चंडीगढ़: बुधवार को सिंघु और टिकरी बॉर्डर के नजदीक लगते गांवों के प्रतिनिधिमंडल ने सीएम मनोहर लाल (Border Villagers Meeting CM Manohar Lal) से मुलाकात की. ग्रामीणों के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री के सामने दोनों बॉर्डर्स एक साइड के रास्ते की मांग की है. ग्रामीणों ने सीएम के सामने आंदोलन से रास्ते बंद होने की वजह से अपनी परेशानियों को रखा. वहीं ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर रास्ता खाली नहीं हुआ तो 4 अक्टूबर को जबरन खाली करवाया जाएगा.
प्रतिनिधियों ने कहा कि आंदोलन की वजह से पिछले 10 महीनों से सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर रास्ता बंद पड़ा है. जिस वजह से हम लोग बहुत परेशान हैं, हमारे काम धंधे बंद हो चुके हैं और सभी गांव के लोग आर्थिक नुकसान झेल रहे हैं. उनका साफ तौर पर कहना था कि बॉर्डर पर बैठे लोग किसान नहीं है, बल्कि वो किराए पर लाए गए लोग हैं. ग्रामीणों ने कहा कि अगर सच में किसान होते तो, वो दूसरे किसानों का नुकसान नहीं करते.
प्रतिनिधिमंडल ने लगाया आरोप: सीएम के सामने प्रतिनिधिमंडल ने आरोप लगाया कि दोनों बॉर्डर पर आंदोलन के नाम पर कई तरह के अवैध काम किए जा रहे हैं. यहां पर नशे की सप्लाई भी हो रही है. इतना ही नहीं यहां पर बहुत से अपराधी किस्म के लोग बैठे हैं, जिस वजह से गांव की महिलाओं को घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है.
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किसानों को दी चेतावनी: आखिर में इस प्रतिनिधिमंडल ने सरकार और धरने पर बैठे किसानों को चेतावनी दी कि अगले 24 घंटे में रास्ता खोल दें, नहीं तो उन्हें मजबूरी में खुद सख्त कदम उठाने होंगे. प्रतिनिधिमंडल ने किसानों को 4 अक्टूबर तक रास्ते खाली करने का अल्टिमेटम दिया है. उनका कहना है कि अगर किसान 4 अक्टूबर तक रास्त खाली नहीं करते हैं तो वो जबरदस्ती रास्ते खाली करवाना शुरू कर देंगे.
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