनेस लगभग बंद हो गया था. अनलॉक से राहत तो मिली है, लेकिन अभी स्थिति को संभलने में काफी समय लगेगा. उनकी मानें तो लॉकडाउन के बाद बुटीक के काम में 50 फ़ीसदी से ज्यादा गिरावट आई है. कोरोना का खौफ ऐसा है कि लोग अब खुद बुटीक में आने की बजाय व्हाट्सएप से ही ऑर्डर दे रहे हैं.

अनलॉक से बुटीक वालों की जगी उम्मीदें, ऑर्डर लेने के निकाले नए तरीके, देखिए ये रिपोर्ट

स्थिति को समय पर छोड़ा

उन्होंने बताया कि कोरोना के चलते अब शादियों की तारीखें टल गई हैं. लॉकडाउन से पहले तक शादियों के सीजन में काफी ज्यादा काम होता था, लेकिन अब वो काम भी न के बराबर हो गया है. बुटीक वालों ने अब सब कुछ समय पर छोड़ दिया है. उन्हें आशा है कि अगले कुछ महीनों में काम सामान्य होना शुरू हो जाएगा.

किराया देना हुआ मुश्किल

चंडीगढ़ में न्यू लुक्स नाम से बुटीक से चलाने वाली परम कौर ने बताया कि लॉकडाउन के बाद काम इतना कम हो गया है कि शोरूम का किराया भी अपनी जेब से देना पड़ रहा है. वो मुश्किल से कारीगरों की सैलरी निकाल पा रही हैं. जहां पहले प्रतिदिन 7 से 8 ग्राहक कपड़े बनवाने के लिए पहुंचते थे. वहीं अब हफ्ते में एक या दो लोग ही आते हैं.

ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से मिला सहारा

अब लोग कपड़े ऑर्डर करने के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का सहारा भी ले रहे हैं. उन्होंने बताया कि अगस्त का महीना जुलाई के महीने से तो ठीक जा रहा है. बहरहाल बुटीक वालों को अनलॉक से राहत तो मिली है, लेकिन अभी स्थिति को संभलने में थोड़ा और वक्त लगेगा. उम्मीद है कि सितंबर से स्थिति ज्यादा बेहतर होगी और बुटीक वालों का बिजनेस फिर से पटरी पर लौट आएगा.

ये भी पढ़ें- भिवानी के किसानों के लिए आफत बनी सफेद मक्खी, देखिए ये रिपोर्ट

चंडीगढ़: कोरोना महामारी ने देश-दुनिया में हर क्षेत्र पर असर डाला है. ऐसे में लॉकडाउन और कोरोना के दौर में सबसे बुरा असर उन लोगों पर पड़ा है जो अपने दिन की मेहनत से अपना और अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं. ऐसा ही एक तबका है बुटीक वालों का है, जिनकी रोजी-रोटी कपड़ों के इस व्यापार से चलती है.

कोरोना की मार झेलते बुटीक व्यापारी

लॉकडाउन के बाद सरकार ने अनलॉक की प्रक्रिया शुरू कर दी, ताकि जो व्यापार और उद्योग संकट के दौर से गुजर रहे हैं, वो दोबारा से पटरी पर आ सकें. अनलॉक-3 के बाद बुटीक व्यापारी पहले की तरह सामान्य तो नहीं हो पाए हैं, लेकिन फिर भी थोड़ा बहुत काम शुरू हो गया है.

लॉकडाउन ने डाउन किया बिजनेस

चंडीगढ़ के सेक्टर-37 में बुटीक चलाने वाली परमिंदर कौर ने कहा कि लॉकडाउन से बुरा दौर उन्होंने कभी भी नहीं देखा था. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के दौरान उनका बुटीक का बिजनेस लगभग बंद हो गया था. अनलॉक से राहत तो मिली है, लेकिन अभी स्थिति को संभलने में काफी समय लगेगा. उनकी मानें तो लॉकडाउन के बाद बुटीक के काम में 50 फ़ीसदी से ज्यादा गिरावट आई है. कोरोना का खौफ ऐसा है कि लोग अब खुद बुटीक में आने की बजाय व्हाट्सएप से ही ऑर्डर दे रहे हैं.

अनलॉक से बुटीक वालों की जगी उम्मीदें, ऑर्डर लेने के निकाले नए तरीके, देखिए ये रिपोर्ट

स्थिति को समय पर छोड़ा

उन्होंने बताया कि कोरोना के चलते अब शादियों की तारीखें टल गई हैं. लॉकडाउन से पहले तक शादियों के सीजन में काफी ज्यादा काम होता था, लेकिन अब वो काम भी न के बराबर हो गया है. बुटीक वालों ने अब सब कुछ समय पर छोड़ दिया है. उन्हें आशा है कि अगले कुछ महीनों में काम सामान्य होना शुरू हो जाएगा.

किराया देना हुआ मुश्किल

चंडीगढ़ में न्यू लुक्स नाम से बुटीक से चलाने वाली परम कौर ने बताया कि लॉकडाउन के बाद काम इतना कम हो गया है कि शोरूम का किराया भी अपनी जेब से देना पड़ रहा है. वो मुश्किल से कारीगरों की सैलरी निकाल पा रही हैं. जहां पहले प्रतिदिन 7 से 8 ग्राहक कपड़े बनवाने के लिए पहुंचते थे. वहीं अब हफ्ते में एक या दो लोग ही आते हैं.

ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से मिला सहारा

अब लोग कपड़े ऑर्डर करने के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का सहारा भी ले रहे हैं. उन्होंने बताया कि अगस्त का महीना जुलाई के महीने से तो ठीक जा रहा है. बहरहाल बुटीक वालों को अनलॉक से राहत तो मिली है, लेकिन अभी स्थिति को संभलने में थोड़ा और वक्त लगेगा. उम्मीद है कि सितंबर से स्थिति ज्यादा बेहतर होगी और बुटीक वालों का बिजनेस फिर से पटरी पर लौट आएगा.

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Last Updated : Aug 17, 2020, 7:31 PM IST
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